बेंगलुरु : कर्नाटक में 10 मई को होने वाले विधानसभा चुनाव के करीब आने के साथ भाजपा आक्रामक प्रचार अभियान चला रही है. पार्टी की आक्रामकता खासतौर पर तब बढ़ी है, जब कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणापत्र में सत्ता में आने पर बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने का वादा किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित भाजपा का राष्ट्रीय नेतृत्व अपनी जनसभाओं में 'जय बजरंग बली' के नारे को शामिल करने पर जोर दे रहा है. वे दावा कर रहे हैं कि कांग्रेस सभी हिंदुओं के पूज्य भगवान हनुमान का अपमान कर रही है.
कर्नाटक में सोशल मीडिया पर 'मैं बजरंगी हूं' अभियान तेजी से वायरल हो रहा है. इसे जोड़ते हुए हिंदुत्ववादी संगठनों और बजरंग दल ने गुरुवार (4 मई) को राज्य के सभी मंदिरों में हनुमान चालीसा का पाठ करने का आह्वान किया है. बजरंग दल की तुलना प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) से करने पर हिंदुत्ववादी संगठनों और बजरंग दल ने नाराजगी जताई है. कर्नाटक भाजपा अध्यक्ष नलिन कुमार कटील ने मूडबिद्री में हुई एक जनसभा में पीएम मोदी की मौजूदगी में चुनौती दी कि अगर कांग्रेस में क्षमता है, तो वह बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाकर दिखाए.
हालांकि, कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष डी.के. शिवकुमार ने घोषणापत्र में बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने के प्रस्ताव के बाद हुए विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए पूछा कि बजरंग दल और बजरंग बली (भगवान हनुमान) के बीच क्या संबंध है. शिवकुमार ने कहा, "हम भी भगवान हनुमान के भक्त हैं. क्या सिर्फ भाजपा के नेता ही हनुमान के भक्त हैं? सद्भाव बिगाड़कर शांति के स्वर्ग (कर्नाटक) को परेशान नहीं किया जाना चाहिए." केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शोभा करंदलाजे ने कहा कि बजरंग दल आरएसएस का हिस्सा है और देश के लिए युवाओं के साथ मिलकर काम कर रहा है. यह कभी भी देश विरोधी गतिविधियों में शामिल नहीं रहा है. कांग्रेस का घोषणापत्र मुसलमानों को खुश करने के लिए जारी किया गया है.
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(आईएएनएस)