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जीएसटी बिल घोटाला : मास्टरमाइंड समेत 36 लोग गिरफ्तार - जीएसटी बिल धोखाधड़ी

जीएसटी की जांच इकाई डीजीजीआई ने जाली इन्वॉयस (बिल) धोखाधड़ी मामले में एक महिला और एक चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) सहित छह और लोगों को गिरफ्तार किया है.

जाली जीएसटी बिल घोटाले
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Published : Nov 20, 2020, 2:13 AM IST

Updated : Nov 20, 2020, 11:48 AM IST

नई दिल्ली : फर्जी जीएसटी बिल धोखाधड़ी के खिलाफ राष्ट्रव्यापी अभियान के तहत जीएसटी आसूचना महानिदेशालय (डीजीजीआई) ने कुल 36 लोगों को गिरफ्तार किया है. इनमें तीन चार्टर्ड अकाउंटेंट शामिल हैं. डीजीजीआई ने अब तक 1,736 इकाइयों के खिलाफ 519 मामले दर्ज किए हैं.

सूत्रों ने बताया कि पिछले सात दिन के दौरान इस अभियान के तहत पहली बार जाली आईटीसी मामले में चेन्नई में महिला सरगना को गिरफ्तार किया गया है.

सूत्रों ने कहा कि दो गिरफ्तारियां एनसीआर में की गई हैं. एक दिल्ली में और एक मेरठ क्षेत्र के डीजीजीआई द्वारा. दो गिरफ्तारियां हैदराबाद क्षेत्र की इकाई ने की हैं. इनमें से एक सीए है. अहमदाबाद में भी एक गिरफ्तारी हुई है.

सूत्रों ने बताया कि 19 शहरों... चेन्नई, अहमदबाद, नागपुर, विशाखापत्तनम, सिलिगुड़ी, पटना, भोपाल, सूरत, हैदराबाद, नागपुर, रायपुर, भुवनेश्वर, जयपुर, गाजियाबाद, लुधियाना, दिल्ली, बेंगलुरु, मुंबई और कोलकाता में सर्वे और छापेमारी की गई.

चेन्नई की महिला मास्टरमाइंड गिरफ्तार

अधिकारियों के मुताबिक चेन्नई की सगीला एम सात फर्जी संस्थाओं का जाल चला रही थी. वह अपने परिवार के सदस्यों (हाल ही में मृतक सास सहित), रिश्तेदारों और दोस्तों के नाम से इसे फर्म को चला रही थी.

सगीला एम की फर्म एमएस ट्रेडर्स और अन्य के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया था.

चेन्नई में महिला के आठ परिसर में तलाशी अभियान के दौरान, कर अधिकारियों ने पाया कि उसने अपने रिश्तेदारों और दोस्तों से एक मामूली मासिक राशि के भुगतान के लिए पहचान दस्तावेजों की खरीद की थी.

एक अधिकारी ने कहा, दस्तावेजी साक्ष्य और बयान के आधार पर, महिला को गिरफ्तार किया गया है.

वहीं उत्तर में, DGGI की मेरठ जोनल इकाई के अधिकारियों ने दमन ठकराल को गिरफ्तार किया. ठकराल अपने कर्मचारियों के नाम पर तीन फर्जी फर्म, नागपाल ब्रदर्स, कुमार एंड संस और नंदी सेल्स चला रहा था.

अधिकारियों ने कहा कि इन फर्मों का इस्तेमाल फर्जी जीएसटी चालान के आधार पर फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट पर पास करने में किया गया था. ये जीएसटी चालान विभिन्न सामानों पर जारी किए गए थे, जैसे कि लोहे की चादर, एमएस इनगॉट, एमएस चैनल, पीवीसी कणिकाएं, कागज, इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम (दीपक और प्रकाश फिटिंग), लोहा और एल्यूमीनियम स्क्रैप आदि.

एक अधिकारी ने बताया, 'आईटीसी को मास्टरमाइंड और उसके भाई के नाम पर पंजीकृत चार अन्य फर्मों द्वारा उपयोग किया गया था.'

सीए, जीएम फाइनेंस (वित्त) तेलंगाना में गिरफ्तार

तेलंगाना : हैदराबाद में, DGGI की जोनल यूनिट ने किन्ता ग्लोबल लिमिटेड के खिलाफ एक फर्जी चालान की सहायता से धोखाधड़ी संविदा पर ITC का लाभ उठाने के लिए मामला दर्ज किया है.

अधिकारियों ने कंपनी के दो लोगों, वेंकटेश्वरलू, जीएम (वित्त और लेखा) और बी श्रीनिवास राव को गिरफ्तार किया जो एक चार्टर्ड एकाउंटेंट है.

वहीं दिल्ली में, सीजीएसटी दिल्ली जोन के अधिकारियों ने चल रही जांच में नकली जीएसटी चालान के एक और लाभार्थी का पता लगाया, जिसमें 46 फर्जी कंपनियां शामिल थीं, जो लगभग 194 करोड़ रुपये के इनपुट टैक्स क्रेडिट को फर्जी तरीके से पास कर रहे थे.

इस मामले में, अधिकारियों ने पहले से ही दो लाभार्थी फर्मों के संचालकों और मालिकों को गिरफ्तार कर लिया है.

