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Karnataka Hijab Row: छात्राओं को कॉलेज में प्रवेश की अनुमति, अलग कक्षाओं में बैठाया गया - Kundapur Govt Pre-University College

कर्नाटक के उडुपी में गवर्नमेंट पीयू कॉलेज में सोमवार को हिजाब (Karnataka Hijab Row) पहनकर पहुंचीं मुस्लिम छात्राओं को कैंपस में प्रवेश की अनुमति दी गई, लेकिन उन्हें अलग-अलग कक्षाओं में बैठाया गया. स्कूल-कॉलेज में हिजाब पहनने को लेकर विवाद के बीच राज्य सरकार ने ऐसे कपड़े पहनने पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया था, जो स्कूलों और कॉलेजों में समानता, अखंडता और लोक व्यवस्था को बिगाड़ते हैं.

Karnataka Hijab Row
कर्नाटक हिजाब विवाद
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Published : Feb 7, 2022, 12:44 PM IST

Updated : Feb 7, 2022, 8:14 PM IST

मंगलुरु : कर्नाटक में स्कूल-कॉलेज में हिजाब पहनने को लेकर विवाद (Karnataka Hijab Row) थमने का नाम नहीं ले रहा है. हिजाब पहन कर कॉलेज आने वाली मुस्लिम छात्राओं को कक्षाओं में प्रवेश करने की अनुमति नहीं है. हालांकि, मुस्लिम छात्राओं ने इस नियम को मानने से इनकार कर दिया है. उडुपी जिले के गवर्नमेंट पीयू कॉलेज में सोमवार को हिजाब पहनकर पहुंचीं मुस्लिम छात्रों को प्रवेश की अनुमति दी गई, लेकिन उन्हें अलग-अलग कक्षाओं में बैठाया गया.

वहीं, इसके विरोध में कुंडापुर के वेंकटरमण कॉलेज के छात्रों का एक समूह भी सोमवार को भगवा शॉल पहने जुलूस निकालते हुए परिसर पहुंचा. कॉलेज के प्राचार्य और वहां मौजूद पुलिस कर्मियों ने उन्हें परिसर में प्रवेश करने से रोक दिया. छात्रों ने कहा कि यदि छात्राओं को हिजाब पहनकर कक्षाओं में आने की अनुमति दी जाएगी, तो वे भी शॉल पहनेंगे. प्राचार्य ने उन्हें भरोसा दिलाया कि हिजाब पहने किसी छात्रा को कॉलेज में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी, जिसके बाद छात्र शॉल हटा कर कॉलेज में जाने पर सहमत हुए.

कुंडापुर के सरकारी पीयू कॉलेज में भी प्राचार्य ने हिजाब पहनकर आई मुस्लिम छात्राओं से बात की और उन्हें सरकार का आदेश समझाया, लेकिन छात्राओं ने कहा कि वह हिजाब पहने रहेंगी. इसके बाद उन्हें उनके लिए निर्धारित किए गए एक अलग कक्ष में जाने को कहा गया.

इस बीच, चिक्कमगलुरु में एक कॉलेज में कुछ छात्र नीले रंग का स्कार्फ पहनकर पहुंचे और उन्होंने भगवा स्कार्फ पहने छात्रों के सामने 'जय भीम' के नारे लगाए. यह छात्र हिजाब पहनने की मांग करने वाली छात्राओं का समर्थन कर रहे थे. चिक्कबल्लापुर, बागलकोट, बेलगावी, हसन और मांड्या में कुछ छात्राओं द्वारा, शनिवार को जारी सरकारी आदेश का उल्लंघन कर हिजाब और इसके विरोधस्वरूप कुछ छात्रों द्वारा भगवा शाल ओढकर कॉलेज आने की खबरें सामने आईं.

बेलगावी और मांड्या में लड़कियों ने हिजाब पहनने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया. इस मामले पर उच्च न्यायालय में होने वाली सुनवाई से पहले, बोम्मई ने सभी से शांति कायम रखने की अपील की और कहा कि उनकी सरकार अदालत के आदेश के बाद कदम उठाएगी.

राज्य भर में यह विवादास्पद मुद्दा थमने का नाम नहीं ले रहा है. मुस्लिम लड़कियों का एक वर्ग कॉलेज में हिजाब पहनने पर अड़ा हुआ है, जबकि राज्य सरकार ने शैक्षणिक संस्थानों में छात्रों के लिए वर्दी को अनिवार्य बनाने का निर्देश दिया है. राज्य में ऐसी कई घटनाएं हुई हैं, जहां मुस्लिम छात्राओं को हिजाब पहनकर महाविद्यालयों में कक्षाओं में जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है, जबकि हिजाब के जवाब में हिंदू छात्र भगवा शॉल लेकर शैक्षणिक संस्थान आ रहे हैं.

