बेंगलुरु : कन्नड़ लेखक व संपादक जी वेंकटसुब्बैया का निधन हो गया है. वह 107 वर्ष के थे. कन्नड़ भाषा विज्ञानी और लेक्सिकोग्राफर (कोश-निर्माता) प्रो. जी वेंकटसुब्बैया ने बीती रात लगभग 1.30 बजे बेंगलुरु के जयनगर में स्थित एक निजी अस्पताल में अंतिम सांस ली.
कन्नड़ साहित्य में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले जी वेंकटसुब्बैया का जन्म 23 अगस्त, 1913 को मैसूर में हुआ था. उन्हें अपने साहित्यिक जीवन में एक शोधकर्ता, लेखक और शिक्षक के रूप में काम किया है. वह भाषा विशेषज्ञ और कन्नड़ शब्दकोश के विशेषज्ञ थे.
वेंकटसुब्बैया को कन्नड़ शब्दकोश विज्ञान पर उनके काम के लिए जाना जाता है. उनकी कृति 'इगो कन्नड़' एक सामाजिक-भाषाई शब्दकोश है, जिसमें कन्नड़ वाक्यांशों, प्रयोग, मुहावरों, वाक्यांशों का उदार मिश्रण शामिल है, और यह भाषाविदों और समाजशास्त्रियों के लिए एक संदर्भ के रूप में कार्य करता है.
वेंकटसुब्बैया को मिले कई पुरस्कार
वेंकटसुब्बैया को कई पुरस्कारों और प्रतिष्ठित सम्मानों से नवाजा गया, जिनमें पद्म श्री, कन्नड़ साहित्य अकादमी पुरस्कार, भाषा सम्मान पुरस्कार, पम्पा पुरस्कार आदि शामिल हैं.
कर्नाटक के पूर्व सीएम एचडी कुमारस्वामी, भाजपा और आरएसएस के नेताओं ने वेंकटसुब्बैया के निधन पर शोक व्यक्त किया.