अधिकारियों ने कहा कि आगे की जांच से पता चला है कि हार्डवेयर माल के एक व्यापारी, राघव अग्रवाल, जो कि ड्रीमज इंटरनेशनल के मालिक हैं, ने भी इन फर्मों से इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ उठाया.

वहीं मामले में ड्रीमज इंटरनेशनल के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.

नई दिल्ली : फर्जी जीएसटी बिल धोखाधड़ी के खिलाफ राष्ट्रव्यापी अभियान के तहत जीएसटी आसूचना महानिदेशालय (डीजीजीआई) ने कुल 36 लोगों को गिरफ्तार किया है. इनमें तीन चार्टर्ड अकाउंटेंट शामिल हैं. डीजीजीआई ने अब तक 1,736 इकाइयों के खिलाफ 519 मामले दर्ज किए हैं.

सूत्रों ने बताया कि पिछले सात दिन के दौरान इस अभियान के तहत पहली बार जाली आईटीसी मामले में चेन्नई में महिला सरगना को गिरफ्तार किया गया है.

सूत्रों ने कहा कि दो गिरफ्तारियां एनसीआर में की गई हैं. एक दिल्ली में और एक मेरठ क्षेत्र के डीजीजीआई द्वारा. दो गिरफ्तारियां हैदराबाद क्षेत्र की इकाई ने की हैं. इनमें से एक सीए है. अहमदाबाद में भी एक गिरफ्तारी हुई है.

सूत्रों ने बताया कि 19 शहरों... चेन्नई, अहमदबाद, नागपुर, विशाखापत्तनम, सिलिगुड़ी, पटना, भोपाल, सूरत, हैदराबाद, नागपुर, रायपुर, भुवनेश्वर, जयपुर, गाजियाबाद, लुधियाना, दिल्ली, बेंगलुरु, मुंबई और कोलकाता में सर्वे और छापेमारी की गई.

चेन्नई की महिला मास्टरमाइंड गिरफ्तार

अधिकारियों के मुताबिक चेन्नई की सगीला एम सात फर्जी संस्थाओं का जाल चला रही थी. वह अपने परिवार के सदस्यों (हाल ही में मृतक सास सहित), रिश्तेदारों और दोस्तों के नाम से इसे फर्म को चला रही थी.

सगीला एम की फर्म एमएस ट्रेडर्स और अन्य के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया था.

चेन्नई में महिला के आठ परिसर में तलाशी अभियान के दौरान, कर अधिकारियों ने पाया कि उसने अपने रिश्तेदारों और दोस्तों से एक मामूली मासिक राशि के भुगतान के लिए पहचान दस्तावेजों की खरीद की थी.

एक अधिकारी ने कहा, दस्तावेजी साक्ष्य और बयान के आधार पर, महिला को गिरफ्तार किया गया है.

वहीं उत्तर में, DGGI की मेरठ जोनल इकाई के अधिकारियों ने दमन ठकराल को गिरफ्तार किया. ठकराल अपने कर्मचारियों के नाम पर तीन फर्जी फर्म, नागपाल ब्रदर्स, कुमार एंड संस और नंदी सेल्स चला रहा था.

अधिकारियों ने कहा कि इन फर्मों का इस्तेमाल फर्जी जीएसटी चालान के आधार पर फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट पर पास करने में किया गया था. ये जीएसटी चालान विभिन्न सामानों पर जारी किए गए थे, जैसे कि लोहे की चादर, एमएस इनगॉट, एमएस चैनल, पीवीसी कणिकाएं, कागज, इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम (दीपक और प्रकाश फिटिंग), लोहा और एल्यूमीनियम स्क्रैप आदि.

एक अधिकारी ने बताया, 'आईटीसी को मास्टरमाइंड और उसके भाई के नाम पर पंजीकृत चार अन्य फर्मों द्वारा उपयोग किया गया था.'

सीए, जीएम फाइनेंस (वित्त) तेलंगाना में गिरफ्तार

तेलंगाना : हैदराबाद में, DGGI की जोनल यूनिट ने किन्ता ग्लोबल लिमिटेड के खिलाफ एक फर्जी चालान की सहायता से धोखाधड़ी संविदा पर ITC का लाभ उठाने के लिए मामला दर्ज किया है.

अधिकारियों ने कंपनी के दो लोगों, वेंकटेश्वरलू, जीएम (वित्त और लेखा) और बी श्रीनिवास राव को गिरफ्तार किया जो एक चार्टर्ड एकाउंटेंट है.

वहीं दिल्ली में, सीजीएसटी दिल्ली जोन के अधिकारियों ने चल रही जांच में नकली जीएसटी चालान के एक और लाभार्थी का पता लगाया, जिसमें 46 फर्जी कंपनियां शामिल थीं, जो लगभग 194 करोड़ रुपये के इनपुट टैक्स क्रेडिट को फर्जी तरीके से पास कर रहे थे.

इस मामले में, अधिकारियों ने पहले से ही दो लाभार्थी फर्मों के संचालकों और मालिकों को गिरफ्तार कर लिया है.

अधिकारियों ने कहा कि आगे की जांच से पता चला है कि हार्डवेयर माल के एक व्यापारी, राघव अग्रवाल, जो कि ड्रीमज इंटरनेशनल के मालिक हैं, ने भी इन फर्मों से इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ उठाया.

वहीं मामले में ड्रीमज इंटरनेशनल के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.

Last Updated : Nov 20, 2020, 11:48 AM IST
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