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पंजाब के बरनाला में आयोजित महारैली में 2 लाख लोग हुए शामिल - भारतीय किसान यूनियन उग्राहन

पंजाब के बरनाला में किसान मजदूर एकता महारैली का आयोजन किया गया. रैली पंजाब भर से लगभग दो लाख लोग रैली में शामिल हुए. इस दौरान रैली में किसान संगठनों द्वारा 23-27 फरवरी की कार्यकर्मों एक श्रृंखला की घोषणा की गई

महारैली
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Published : Feb 21, 2021, 10:16 PM IST

चंडीगढ़ : कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे संघर्ष में, भारतीय किसान यूनियन उग्राहन और पंजाब कृषि मजदूर यूनियन द्वारा आज बरनाला में दाना मंडी में किसान मजदूर एकता महारैली का आयोजन किया गया. पूरे पंजाब में लाखों किसान, महिलाएं, युवा, मजदूर और हर वर्ग के लोग इस कार्यक्रम में शामिल हुए.

रैली में लगभग 2 लाख लोग शामिल हुए

भारतीय किसान यूनियन उग्राहन के नेताओं ने कहा कि पंजाब भर से लगभग दो लाख लोग रैली में शामिल हुए थे. इसलिए, केंद्र सरकार को यह महसूस करना चाहिए कि कृषि कानूनों को लेकर सरकार के खिलाफ किसानों में बहुत आक्रोश है.

रैली में कई बड़े ऐलान

रैली के मंच से किसान संगठनों द्वारा 23-27 फरवरी की कार्यकर्मों की एक श्रृंखला की घोषणा की गई है, जिसमें किसान मोर्चा ने 23 फरवरी को शहीद भगत सिंह के चाचा अजीत सिंह का जन्मदिन मनाने और 'पगड़ी संभाल दिवस' और 24 फरवरी को 'दमन विरोधी दिवस' के रूप में मनाने की घोषणा की है.

इसके अलावा किसानों ने 26 फरवरी को युवा किसान दिवस (युवा किसान दिवस) और 27 फरवरी को किसान एकता दिवस (किसान-मजदूर एकता दिवस) के रूप में मनाने का एलान किया है. नेताओं ने कहा कि केंद्र सरकार को इन कृषि कानूनों को हर कीमत पर वापस लेना होगा, इस तरह की रैलियों से केंद्र सरकार पर बहुत दबाव पड़ेगा.

बलबीर सिंह राजेवाल का बयान

दिल्ली पुलिस या किसी अदालत में होंगे पेश

दिल्ली पुलिस द्वारा जारी की गई तस्वीरों पर प्रतिक्रिया देते हुए, पंजाब किसान यूनियन के अध्यक्ष रुल्दु सिंह मनसा ने कहा कि उन्होंने 26 जनवरी को लाल किले का दौरा नहीं किया था. उन्हें मामले में झूठा फंसाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि वह दिल्ली पुलिस या किसी अदालत के सामने पेश नहीं होंगे.

दीप सिद्धू और लाखा सिधाना से खुद को अलग किया

किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि वह कृषि कानूनों को रद्द किए बिना वापस नहीं जाएंगे. उन्होंने कहा कि वह सरकार के साथ बातचीत करने से कभी पीछे नहीं हटे हैं और जब भी सरकार उन्हें आमंत्रित करेगी, वह वार्ता के लिए जाएंगे.

उन्होंने कहा कि इससे पहले कभी भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसी मुद्दे पर बयान जारी नहीं किया था. कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे संघर्ष के कारण सरकार नींद से वंचित हो गई है.

उन्होंने कहा कि यह दिल्ली पुलिस थी, जो 26 जनवरी को दिल्ली में बिगड़ते हालात के पीछे थी.

पढ़ें - हरियाणा : किसान ने गेहूं की फसल पर चलाया ट्रैक्टर

उन्होंने दीप सिद्धू और लाखा सिधाना से खुद को दरकिनार कर दिया और कहा कि वह अन्य युवा किसानों के मामलों को आगे बढ़ाएंगे. बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि अगर किसी किसान को दिल्ली पुलिस से नोटिस मिलता है, तो उसे जवाब देने की जरूरत नहीं है.

महारावल के मंच से बोलते हुए गायक कंवर ग्रेवाल ने कहा कि जीत एकता और धैर्य के साथ आएगी. इस तरह से हमें किसान संगठनों का समर्थन करना चाहिए, हमारा संघर्ष जीत जाएगा. इस दौरान सभा को प्रेरित करने के लिए कंवर ग्रेवाल द्वारा दो गाने गाये.

