इंदौर। अयोध्या के राजा राम न केवल भारत बल्कि एशिया महाद्वीप के अलावा कई देशों में पीढ़ियों से आस्था का केंद्र रहे हैं. यही वजह है कि न केवल भारत के बल्कि विभिन्न देशों के डाक विभाग ने भगवान राम से जुड़े धार्मिक कथानक को अपने डाक टिकटों, पोस्टकार्ड और डाक आवरण में लगातार स्थान दिया है. अयोध्या में भगवान राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा अवसर पर इंदौर जीपीओ द्वारा इन दुर्लभ डाक टिकटों और पोस्टकार्ड और डाक आवरण को एक सूत्र में पिरोकर प्रदर्शनी के माध्यम से प्रस्तुत किया है. जो भगवान राम के प्रति विभिन्न देशों में आस्था और धार्मिक मान्यता का सजीव प्रमाण है.
कई देशों में मौजूद भगवान राम से जुड़े साक्ष्य
दरअसल, भारत में भगवान राम से जुड़े प्रमाण, अयोध्या के तमाम शिलालेख और सुप्रीम कोर्ट में उल्लेखित दस्तावेजों के अलावा एशिया महाद्वीप के अलावा विभिन्न देश में सदियों से भगवान राम से जुड़े कथानक और प्रमाण मौजूद रहे हैं. यही वजह है कि न केवल भारत बल्कि कनाडा, कंबोडिया, टोक्यो, एंटीगुआ नेपाल, इंडोनेशिया, फिलीपींस, श्रीलंका और टोक्यो आदि देशों के डाक विभाग ने भी बीते सवा सौ सालों में अलग-अलग तरीके से भगवान राम से जुड़ी अपनी आस्था और उनके देश से संबंध को कहीं ना कहीं प्रकाशित किया है.
इंदौर के डाक टिकट संग्रहकर्ता ओमप्रकाश केडिया ने बीते कई दशकों की मेहनत के बाद करीब करीब एक दर्जन देशों से जारी किए गए भगवान राम के डाक टिकट पोस्टकार्ड और डाक आवरण को डाकघर में लगी अपनी प्रदर्शनी में सार्वजनिक किया है. जिसमें प्रमुख रूप से भारत में पहला रामायण आधारित डाक टिकट, भगवान श्री राम का दशावतार रूप, राम लक्ष्मण जटायु की पीड़ा और रावण द्वारा सीता हरण जैसे कई कथानक मौजूद हैं. इसके अलावा विभिन्न देशों में उनके यहां की संस्कृति और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान राम से जुड़े प्रसंग मिलते हैं.
देवी अहिल्या विश्वाद्यालय में प्रदर्शनी का शुभारंभ
इंडोनेशिया नेपाल समेत अन्य देशों में भगवान राम की शैली और पहनावा डाक टिकटों में भी अलग नजर आता है. इसके अलावा नेपाल में माता सीता से जुड़े कथानक के साथ राम मिलते हैं, तो श्रीलंका के डाक टिकट में रावण के साथ अलग रूप से दर्शाये गए हैं. जो आज भी हूबहू उतने ही आकर्षक और दुर्लभ नजर आते हैं. फिलहाल 16 जनवरी से 22 जनवरी तक चलने वाली इस प्रदर्शनी का शुभारंभ आज देवी अहिल्या विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ रेनू जैन और इंदौर परिक्षेत्र की पोस्टमास्टर जनरल प्रीति अग्रवाल द्वारा किया गया. जिन्होंने खुद पहली बार विभिन्न देशों में भगवान राम के डाक टिकट जारी होने से लेकर 100 सालों से उनका उपयोग होने को लेकर आश्चर्य जताया.
ऐसे एकत्र हुए भगवान राम से जुड़े डाक टिकट
दरअसल, ओमप्रकाश केडिया इंदौर शहर के वरिष्ठ डाक टिकट संग्रहकर्ता हैं. जो बीते कई सालों से भगवान राम से जुड़े पोस्टकार्ड लिफाफे अथवा डाक टिकट संग्रह करने का काम करते हैं. अपने शौक के करण अस्तित्व में आए उनके संग्रह में करीब एक दर्जन देशों के सैकड़ों डाक टिकट हैं. जिनमें भगवान राम के अलग-अलग रूपों के दर्शन होते हैं. डाक टिकट को संग्रह करने में कई मौके ऐसे आए जब उन्हें विभिन्न देशों से डाक टिकट एकत्र करने के लिए कई कई बार अधिकारियों और संबंधित लोगों से मिन्नत करनी पड़ी.
उन्हें जब भी जहां से डाक टिकट अथवा पोस्टकार्ड के बारे में जानकारी मिलती. वह उसे एकत्र करने के लिए हर संभव कोशिश करते .इसके लिए उन्हें हजारों रुपए भी लोगों को देने पड़े. इसके बाद उनका यह संग्रह आज कई राम भक्तों के लिए आस्था का अनुपम केंद्र भी है. जिसे अन्य लोगों को उनके दिखाए जाने के कारण भी खासा संतोष और खुशी महसूस करते हैं.