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न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता हमेशा संस्था के लिए बेहतरीन प्रतिभा रहे : सीजेआई ललित

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Published : Oct 14, 2022, 7:18 PM IST

Updated : Oct 14, 2022, 7:23 PM IST

कर्नाटक हिजाब प्रतिबंध मामले में फैसले सहित कई महत्वपूर्ण निर्णय देने वाले जस्टिस हेमंत गुप्ता (Justice Hemant Gupta) 16 अक्टूबर को रिटायर हो रहे हैं. आज उनका आखिरी कार्यदिवस था. अधिवक्ता न्यायमूर्ति गुप्ता को उनके अंतिम कार्यदिवस पर विदाई देने के लिए अदालत कक्ष में मौजूद थे. सीजेआई ने कहा कि न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता हमेशा संस्था के लिए बेहतरीन प्रतिभा रहे.

SC JUSTICE HEMANT GUPTA
सीजेआई ललित व जस्टिस हेमंत गुप्ता

नई दिल्ली : भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) उदय उमेश ललित (CJI Uday Umesh Lalit) ने शुक्रवार को कहा कि उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश हेमंत गुप्ता संस्था (न्यायपालिका) के लिए हमेशा एक बेहतरीन प्रतिभा रहे हैं. न्यायमूर्ति गुप्ता 16 अक्टूबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं. न्यायमूर्ति ललित ने कहा कि न्यायमूर्ति गुप्ता को जो भी काम सौंपा गया उसके निर्धारण के लिए हमेशा अपनी क्षमता के अनुरूप काम किया तथा भरपूर योगदान की कोशिश की.

न्यायमूर्ति गुप्ता अपने अंतिम कार्यदिवस को रस्मी तौर पर सीजेआई की अध्यक्षता वाली पीठ का हिस्सा थे. सीजेआई ने कहा, 'वह हमेशा संस्था के लिए एक बेहतरीन प्रतिभा रहे हैं और हम उनके अच्छे स्वास्थ्य, बेहतर भविष्य और उन सभी चीजों की कामना करते हैं जिसके वे (न्यायमूर्ति गुप्ता) हकदार हैं.' इस अवसर पर न्यायमूर्ति गुप्ता ने कहा कि शीर्ष अदालत में रहना 'व्यक्तिगत रूप से समृद्ध अनुभव' था और उन्हें हमेशा सभी वकीलों से सहायता मिली. उन्हें दो नवंबर, 2018 को सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया था.

न्यायमूर्ति गुप्ता ने अदालत में मौजूद अधिवक्ताओं से कहा, 'व्यक्तिगत रूप से बोल रहा हूं, मैंने लगभग 20 वर्षों की अपनी पारी का भरपूर आनंद लिया. प्रत्येक दिन मेरे लिए सीखने वाला था और आप सभी ने सीखने की प्रक्रिया में मेरी मदद की है. बहुत-बहुत धन्यवाद.' अधिवक्ता न्यायमूर्ति गुप्ता को उनके अंतिम कार्यदिवस पर विदाई देने के लिए अदालत कक्ष में मौजूद थे.

न्यायमूर्ति गुप्ता के सेवानिवृत्त होने से शीर्ष अदालत में सेवारत न्यायाधीशों की संख्या घटकर 28 हो जाएगी, जबकि सीजेआई सहित न्यायाधीशों के 34 पद स्वीकृत हैं. सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान, न्यायमूर्ति गुप्ता ने कर्नाटक हिजाब प्रतिबंध मामले में फैसले सहित कई महत्वपूर्ण निर्णय दिए.

न्यायमूर्ति गुप्ता ने हिजाब मामले में खंडित फैसले में कर्नाटक उच्च न्यायालय के 15 मार्च के फैसले को चुनौती देने वाली अपीलों को खारिज कर दिया. उच्च न्यायालय ने हिजाब पर प्रतिबंध हटाने से इनकार कर दिया था. न्यायपालिका में न्यायमूर्ति गुप्ता के योगदान की प्रशंसा करते हुए सीजेआई ने कहा कि वह लगभग 12-13 साल पहले उनसे पहली बार मिले थे और तब से उन्हें करीब से जानते हैं.

शुरुआत में सीजेआई ने कहा, 'मुझे यह जरूर कहना चाहिए. आज की इस पीठ में उम्र के मामले में दो वरिष्ठतम न्यायाधीश मौजूद हैं.' सीजेआई ललित आठ नवंबर को सेवानिवृत्त होने वाले हैं.

न्यायमूर्ति गुप्ता ने कहा, 'संयोग से शीर्ष अदालत में मेरा पहला दिन सीजेआई के कक्ष में था और मेरा आखिरी दिन भी इसी कक्ष में है.' मुकुल रोहतगी और अभिषेक मनु सिंघवी सहित कई वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने न्यायमूर्ति गुप्ता के अंतिम कार्यदिवस पर उन्हें शुभकामनाएं दीं. रोहतगी ने कहा, 'बार की ओर से हम आपकी दूसरी पारी के सुखद और सफल रहने की कामना करते हैं.'

जानिए जस्टिस गुप्ता के बारे में : सत्रह अक्टूबर 1957 को जन्मे न्यायमूर्ति गुप्ता ने जुलाई 1980 में एक वकील के रूप में नामांकन किया. उन्होंने 1997 से 1999 तक पंजाब के अतिरिक्त महाधिवक्ता के रूप में भी काम किया. उन्हें दो जुलाई 2002 को पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त किया गया था. उन्होंने आठ फरवरी, 2016 को पटना उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदभार संभाला और 29 अक्टूबर, 2016 को उसी उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किए गए. न्यायमूर्ति गुप्ता को 18 मार्च, 2017 को मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था.