इस अवसर पर बलबीर सिंह राजेवाल, रुल्लू सिंह मनसा, कुलवंत सिंह संधू, पंजाबी लोक गायक कंवर ग्रेवाल और पम्मी बाई के अलावा कई अन्य हस्तियां भी उपस्थित रहीं.

चंडीगढ़ : कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे संघर्ष में, भारतीय किसान यूनियन उग्राहन और पंजाब कृषि मजदूर यूनियन द्वारा आज बरनाला में दाना मंडी में किसान मजदूर एकता महारैली का आयोजन किया गया. पूरे पंजाब में लाखों किसान, महिलाएं, युवा, मजदूर और हर वर्ग के लोग इस कार्यक्रम में शामिल हुए.

रैली में लगभग 2 लाख लोग शामिल हुए

भारतीय किसान यूनियन उग्राहन के नेताओं ने कहा कि पंजाब भर से लगभग दो लाख लोग रैली में शामिल हुए थे. इसलिए, केंद्र सरकार को यह महसूस करना चाहिए कि कृषि कानूनों को लेकर सरकार के खिलाफ किसानों में बहुत आक्रोश है.

रैली में कई बड़े ऐलान

रैली के मंच से किसान संगठनों द्वारा 23-27 फरवरी की कार्यकर्मों की एक श्रृंखला की घोषणा की गई है, जिसमें किसान मोर्चा ने 23 फरवरी को शहीद भगत सिंह के चाचा अजीत सिंह का जन्मदिन मनाने और 'पगड़ी संभाल दिवस' और 24 फरवरी को 'दमन विरोधी दिवस' के रूप में मनाने की घोषणा की है.

इसके अलावा किसानों ने 26 फरवरी को युवा किसान दिवस (युवा किसान दिवस) और 27 फरवरी को किसान एकता दिवस (किसान-मजदूर एकता दिवस) के रूप में मनाने का एलान किया है. नेताओं ने कहा कि केंद्र सरकार को इन कृषि कानूनों को हर कीमत पर वापस लेना होगा, इस तरह की रैलियों से केंद्र सरकार पर बहुत दबाव पड़ेगा.

बलबीर सिंह राजेवाल का बयान

दिल्ली पुलिस या किसी अदालत में होंगे पेश

दिल्ली पुलिस द्वारा जारी की गई तस्वीरों पर प्रतिक्रिया देते हुए, पंजाब किसान यूनियन के अध्यक्ष रुल्दु सिंह मनसा ने कहा कि उन्होंने 26 जनवरी को लाल किले का दौरा नहीं किया था. उन्हें मामले में झूठा फंसाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि वह दिल्ली पुलिस या किसी अदालत के सामने पेश नहीं होंगे.

दीप सिद्धू और लाखा सिधाना से खुद को अलग किया

किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि वह कृषि कानूनों को रद्द किए बिना वापस नहीं जाएंगे. उन्होंने कहा कि वह सरकार के साथ बातचीत करने से कभी पीछे नहीं हटे हैं और जब भी सरकार उन्हें आमंत्रित करेगी, वह वार्ता के लिए जाएंगे.

उन्होंने कहा कि इससे पहले कभी भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसी मुद्दे पर बयान जारी नहीं किया था. कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे संघर्ष के कारण सरकार नींद से वंचित हो गई है.

उन्होंने कहा कि यह दिल्ली पुलिस थी, जो 26 जनवरी को दिल्ली में बिगड़ते हालात के पीछे थी.

पढ़ें - हरियाणा : किसान ने गेहूं की फसल पर चलाया ट्रैक्टर

उन्होंने दीप सिद्धू और लाखा सिधाना से खुद को दरकिनार कर दिया और कहा कि वह अन्य युवा किसानों के मामलों को आगे बढ़ाएंगे. बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि अगर किसी किसान को दिल्ली पुलिस से नोटिस मिलता है, तो उसे जवाब देने की जरूरत नहीं है.

महारावल के मंच से बोलते हुए गायक कंवर ग्रेवाल ने कहा कि जीत एकता और धैर्य के साथ आएगी. इस तरह से हमें किसान संगठनों का समर्थन करना चाहिए, हमारा संघर्ष जीत जाएगा. इस दौरान सभा को प्रेरित करने के लिए कंवर ग्रेवाल द्वारा दो गाने गाये.

इस अवसर पर बलबीर सिंह राजेवाल, रुल्लू सिंह मनसा, कुलवंत सिंह संधू, पंजाबी लोक गायक कंवर ग्रेवाल और पम्मी बाई के अलावा कई अन्य हस्तियां भी उपस्थित रहीं.

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