बेल्लारी: कर्नाटक का बेल्लारी जिला राजनीतिक रूप से समृद्ध जिला है. यह वह जिला भी है जहां कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और सुषमा स्वराज ने चुनाव लड़ा और देश का ध्यान आकर्षित किया. दक्षिण भारत में पहली बार कमल खिलने का श्रेय भी इसी जिले को जाता है. कर्नाटक में भाजपा की सत्ता हथियाने में जिला खदान मालिकों का योगदान जगजाहिर है. 2008 में रेड्डी बंधुओं ने माइनिंग डिस्ट्रिक्ट से उन दिनों में सबसे ज्यादा विधानसभा क्षेत्र जीतकर बीजेपी को सत्ता में लाकर ध्यान आकर्षित किया था, जब राज्य में कमल खिलाना एक मुश्किल काम था.
ऐसे में बेल्लारी जिले में मौजूदा विधानसभा चुनाव की सरगर्मियां जोरों पर हैं. कल्याण राज्य प्रगति पार्टी (केआरपी) के मुकाबले से बेल्लारी शहर विधानसभा क्षेत्र रंगीन हो गया है. पूर्व मंत्री और केआरपीपी के संस्थापक गली जनार्दन रेड्डी की पत्नी लक्ष्मी अरुणा केआरपी से मैदान में हैं, वहीं मौजूदा विधायक जनार्दन रेड्डी के भाई सोमशेखर रेड्डी बीजेपी से चुनाव लड़ रहे हैं. भरत रेड्डी जहां कांग्रेस से मैदान में हैं, वहीं अनिल लाड कांग्रेस के बागी के रूप में जेडीएस से चुनाव लड़ रहे हैं, क्योंकि उन्हें टिकट नहीं मिला.
इस सीट की खास बात यह है कि यहां आम आदमी पार्टी समेत 24 उम्मीदवार मैदान में हैं. बीजेपी ने इस बार मौजूदा विधायक जी सोमशेखर रेड्डी को टिकट दिया है. 2008 में, रेड्डी 54,831 वोट हासिल करके विधायक चुने गए, उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार अनिल लाड को 1,022 मतों के अंतर से हराया. हालांकि, बाद में 2013 में, सोमशेखर रेड्डी अखाड़े से दूर रहे. 2013 में इस सीट पर कांग्रेस ने जीत हासिल की थी. अनिल लाड ने कांग्रेस पार्टी से खड़े होकर जीत हासिल की थी.
2018 में सोमशेखर रेड्डी दूसरी बार विधायक बने. इस बार कांग्रेस से नारा भरत रेड्डी, सोमशेखर रेड्डी के प्रतिद्वंद्वी के रूप में मैदान में उतरे हैं. वहीं दूसरी ओर जेडीएस से चुनाव लड़ रहे अनिल लाड ने कांग्रेस का टिकट गंवाकर जेडीएस पर अपनी नजरें गड़ा दी हैं. कांग्रेस और जेडीएस उम्मीदवारों के बीच कड़ी टक्कर के बीच पूर्व मंत्री जनार्दन रेड्डी की पत्नी लक्ष्मी अरुणा कल्याण राज्य प्रगति पार्टी से मैदान में हैं और जमकर मुकाबला कर रही हैं. वह घर-घर जाकर प्रचार कर रही हैं.
एक तरफ तो विधानसभा ने रेड्डी बंधुओं की उस चुनौती की प्रस्तावना लिखी है, जिसके लिए लोग देवर-भाभी की दुश्मनी देखने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. इस निर्वाचन क्षेत्र में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, लिंगायत और मुसलमानों के वोट बढ़े हैं. मुस्लिम वोट, जो कांग्रेस के वोट बैंक थे, उनके जेडीएस और केआरपीपी को जाने की संभावना अधिक है. ऐसे में मतों के बंटवारे के कारण किसकी जीत होगी, यह कहना इतना आसान नहीं है.
पढ़ें: Karnataka Elections : मुल्की में गरजे मोदी, कहा- 'बांटो और राज करो' पर आधारित कांग्रेस
बेल्लारी सिटी विधानसभा क्षेत्र में कुल 2,59,184 मतदाता हैं, जिनमें 1,26,067 पुरुष मतदाता, 1,33,087 महिला मतदाता और 30 लिंग अल्पसंख्यक मतदाता हैं. इनमें 8,432 युवा मतदाता, 4,691 वयस्क मतदाता 80 वर्ष से अधिक, 1,383 शारीरिक रूप से विकलांग मतदाता हैं. कुल मिलाकर बेल्लारी सिटी निर्वाचन क्षेत्र इस बार एक उच्च वोल्टेज निर्वाचन क्षेत्र है और हमें इंतजार करना होगा और देखना होगा कि मतदाता किसे वोट देंगे.