बेंगलुरु : पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ( former Pakistan PM Imran Khan) के जीवन पर आधारित कन्नड़ भाषा में लिखी गई एक किताब का विमोचन यहां कुछ हिंदू संगठनों के विरोध के बाद रद्द कर दिया गया. सुधाकर एसबी द्वारा लिखित 'इमरान खान ओंदु जीवंत दंत कथे' (इमरान खान एक जीवित लीजेंड) शीर्षक वाली किताब का विमोचन उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति एचएन नागमोहन दास (retired High Court Judge Justice HN Nagamohan Das) द्वारा यहां गुरुवार शाम को किया जाना था.
-
Today @HinduJagrutiOrg & SriRam Sena filed complaint in Jnanabharati Police station, Bengaluru against book launching of "life history of @ImranKhanPTI "
— 🚩Mohan gowda🇮🇳 (@Mohan_HJS) October 27, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
We request @karkalasunil@CTRavi_BJP @BSBommai @JnanendraAraga @CPBlr @Copsview @DcpComdCentre Kindly Cancel above programme pic.twitter.com/Pm0mRcXcFp
">Today @HinduJagrutiOrg & SriRam Sena filed complaint in Jnanabharati Police station, Bengaluru against book launching of "life history of @ImranKhanPTI "
— 🚩Mohan gowda🇮🇳 (@Mohan_HJS) October 27, 2022
We request @karkalasunil@CTRavi_BJP @BSBommai @JnanendraAraga @CPBlr @Copsview @DcpComdCentre Kindly Cancel above programme pic.twitter.com/Pm0mRcXcFpToday @HinduJagrutiOrg & SriRam Sena filed complaint in Jnanabharati Police station, Bengaluru against book launching of "life history of @ImranKhanPTI "
— 🚩Mohan gowda🇮🇳 (@Mohan_HJS) October 27, 2022
We request @karkalasunil@CTRavi_BJP @BSBommai @JnanendraAraga @CPBlr @Copsview @DcpComdCentre Kindly Cancel above programme pic.twitter.com/Pm0mRcXcFp
हालांकि, हिंदू संगठनों के सदस्यों ने कन्नड़ और संस्कृति मंत्री वी. सुनील कुमार और पुलिस के पास इस संबंध में एक शिकायत दर्ज करवाई और उनसे किताब के विमोचन को रोकने का अनुरोध किया. इसके बाद, कार्यक्रम के आयोजकों को इसे रद्द करने के निर्देश दिए. किताब के लेखक सुधाकर ने कहा, 'हां, किताब का विमोचन रद्द कर दिया गया है. निर्देशक ने हमें इसे रद्द करने के लिए कहा.' पत्रकारों को संबोधित करते हुए, हिंदू जनजागृति समिति के प्रवक्ता मोहन गौड़ा ने कहा, पुलवामा हमला जिसमें 43 भारतीय सैनिक मारे गए थे, इमरान खान के कार्यकाल के दौरान हुआ था.
उन्होंने आरोप लगाया कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के रूप में खान कश्मीर में आतंकवाद को बढ़ावा देने और भारत विरोधी अभियान चलाने में भी शामिल रहे थे. उन्होंने कहा, 'दुश्मन देश के प्रधानमंत्री का महिमामंडन करना राष्ट्र-विरोधी कार्य है. हम कार्यक्रम आयोजित करने वालों के खिलाफ कार्रवाई और किताब पर प्रतिबंध लगाए जाने की मांग करते हैं.'
ये भी पढ़ें - 'हकीकी आजादी मार्च' के लिए लाहौर में जुटे इमरान खान के समर्थक, नए सिरे से चुनाव कराने की मांग
(इनपुट-पीटीआई-भाषा)