पढ़ें- किसी समुदाय को धार्मिक प्रतीक पहनने की अनुमति देना धर्मनिरपेक्षता के उलट : जस्टिस गुप्ता

नई दिल्ली : भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) उदय उमेश ललित (CJI Uday Umesh Lalit) ने शुक्रवार को कहा कि उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश हेमंत गुप्ता संस्था (न्यायपालिका) के लिए हमेशा एक बेहतरीन प्रतिभा रहे हैं. न्यायमूर्ति गुप्ता 16 अक्टूबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं. न्यायमूर्ति ललित ने कहा कि न्यायमूर्ति गुप्ता को जो भी काम सौंपा गया उसके निर्धारण के लिए हमेशा अपनी क्षमता के अनुरूप काम किया तथा भरपूर योगदान की कोशिश की.

न्यायमूर्ति गुप्ता अपने अंतिम कार्यदिवस को रस्मी तौर पर सीजेआई की अध्यक्षता वाली पीठ का हिस्सा थे. सीजेआई ने कहा, 'वह हमेशा संस्था के लिए एक बेहतरीन प्रतिभा रहे हैं और हम उनके अच्छे स्वास्थ्य, बेहतर भविष्य और उन सभी चीजों की कामना करते हैं जिसके वे (न्यायमूर्ति गुप्ता) हकदार हैं.' इस अवसर पर न्यायमूर्ति गुप्ता ने कहा कि शीर्ष अदालत में रहना 'व्यक्तिगत रूप से समृद्ध अनुभव' था और उन्हें हमेशा सभी वकीलों से सहायता मिली. उन्हें दो नवंबर, 2018 को सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया था.

न्यायमूर्ति गुप्ता ने अदालत में मौजूद अधिवक्ताओं से कहा, 'व्यक्तिगत रूप से बोल रहा हूं, मैंने लगभग 20 वर्षों की अपनी पारी का भरपूर आनंद लिया. प्रत्येक दिन मेरे लिए सीखने वाला था और आप सभी ने सीखने की प्रक्रिया में मेरी मदद की है. बहुत-बहुत धन्यवाद.' अधिवक्ता न्यायमूर्ति गुप्ता को उनके अंतिम कार्यदिवस पर विदाई देने के लिए अदालत कक्ष में मौजूद थे.

न्यायमूर्ति गुप्ता के सेवानिवृत्त होने से शीर्ष अदालत में सेवारत न्यायाधीशों की संख्या घटकर 28 हो जाएगी, जबकि सीजेआई सहित न्यायाधीशों के 34 पद स्वीकृत हैं. सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान, न्यायमूर्ति गुप्ता ने कर्नाटक हिजाब प्रतिबंध मामले में फैसले सहित कई महत्वपूर्ण निर्णय दिए.

न्यायमूर्ति गुप्ता ने हिजाब मामले में खंडित फैसले में कर्नाटक उच्च न्यायालय के 15 मार्च के फैसले को चुनौती देने वाली अपीलों को खारिज कर दिया. उच्च न्यायालय ने हिजाब पर प्रतिबंध हटाने से इनकार कर दिया था. न्यायपालिका में न्यायमूर्ति गुप्ता के योगदान की प्रशंसा करते हुए सीजेआई ने कहा कि वह लगभग 12-13 साल पहले उनसे पहली बार मिले थे और तब से उन्हें करीब से जानते हैं.

शुरुआत में सीजेआई ने कहा, 'मुझे यह जरूर कहना चाहिए. आज की इस पीठ में उम्र के मामले में दो वरिष्ठतम न्यायाधीश मौजूद हैं.' सीजेआई ललित आठ नवंबर को सेवानिवृत्त होने वाले हैं.

न्यायमूर्ति गुप्ता ने कहा, 'संयोग से शीर्ष अदालत में मेरा पहला दिन सीजेआई के कक्ष में था और मेरा आखिरी दिन भी इसी कक्ष में है.' मुकुल रोहतगी और अभिषेक मनु सिंघवी सहित कई वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने न्यायमूर्ति गुप्ता के अंतिम कार्यदिवस पर उन्हें शुभकामनाएं दीं. रोहतगी ने कहा, 'बार की ओर से हम आपकी दूसरी पारी के सुखद और सफल रहने की कामना करते हैं.'

जानिए जस्टिस गुप्ता के बारे में : सत्रह अक्टूबर 1957 को जन्मे न्यायमूर्ति गुप्ता ने जुलाई 1980 में एक वकील के रूप में नामांकन किया. उन्होंने 1997 से 1999 तक पंजाब के अतिरिक्त महाधिवक्ता के रूप में भी काम किया. उन्हें दो जुलाई 2002 को पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त किया गया था. उन्होंने आठ फरवरी, 2016 को पटना उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदभार संभाला और 29 अक्टूबर, 2016 को उसी उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किए गए. न्यायमूर्ति गुप्ता को 18 मार्च, 2017 को मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था.

पढ़ें- किसी समुदाय को धार्मिक प्रतीक पहनने की अनुमति देना धर्मनिरपेक्षता के उलट : जस्टिस गुप्ता

Last Updated : Oct 14, 2022, 7:23 PM IST
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