भोपाल: भोपाल के पिपलानी इलाके में एक ही परिवार के पांच सदस्यों के जहर खा लेने की घटना में मरने वालों की संख्या रविवार को बढ़कर चार हो गई. पुलिस के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. पुलिस अधिकारी ने बताया कि कर्ज से परेशान संजीव जोशी (47), उसकी मां नंदिनी (67), पत्नी अर्चना (45), बेटियां ग्रिशमा (21) और पूर्वी (16) ने बृहस्पतिवार की रात कथित रूप से जहर से भरी कोल्ड ड्रिंक पी ली थी। पेशे से मैकेनिक जोशी और परिवार ने व्हाट्सऐप पर इस घटना की ‘लाइव स्ट्रीमिंग’ भी की थी. अधिकारी ने बताया कि जोशी ने जहर का प्रभाव जांचने के लिए पहले अपने कुत्ते को जहर दिया था, जिससे कुत्ता मर गया था.
पिपलानी थाना प्रभारी अजय नायर ने कहा, ‘नंदिनी और पूर्वी की शुक्रवार और ग्रिशमा की शनिवार सुबह को अस्पताल में मौत हो गई जबकि संजीत जोशी ने रविवार को इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। घटना में मरने वालों की संख्या चार हो गई। संजीव की पत्नी अर्चना का उपचार अस्पताल में किया जा रहा है.'
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अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेश सिंह भदौरिया ने शुक्रवार को कहा था कि जोशी ने सात से आठ लोगों से कर्ज लिया था। नायर ने बताया कि पुलिस ने चार महिलाओं के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज कर आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
क्या है पूरा मामला
एक ही परिवार के पांच सदस्यों द्वारा जहर खाने से हुई मौतों में अब घर के मुखिया संजीव जोशी का नाम भी जुड़ गया है. रविवार को संजीव जोशी ने भी दम तोड़ दिया. अब केवल पत्नी अर्चना जोशी बची हैं. मौत से पहले संजीव ने कई खुलासे किये हैं. पुलिस को दिये बयान में संजीव जोशी ने बबली गैंग का जिक्र किया है. उसने बताया कि बबली गैंग के 3.70 लाख रुपये थे, जिसे लेकर आये दिन गाली-गलौज और ताने मारे जाते थे.
पत्नी ने बिना बताये सूदखोर बबली गैंग से लिया कर्ज
संजीव जोशी ने पुलिस को बताया कि पत्नी अर्चना जोशी ने सूदखोर बबली से कर्ज लिया. कर्ज की बात पत्नी ने कई माह तक नहीं बतायी. जब बबली गैंग को घर में रोज-रोज बैठते देखा, तो पत्नी से कारण पूछा. इसके बाद पत्नी ने सच्चाई बताई. पत्नी अर्चना ने उसे बताया कि बेटियों की पढ़ाई व अन्य खर्च के लिए कई किस्तों में 3.70 लाख रुपये बबली गैंग से ब्याज पर लिए हैं. अब वह घर आकर विवाद करती है.
रोज घर आकर गाली-गलौज करती थी बबली
संजीव ने कहा कि उसने बबली गैंग को 80,000 रुपये दिये थे और जल्द ही बाकी की रकम लौटाने का वायदा किया, लेकिन वह नहीं मानी. उल्टे बबली ने कहा कि यहा तो मात्र ब्याज है, मूलधन तान लाख 70 हजार रुपये की रकम कहां है. संजीव जोशी ने बताया कि रकम न देने पर बबली रोजाना घर आकर ताने मारती थी और गाली-गलौज करती थी. यही नहीं पैसे की उगाही के लिए उसने रिश्तेदारों को भी भेजा और उनसे खूब गालियां सुनवायीं. बकौल संजीव, रोज-रोज गालियों और समाज की बदनामी से तंग आकर हमने आत्महत्या का कदम उठाया.
कौन हैं संजीव जोशी और क्या है परिवार की स्थिति?
- संजीव जोशी ऑटो पार्ट्स का काम करते थे और साथ ही दुकान चलाते थे. रविवार को अस्पताल में दम तोड़ दिया है.
- उनकी पत्नी अर्चना जोशी एक प्रायवेट स्कूल का संचालन कर चुकी हैं. बाद में जब स्कूल ठीक नहीं चला तो उन्होने एक दुकान घर पर ही शुरु किया. इनका इलाज चल रहा है.
- मां नंदिनी जोशी टीचर थीं. बुजुर्ग होने के चलते घर पर ही रहती थीं. इनकी मौत हो चुकी है.
- संजीव की बड़ी बेटी ग्रीष्मा एलएनसीटी कॉलेज से इंजीनियरिंग कर रही थी. अब इस दुनिया में नहीं है.
- छोटी बेटी पूर्वी 10वीं पढ़ रही थी और इस साल बोर्ड की परीक्षा में शामिल होना था. पूर्वी की भी मौत हो गई.