यह भी पढ़ें- कर्नाटक ने शैक्षणिक संस्थानों में सद्भाव बिगाड़ने वाले कपड़ों पर प्रतिबंध लगाया

बता दें, कर्नाटक सरकार ने राज्य में शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पर विवाद (Karnataka Hizab Row) के बढ़ने पर बीते शनिवार को ऐसे कपड़े पहनने पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया था, जो स्कूलों और कॉलेजों में समानता, अखंडता और लोक व्यवस्था को बिगाड़ते हैं. सरकारी आदेश में कहा गया था कि कर्नाटक शिक्षा कानून, 1983 के खंड 133 (2) को लागू किया गया है जिसमें यह कहा गया है कि एक समान शैली की पाोशाक अनिवार्य रूप से पहनी जानी चाहिए. निजी स्कूल प्रशासन अपनी पसंद के परिधान का चयन कर सकता है.

मंगलुरु : कर्नाटक में स्कूल-कॉलेज में हिजाब पहनने को लेकर विवाद (Karnataka Hijab Row) थमने का नाम नहीं ले रहा है. हिजाब पहन कर कॉलेज आने वाली मुस्लिम छात्राओं को कक्षाओं में प्रवेश करने की अनुमति नहीं है. हालांकि, मुस्लिम छात्राओं ने इस नियम को मानने से इनकार कर दिया है. उडुपी जिले के गवर्नमेंट पीयू कॉलेज में सोमवार को हिजाब पहनकर पहुंचीं मुस्लिम छात्रों को प्रवेश की अनुमति दी गई, लेकिन उन्हें अलग-अलग कक्षाओं में बैठाया गया.

वहीं, इसके विरोध में कुंडापुर के वेंकटरमण कॉलेज के छात्रों का एक समूह भी सोमवार को भगवा शॉल पहने जुलूस निकालते हुए परिसर पहुंचा. कॉलेज के प्राचार्य और वहां मौजूद पुलिस कर्मियों ने उन्हें परिसर में प्रवेश करने से रोक दिया. छात्रों ने कहा कि यदि छात्राओं को हिजाब पहनकर कक्षाओं में आने की अनुमति दी जाएगी, तो वे भी शॉल पहनेंगे. प्राचार्य ने उन्हें भरोसा दिलाया कि हिजाब पहने किसी छात्रा को कॉलेज में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी, जिसके बाद छात्र शॉल हटा कर कॉलेज में जाने पर सहमत हुए.

कुंडापुर के सरकारी पीयू कॉलेज में भी प्राचार्य ने हिजाब पहनकर आई मुस्लिम छात्राओं से बात की और उन्हें सरकार का आदेश समझाया, लेकिन छात्राओं ने कहा कि वह हिजाब पहने रहेंगी. इसके बाद उन्हें उनके लिए निर्धारित किए गए एक अलग कक्ष में जाने को कहा गया.

इस बीच, चिक्कमगलुरु में एक कॉलेज में कुछ छात्र नीले रंग का स्कार्फ पहनकर पहुंचे और उन्होंने भगवा स्कार्फ पहने छात्रों के सामने 'जय भीम' के नारे लगाए. यह छात्र हिजाब पहनने की मांग करने वाली छात्राओं का समर्थन कर रहे थे. चिक्कबल्लापुर, बागलकोट, बेलगावी, हसन और मांड्या में कुछ छात्राओं द्वारा, शनिवार को जारी सरकारी आदेश का उल्लंघन कर हिजाब और इसके विरोधस्वरूप कुछ छात्रों द्वारा भगवा शाल ओढकर कॉलेज आने की खबरें सामने आईं.

बेलगावी और मांड्या में लड़कियों ने हिजाब पहनने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया. इस मामले पर उच्च न्यायालय में होने वाली सुनवाई से पहले, बोम्मई ने सभी से शांति कायम रखने की अपील की और कहा कि उनकी सरकार अदालत के आदेश के बाद कदम उठाएगी.

राज्य भर में यह विवादास्पद मुद्दा थमने का नाम नहीं ले रहा है. मुस्लिम लड़कियों का एक वर्ग कॉलेज में हिजाब पहनने पर अड़ा हुआ है, जबकि राज्य सरकार ने शैक्षणिक संस्थानों में छात्रों के लिए वर्दी को अनिवार्य बनाने का निर्देश दिया है. राज्य में ऐसी कई घटनाएं हुई हैं, जहां मुस्लिम छात्राओं को हिजाब पहनकर महाविद्यालयों में कक्षाओं में जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है, जबकि हिजाब के जवाब में हिंदू छात्र भगवा शॉल लेकर शैक्षणिक संस्थान आ रहे हैं.

यह भी पढ़ें- कर्नाटक ने शैक्षणिक संस्थानों में सद्भाव बिगाड़ने वाले कपड़ों पर प्रतिबंध लगाया

बता दें, कर्नाटक सरकार ने राज्य में शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पर विवाद (Karnataka Hizab Row) के बढ़ने पर बीते शनिवार को ऐसे कपड़े पहनने पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया था, जो स्कूलों और कॉलेजों में समानता, अखंडता और लोक व्यवस्था को बिगाड़ते हैं. सरकारी आदेश में कहा गया था कि कर्नाटक शिक्षा कानून, 1983 के खंड 133 (2) को लागू किया गया है जिसमें यह कहा गया है कि एक समान शैली की पाोशाक अनिवार्य रूप से पहनी जानी चाहिए. निजी स्कूल प्रशासन अपनी पसंद के परिधान का चयन कर सकता है.

Last Updated : Feb 7, 2022, 8:14 PM IST
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