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आरएसएसडीआई के 'आजीवन संरक्षक' निर्वाचित हुए डॉ. जितेंद्र सिंह

केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह को रिसर्च सोसाइटी फोर स्टडी ऑफ डायबिटीज इन इंडिया (आरएसएसडीआई) का 'आजीवन सरंक्षक' चुना गया है. सिंह यह सम्मान पाने वाले जम्मू-कश्मीर के पहले चिकित्सक हैं. आरएसएसडीआई भारत का प्रमुख मधुमेह अनुसंधान संगठन है.

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Published : Jan 2, 2021, 11:05 PM IST

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डॉ. जितेंद्र सिंह

नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह देश के शीर्ष मधुमेह अनुसंधान संगठन रिसर्च सोसाइटी फोर स्टडी ऑफ डायबिटीज इन इंडिया (आरएसएसडीआई) के 'आजीवन सरंक्षक' निर्वाचित हुए हैं. एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी.

भारत में मधुमेह अनुसंधान एवं चिकित्सकों के लिए सबसे पुराने संगठनों में एक आरएसएसडीआई की स्थापना 1972 में देश में प्रमुख मधुमेह चिकित्सकों ने स्थापना की थी. उनमें सैम जीपी मॉसेज, एमएमएस आहुजा और वी विश्वनाथ जैसे प्रोफेसर शामिल थे.

अधिकारी ने बताया कि सिंह मधुमेह अनुसंधान, अध्ययन और प्रबंधन में उनके जीवनभर की सेवाओं को लेकर ऐसा सम्मान पाने वाले जम्मू-कश्मीर और संभवत: उत्तर भारत के पहले चिकित्सक हैं.

आरएसएसडीआई की राष्ट्रीय कार्यसमिति ने इस आशय के निर्णय की घोषणा की. सिंह के अलावा मुंबई के प्रोफेसर एचबी चंडालिया, पुडुचेरी के अशोक के दास, चेन्नई के वी शेषैया एवं वी मोहन और हैदराबाद के बीके सहायक अन्य निर्वाचित संरक्षक हैं.

पढ़ें- 'डिजिटल इंडिया' में साइबर क्राइम एक बड़ी चुनौती, डट कर करें सामना

जितेंद्र सिंह चेन्नई के स्टानली मेडिकल कॉलेज के छात्र रहे हैं और वह सक्रिय राजनीति में आने से पहले जम्मू में सरकारी मेडिकल कॉलेज में मेडिसिन एवं डायबिटीज के प्रोफेसर थे.

नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह देश के शीर्ष मधुमेह अनुसंधान संगठन रिसर्च सोसाइटी फोर स्टडी ऑफ डायबिटीज इन इंडिया (आरएसएसडीआई) के 'आजीवन सरंक्षक' निर्वाचित हुए हैं. एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी.

भारत में मधुमेह अनुसंधान एवं चिकित्सकों के लिए सबसे पुराने संगठनों में एक आरएसएसडीआई की स्थापना 1972 में देश में प्रमुख मधुमेह चिकित्सकों ने स्थापना की थी. उनमें सैम जीपी मॉसेज, एमएमएस आहुजा और वी विश्वनाथ जैसे प्रोफेसर शामिल थे.

अधिकारी ने बताया कि सिंह मधुमेह अनुसंधान, अध्ययन और प्रबंधन में उनके जीवनभर की सेवाओं को लेकर ऐसा सम्मान पाने वाले जम्मू-कश्मीर और संभवत: उत्तर भारत के पहले चिकित्सक हैं.

आरएसएसडीआई की राष्ट्रीय कार्यसमिति ने इस आशय के निर्णय की घोषणा की. सिंह के अलावा मुंबई के प्रोफेसर एचबी चंडालिया, पुडुचेरी के अशोक के दास, चेन्नई के वी शेषैया एवं वी मोहन और हैदराबाद के बीके सहायक अन्य निर्वाचित संरक्षक हैं.

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जितेंद्र सिंह चेन्नई के स्टानली मेडिकल कॉलेज के छात्र रहे हैं और वह सक्रिय राजनीति में आने से पहले जम्मू में सरकारी मेडिकल कॉलेज में मेडिसिन एवं डायबिटीज के प्रोफेसर थे.

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