भोपाल : बकरा ईद को लेकर राजधानी में तैयारियां जोरो शोरों पर हैं. स्थानीय बाजारों में खरीददारों की भीड़ उमड़ती जा रही है. पर्व को खास तरीके से मनाने के लिए लोग नए कपड़ों सहित अपनी अन्य जरुरत की चीजों की खरीददारी करने में लगे हुए हैं. इस बीच पर्व के आकर्षण का केंद्र रहे बकरे को कुछ लोग महीनों पहले ही खरीद लेते हैं, जिसके बाद उसके खाने-पीने की व्यवस्था का खासा ख्याल रखा जाता है. वहीं, इन सबके बीच भोपाल में हर साल बकरों के हैवी वेट को लेकर एक कार्यक्रम रखा जाता है, जिसमें इस बार 171 वजनी बकरे ने बाजी मार ली.
शुक्रवार को भोपाल में बकरों को लेकर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम का नाम 'किंग ऑफ द किंग' रखा गया. इस कार्यक्रम में हैवी वेट के बकरे शामिल हुए थे, इनमें से भोपाल के एक बकरे ने 'किंग ऑफ द किंग' का खिताब हासिल किया. इससे पहले 2019 में भोपाल के ही 171 वजनी बकरे ने 'किंग ऑफ द किंग' का खिताब जीता था, जिसकी कीमत साढ़े आठ लाख रुपये थी.
किंग को मिला किंग ऑफ द किंग का खिताब
किंग ऑफ द किंग प्रतियोगिता में छह बकरे शामिल हुए. फर्स्ट आने वाले बकरे का वजन 176 किलो रहा. इस बकरे को किंग के नाम से पुकारा जाता है. किंग को ही किंग ऑफ द किंग का खिताब मिला. किंग बकरे को लाने के लिए लोडिंग ऑटो का सहारा लेना पड़ा. इसके अलावा प्रतियोगिता में जो अन्य बकरे शामिल हुए, वह 135 किलो से लेकर 155 किलो तक के थे.
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हैवी डाइट लेता है किंग
दो साल की उम्र का बकरा किंग अपने वजन की वजह से अब बहुत ज्यादा चल फिर नहीं पाता है. प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए किंग को क्रेन के माध्यम से गुरुवार देर रात पहली बार छत से उतारा गया. किंग के मालिक आसिफ अली नगर निगम कॉलोनी काजी कैंप में रहते हैं. उन्होंने बताया कि दो साल में किंग पहली बार छत से नीचे उतरा है. वह किंग के खाने पीने का विशेष ध्यान रखते हैं. किंग की डाइट में दो लीटर दूध, 50 ग्राम शुद्ध घी, देसी चने, मक्का, मक्खन शामिल किया जाता है. किंग के मालिक ने बताया कि जब किंग को क्रेन से नीचे उतारा गया तो उसे देखने के लिए लोगों की भीड़ जुट गई.
बता दें कि भोपाल ऐसा शहर है, जहां लोग बहुत शौक से बकरों का पालन पोषण करते हैं. बकरा ईद के मौके पर भोपाल के बकरे मुंबई, पुणे और अन्य प्रदेशों में भी जाते हैं. बकरी-बकरा पालन करने वाली एक संस्था ने इस कार्यक्रम का आयोजन किया था. आयोजन का मुख्य आकर्षण रहे किंग और आयोजन करने वाली संस्था ब्लैक शिप गोट फार्म का उद्देश्य इस तरह के आयोजन से अच्छे तरह से बकरे-बकरियों का पालन करने वाले लोगों को सम्मानित करना हैं. इस आयोजन के लिए 200 किलो कि तोल करने वाले इलेक्ट्रॉनिक काटे का प्रयोग किया गया था.