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सिंघु बॉर्डर खाली कराने तिरंगा लेकर पहुंचे स्थानीय ग्रामीण

कृषि कानूनों के लेकर किसानों का प्रदर्शन जारी है. लेकिन गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर परेड में हुई हिंसा के बाद बॉर्डरों पर किसानों की संख्या में कमी देखी जा रही है. इसी बीच सिंघु बॉर्डर पर स्थानीय लोग एकत्रित हुए और जमकर नारेबाजी की. इतना ही नहीं स्थानीय लोगों ने सरकार और प्रशासन से इस क्षेत्र को खाली कराने की मांग भी की. इसके अलावा सिंघु बॉर्डर पर आज भारी पुलिस बल की मौजूदगी देखी गई. विस्तार से पढ़ें पूरी खबर...

सिंघु बॉर्डर को खाली कराने की मांग
सिंघु बॉर्डर को खाली कराने की मांग
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Published : Jan 28, 2021, 5:04 PM IST

नई दिल्ली : कृषि कानूनों को लेकर बीते दो महीनों से दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का प्रदर्शन जारी है, लेकिन गणतंत्र दिवस पर हुई हिंसा के बाद बॉर्डर पर किसानों की संख्या में कमी आई है. इसी बीच आज सुबह सिंघु बॉर्डर पर कुछ स्थानीय लोगों का एक समूह इकट्ठा हुआ और सरकार और पुलिस प्रशासन से इस क्षेत्र को खाली कराने की मांग की. हालांकि, ये लोग स्थानीय होने का दावा कर रहे थे.

इस दौरान लोगों ने हाथों में पोस्टर लिए हुए थे. इतना ही लोगों ने सिंघु बॉर्डर खाली करो, तिरंगे का अपमान नहीं सहेगा हिन्दुस्तान, भारत माता की जय और जय श्रीराम के नारे भी लगाए. वहीं दूसरी तरफ गाजीपुर बॉर्डर पर जहां पहले सैंकड़ों किसान मौजूद थे, वहीं गुरुवार सुबह यहां न के बराबर ही किसान दिखाई दिए.

सिंघु बॉर्डर पर भारी पुलिस बल तैनात
हिंसा के बाद दिल्ली पुलिस सख्त नजर आ रही है. इसी बीच दिल्ली से सटे सिंघु बॉर्डर पर आज भारी पुलिस बल की मौजूदगी देखी जा रही है. पुलिस द्वारा यहां के प्रदर्शनकारियों को सड़क के एक तरफ से दूसरी तरफ आने से रोका जा रहा और बैरिकेडिंग की जा रही है. वहीं प्रदर्शनकारी किसानों द्वारा पुलिस प्रशासन का विरोध किया जा रहा है.

बता दें कि गणतंत्र दिवस पर 26 जनवरी को तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का ट्रैक्टर परेड हिंसक प्रदर्शन में बदल गया था. सैकड़ों किसान परेड निकालते हुए ट्रैक्टर सहित लाल किला परिसर में घुस गए थे.

इस दौरान उन्होंने लाल किले की प्राचीर पर धार्मिक झंडा फहराया था. लाल किला परिसर में तोड़फोड़ भी हुई, जिसको लेकर देशभर से तीखी प्रतिक्रियाएं आईं हैं.

यह भी पढ़ें- किसान नेताओं के बीच 'दरार', आंदोलन से अलग हुए दो संगठन

उधर किसान नेताओं ने हिंसक प्रदर्शनों की जिम्मेदारी लेने से इनकार करते हुए अराजक तत्वों पर इसका ठीकरा फोड़ा है. दिल्ली पुलिस हिंसक प्रदर्शनों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की तैयारी करने में जुटी है.

नई दिल्ली : कृषि कानूनों को लेकर बीते दो महीनों से दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का प्रदर्शन जारी है, लेकिन गणतंत्र दिवस पर हुई हिंसा के बाद बॉर्डर पर किसानों की संख्या में कमी आई है. इसी बीच आज सुबह सिंघु बॉर्डर पर कुछ स्थानीय लोगों का एक समूह इकट्ठा हुआ और सरकार और पुलिस प्रशासन से इस क्षेत्र को खाली कराने की मांग की. हालांकि, ये लोग स्थानीय होने का दावा कर रहे थे.

इस दौरान लोगों ने हाथों में पोस्टर लिए हुए थे. इतना ही लोगों ने सिंघु बॉर्डर खाली करो, तिरंगे का अपमान नहीं सहेगा हिन्दुस्तान, भारत माता की जय और जय श्रीराम के नारे भी लगाए. वहीं दूसरी तरफ गाजीपुर बॉर्डर पर जहां पहले सैंकड़ों किसान मौजूद थे, वहीं गुरुवार सुबह यहां न के बराबर ही किसान दिखाई दिए.

सिंघु बॉर्डर पर भारी पुलिस बल तैनात
हिंसा के बाद दिल्ली पुलिस सख्त नजर आ रही है. इसी बीच दिल्ली से सटे सिंघु बॉर्डर पर आज भारी पुलिस बल की मौजूदगी देखी जा रही है. पुलिस द्वारा यहां के प्रदर्शनकारियों को सड़क के एक तरफ से दूसरी तरफ आने से रोका जा रहा और बैरिकेडिंग की जा रही है. वहीं प्रदर्शनकारी किसानों द्वारा पुलिस प्रशासन का विरोध किया जा रहा है.

बता दें कि गणतंत्र दिवस पर 26 जनवरी को तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का ट्रैक्टर परेड हिंसक प्रदर्शन में बदल गया था. सैकड़ों किसान परेड निकालते हुए ट्रैक्टर सहित लाल किला परिसर में घुस गए थे.

इस दौरान उन्होंने लाल किले की प्राचीर पर धार्मिक झंडा फहराया था. लाल किला परिसर में तोड़फोड़ भी हुई, जिसको लेकर देशभर से तीखी प्रतिक्रियाएं आईं हैं.

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उधर किसान नेताओं ने हिंसक प्रदर्शनों की जिम्मेदारी लेने से इनकार करते हुए अराजक तत्वों पर इसका ठीकरा फोड़ा है. दिल्ली पुलिस हिंसक प्रदर्शनों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की तैयारी करने में जुटी है.

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