प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गंगा जल की गुणवत्ता व प्रवाह बनाए रखने के लिए माघ मेले के दौरान इसके प्रदूषण स्तर की नियमित जांच करने का निर्देश दिया है . कोर्ट ने कहा कि कानपुर और प्रयागराज संगम पर हर दिन प्रदूषण स्तर की जांच की जाए ताकि गंगाजल की गुणवत्ता को मेले के दौरान बनाए रखा जा सके. कोर्ट ने पॉलीथिन पर रोक को लेकर नगर निगम द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट पर भी अधिकारियों को बेहतर तरीके से काम करने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने यह भी कहा है कि आगामी महाकुंभ मेले से पूर्व प्रशासन के अधिकारी महाधिवक्ता के साथ बैठक कर सभी इंतजामों को पूरा करना सुनिश्चित कर लें.
प्रयागराज में गंगा में प्रदूषण (pollution in ganga in prayagraj) को लेकर याचिका पर कोर्ट ने गुरुवार को यह कहते हुए सुनवाई टाल दी थी कि महाधिवक्ता निर्देश देने के बावजूद सरकार का पक्ष रखने के लिए अदालत में हाजिर नहीं है. कोर्ट के निर्देश को देखते हुए शुक्रवार को महाधिवक्ता स्वयं अदालत में उपस्थित हुए. याचिकाकर्ताओं और एमिकस क्यूरी ने कोर्ट को बताया कि कानपुर की टेनरियों से प्रदूषित जल गंगा में बहाया जा रहा है, जिससे गंगाजल की गुणवत्ता खराब हो गई है.
इस पर महाधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि कानपुर और प्रयागराज के प्रशासनिक अधिकारी आपस में संपर्क में है तथा कानपुर की टेनरियों से छोड़े जाने वाले प्रदूषित जल को बंद करा दिया गया है. साथ ही गंगा में पर्याप्त जल की उपलब्धता बनाए रखने के लिए और अधिक मात्रा में जल छोड़ा जाएगा. इस पर कोर्ट ने कहा कि गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए इसके प्रदूषण स्तर व प्रवाह की नियमित जांच की जाए. गंगाजल की नियमित जांच (Regular Test of Gangajal) के लिए पूर्व में भी कोर्ट ने ऐसा आदेश दिया था.
नगर निगम की ओर से पॉलीथिन पर प्रतिबंध लगाए जाने को लेकर एक रिपोर्ट प्रस्तुत की गई जिसमें बताया गया कि पॉलिथीन के प्रयोग पर प्रतिबंध लगाने के लिए नगर निगम की ओर से लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. तथा तमाम लोगों का चालान किया गया है इस पर कोर्ट का कहना था कि अधिकारियों को रैंडम चेकिंग करके और प्रभावी तरीके से कार्रवाई करनी चाहिए गंगा में गिर रहे गंदे नालों को बंद कराए जाने को लेकर उठाए गए सवाल पर कोर्ट का कहना था कि गंगा में गिर रहे नालों को पूरी तरीके से बंद कराने का निर्देश तब तक नहीं दिया जा सकता है जब तक कि इसके पानी को कहीं अन्य ले जाने या ट्रीटमेंट करने को लेकर कोई विकल्प नहीं बताया जाता है.
मौजूदा समय में एसटीपी की क्षमता उत्सर्जित होने वाले सीवेज से कम है. कोर्ट को बताया गया कि सिर्फ 60 फ़ीसदी घरों को ही सीवर लाइन से जोड़ा गया है तथा 40 फ़ीसदी घरों को सीवर लाइन से जोड़ने का काम अभी भी बाकी है. माघ मेला 2023 को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट का कहना था कि बचे हुए घरों को भी सीवर लाइन से जोड़ने का काम जल्द पूरा किया जाए. आगामी महाकुंभ को देखते हुए कोर्ट नेम कहा कि इस मामले से जुड़े हुए सभी अधिकारी महाधिवक्ता के साथ बैठक करके सभी मसलों पर चर्चा कर लें ताकि सभी आवश्यक कार्य समय रहते हुए पूरे किए जा सके. महाधिवक्ता ने कोर्ट में आश्वासन दिया कि या डबल इंजन की सरकार है और बहुत बेहतर काम करेगी.
ये भी पढ़ें- हरदोई में दिल्ली जैसी घटना होते-होते बची, कार ने 1 किमी तक छात्र को घसीटा