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कर्नाटक में नंदिनी दूध की जगह अमूल को बढ़ावा देना सरकार के लिए सही नहीं: डीके शिवकुमार - हासन कर्नाटक

कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डीके शिवकुमार (KPCC president DK Shivakumar) ने नंदिनी उत्पादों की दुकान का दौरा किया और कुछ दूध के उत्पादों को खरीदा. साथ ही उन्होंने कहा कि नंदिनी दूध की जगह अमूल को बढ़ावा देना सरकार के लिए सही नहीं है. पढ़िए पूरी खबर...

KPCC president DK Shivakumar
कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डीके शिवकुमार
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Published : Apr 10, 2023, 5:16 PM IST

हासन (कर्नाटक) : कर्नाटक में अमूल के उत्पादों का विरोध जारी है. इस बीच, कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डीके शिवकुमार (KPCC president DK Shivakumar) ने सोमवार को शहर में हेमवती प्रतिमा के पास नंदिनी उत्पादों की दुकान का दौरा किया और कुछ दूध के उत्पादों को खरीदा. इस अवसर पर शिवकुमार ने कहा कि कन्नड़ अभिनेता स्व. डॉ. राजकुमार और दिवगंत पुनीत राजकुमार ने नंदिनी के उत्पादों के एम्बेसडर के रूप में काम किया है. उन्होंने कहा कि अपनी संस्कृति और विचारों को बढ़ावा देना चाहिए. कांग्रेस नेता ने कहा कि नंदिनी के उत्पादों को खरीदें और किसानों के जीवन में योगदान दें. यह कर्नाटक राज्य के सभी किसानों के जीवन का सवाल है. करीब लाख किसान दूध का उत्पादन कर रहे हैं. नंदिनी किसानों के द्वारा बनाई गई संस्था है जिसे वे दूध प्रति लीटर 27-28 रुपये देते हैं. हालांकि सरकार 5 रुपये की सब्सिडी दे रही है.

डीके शिवकुमार ने कहा कि गुजरात में अमूल भी किसानों का है, हमें इससे कोई दिक्कत नहीं है. लेकिन यह सही नहीं है कि कर्नाटक सरकार हमारी नंदिनी को पीछे धकेल कर अमूल को प्रोत्साहित कर रही है. सभी कीमतें बढ़ गई हैं, लेकिन किसानों को कोई मदद नहीं मिली है. सरकार ने किसानों को दूध उत्पादन में मदद नहीं की है. इस बीच एक स्थिति यह भी है कि हम अपनी दूध बेचने के लिए भी सक्षम नहीं है. इसलिए हम अपने किसानों को प्रोत्साहित कर दूध का उत्पादन करने जा रहे हैं. डीके शिवकुमार ने कहा कि मैंने पार्टी अध्यक्ष रहते हुए मैसूर पाक, पेड़ा, बिस्किट, चॉकलेट जैसे दूध उत्पाद खरीदे. हमें अपने किसानों को और अपनी नंदिनी को बचाना चाहिए.

अमूल उत्पादों के खिलाफ विरोध- वहीं कर्नाटक रक्षण वैदिके ने कर्नाटक में अमूल दूध की बिक्री का विरोध किया और नंदिनी उत्पादों को प्रोत्साहित करने की अपील की. शिवमोगा में भी अमूल का विरोध हो रहा है. इसी बीच राज्य किसान यूनियन ने मांग की है कि राज्य ब्रांड नंदिनी और गुजरात स्थित अमूल का विलय नहीं किया जाना चाहिए. इस संबंध में जिला कलक्टर सेल्वमनी को प्रार्थना पत्र दिया गया है कि जिला कलेक्टर कार्यालय के सामने किसान संघ की बैठक में नंदिनी को अमूल के साथ शामिल न किया जाए.

ये भी पढ़ें - Milk Brand controversy : अमूल के लिए नंदिनी का सामना करना मुश्किल, ये है वजह

हासन (कर्नाटक) : कर्नाटक में अमूल के उत्पादों का विरोध जारी है. इस बीच, कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डीके शिवकुमार (KPCC president DK Shivakumar) ने सोमवार को शहर में हेमवती प्रतिमा के पास नंदिनी उत्पादों की दुकान का दौरा किया और कुछ दूध के उत्पादों को खरीदा. इस अवसर पर शिवकुमार ने कहा कि कन्नड़ अभिनेता स्व. डॉ. राजकुमार और दिवगंत पुनीत राजकुमार ने नंदिनी के उत्पादों के एम्बेसडर के रूप में काम किया है. उन्होंने कहा कि अपनी संस्कृति और विचारों को बढ़ावा देना चाहिए. कांग्रेस नेता ने कहा कि नंदिनी के उत्पादों को खरीदें और किसानों के जीवन में योगदान दें. यह कर्नाटक राज्य के सभी किसानों के जीवन का सवाल है. करीब लाख किसान दूध का उत्पादन कर रहे हैं. नंदिनी किसानों के द्वारा बनाई गई संस्था है जिसे वे दूध प्रति लीटर 27-28 रुपये देते हैं. हालांकि सरकार 5 रुपये की सब्सिडी दे रही है.

डीके शिवकुमार ने कहा कि गुजरात में अमूल भी किसानों का है, हमें इससे कोई दिक्कत नहीं है. लेकिन यह सही नहीं है कि कर्नाटक सरकार हमारी नंदिनी को पीछे धकेल कर अमूल को प्रोत्साहित कर रही है. सभी कीमतें बढ़ गई हैं, लेकिन किसानों को कोई मदद नहीं मिली है. सरकार ने किसानों को दूध उत्पादन में मदद नहीं की है. इस बीच एक स्थिति यह भी है कि हम अपनी दूध बेचने के लिए भी सक्षम नहीं है. इसलिए हम अपने किसानों को प्रोत्साहित कर दूध का उत्पादन करने जा रहे हैं. डीके शिवकुमार ने कहा कि मैंने पार्टी अध्यक्ष रहते हुए मैसूर पाक, पेड़ा, बिस्किट, चॉकलेट जैसे दूध उत्पाद खरीदे. हमें अपने किसानों को और अपनी नंदिनी को बचाना चाहिए.

अमूल उत्पादों के खिलाफ विरोध- वहीं कर्नाटक रक्षण वैदिके ने कर्नाटक में अमूल दूध की बिक्री का विरोध किया और नंदिनी उत्पादों को प्रोत्साहित करने की अपील की. शिवमोगा में भी अमूल का विरोध हो रहा है. इसी बीच राज्य किसान यूनियन ने मांग की है कि राज्य ब्रांड नंदिनी और गुजरात स्थित अमूल का विलय नहीं किया जाना चाहिए. इस संबंध में जिला कलक्टर सेल्वमनी को प्रार्थना पत्र दिया गया है कि जिला कलेक्टर कार्यालय के सामने किसान संघ की बैठक में नंदिनी को अमूल के साथ शामिल न किया जाए.

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