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तूतीकोरिन गोलीबारी घटना लोकतंत्र पर धब्बा : मद्रास हाई कोर्ट - Madras High Court

तमिलनाडु के तूतीकोरिन गोलीकांड पर मद्रास हाई कोर्ट ने कहा कि विरोध कानूनी या गैर-कानूनी हो सकता है, लेकिन किसी भी कॉर्पोरेट कंपनी के इशारे पर नागरिकों पर गोलीबारी नहीं की जा सकती है.

Thoothukudi firing
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Published : Sep 13, 2021, 7:38 PM IST

चेन्नई : मद्रास हाई कोर्ट (Madras High Court) ने सोमवार को टिप्पणी की कि तूतीकोरिन में स्टरलाइट कंपनी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों पर गोलीबारी की घटना लोकतंत्र पर एक धब्बा है. मुख्य न्यायाधीश संजीब बनर्जी (Chief Justice Sanjib Banerjee) की अध्यक्षता वाली पीठ ने मामले में एनएचआरसी जांच फिर से शुरू करने की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की.

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने सीलबंद लिफाफे में अदालत में अपनी जांच रिपोर्ट सौंपी है. वहीं, याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में अदालत से रिपोर्ट को सार्वजनिक करने का अनुरोध किया है.

याचिका पर सुनवाई करते हुए पीठ ने एएसजी कार्यालय, याचिकाकर्ता और राज्य सरकार को रिपोर्ट की प्रतियां भेजने का आदेश दिया. साथ ही अदालत ने प्राप्तकर्ताओं को निर्देश दिया कि वे रिपोर्ट को सार्वजनिक न करें.

साल 2018 की गोलीबारी की घटना पर मुख्य न्यायाधीश बनर्जी ने कहा कि विरोध कानूनी या गैर-कानूनी हो सकता है, लेकिन किसी भी कॉर्पोरेट कंपनी के इशारे पर नागरिकों पर गोलीबारी नहीं की जा सकती है. हमें कोशिश करनी होगी कि इस तरह की घटना दोबारा न हो.

इस बीच, हाई कोर्ट ने पीड़ित परिवारों के लिए वर्तमान सरकार के मुआवजे के उपायों की भी सराहना की और तमिलनाडु सरकार से उन्हें मुआवजा और परामर्श देने के लिए कदम उठाने को भी कहा.

चेन्नई : मद्रास हाई कोर्ट (Madras High Court) ने सोमवार को टिप्पणी की कि तूतीकोरिन में स्टरलाइट कंपनी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों पर गोलीबारी की घटना लोकतंत्र पर एक धब्बा है. मुख्य न्यायाधीश संजीब बनर्जी (Chief Justice Sanjib Banerjee) की अध्यक्षता वाली पीठ ने मामले में एनएचआरसी जांच फिर से शुरू करने की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की.

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने सीलबंद लिफाफे में अदालत में अपनी जांच रिपोर्ट सौंपी है. वहीं, याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में अदालत से रिपोर्ट को सार्वजनिक करने का अनुरोध किया है.

याचिका पर सुनवाई करते हुए पीठ ने एएसजी कार्यालय, याचिकाकर्ता और राज्य सरकार को रिपोर्ट की प्रतियां भेजने का आदेश दिया. साथ ही अदालत ने प्राप्तकर्ताओं को निर्देश दिया कि वे रिपोर्ट को सार्वजनिक न करें.

साल 2018 की गोलीबारी की घटना पर मुख्य न्यायाधीश बनर्जी ने कहा कि विरोध कानूनी या गैर-कानूनी हो सकता है, लेकिन किसी भी कॉर्पोरेट कंपनी के इशारे पर नागरिकों पर गोलीबारी नहीं की जा सकती है. हमें कोशिश करनी होगी कि इस तरह की घटना दोबारा न हो.

इस बीच, हाई कोर्ट ने पीड़ित परिवारों के लिए वर्तमान सरकार के मुआवजे के उपायों की भी सराहना की और तमिलनाडु सरकार से उन्हें मुआवजा और परामर्श देने के लिए कदम उठाने को भी कहा.

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