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जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क का नाम रामगंगा राष्ट्रीय उद्यान करने की तैयारी

उत्तराखंड के रामनगर स्थित जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क का नाम बदल कर रामगंगा राष्ट्रीय उद्यान किया जाएगा. केंद्रीय वन और पर्यावरण मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने यह बात कही है.

जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क
जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क
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Published : Oct 6, 2021, 12:53 PM IST

Updated : Oct 6, 2021, 6:40 PM IST

देहरादून : केंद्र सरकार उत्तराखंड के रामनगर स्थित विश्व प्रसिद्ध जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क (Jim Corbett National Park) का नाम बदलने की तैयारी कर रही है. केंद्रीय पर्यावरण एवं राज्य मंत्री अश्वनी चौबे ने रामनगर दौरे पर जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क का नाम बदलकर रामगंगा नेशनल पार्क करने की इच्छा की जाहिर की थी.

बता दें कि केंद्रीय पर्यावरण मंत्री अश्वनी चौबे तीन अक्टूबर को रामनगर पहुंचे थे और यहां अमृत महोत्सव कार्यक्रम के तहत बाघों के संरक्षण को लेकर निकाली गई रैली में शामिल हुए थे. इस दौरान अश्वनी चौबे ने धनगढ़ी स्थित म्यूजियम कन्वेंशन सेंटर पहुंचे कॉर्बेट पार्क की जानकारी ली थी.

जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क का नाम रामगंगा राष्ट्रीय उद्यान करने की तैयारी

बताया जा रहा है कि केंद्रीय मंत्री ने जब वहां किताबों से जाना कि कॉर्बेट पार्क का नाम पहले रामगंगा नेशनल पार्क था तो उन्होंने पार्क क नाम रामगंगा नेशनल पार्क रखने की इच्छा जाहिर की.

इस बारे में कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के निदेशक राहुल कुमार ने बताया कि केंद्रीय वन मंत्री तीन अक्टूबर को कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के भ्रमण पर थे. भ्रमण के दौरान उन्होंने कहा था कि कॉर्बेट टाइगर रिजर्व का नामकरण पुराने 'रामगंगा नेशनल पार्क' के नाम पर किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि इस संबंध में जो भी उच्च स्तर से दिशा निर्देश प्राप्त होंगे उसके अनुसार ही कार्रवाई की जाएगी.

जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क का नाम रामगंगा राष्ट्रीय उद्यान करने की तैयारी
जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क का नाम रामगंगा राष्ट्रीय उद्यान करने की तैयारी

राहुल कुमार ने बताया कि 1954 में हेली नेशनल पार्क नाम बदलकर रामगंगा नेशनल पार्क किया गया था. इसके बाद 1956 में इसका नाम कॉर्बेट नेशनल पार्क किया गया था.

बता दें कि जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क बाघों और वन्यजीवों के दीदार के लिए देश-विदेश में प्रसिद्ध है. वर्ष 1936 में इस पार्क की स्थापना की गई थी. उस समय इस पार्क का नाम तत्कालीन गवर्नर मैल्कम हेली के नाम पर हेली नेशनल पार्क रखा गया था. आजादी के बाद इस पार्क का नाम रामगंगा नेशनल पार्क रख दिया गया. बाद में प्रसिद्ध शिकारी जिम कॉर्बेट की मौत के दो साल बाद 1956 में इसका नाम जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क कर दिया गया.

रामगंगा नदी पार्क की लाइफ लाइन मानी जाती है. कॉर्बेट टाइगर रिजर्व का क्षेत्रफल 1318.54 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है. यहां कई प्रकार के पेड़ों की प्रजातियां, जीव जंतु व कई प्रकार के वन्यजीव भी रहते हैं. कॉर्बेट टाइगर रिजर्व बाघों के घनत्व के लिए देश-विदेश में जाना जाता है.

उत्तराखंड के नैनीताल जिले के रामनगर में स्थित जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क का नाम जेम्स एडवर्ड जिम कॉर्बेट के नाम पर रखा गया था. जिम कॉर्बेट ने कई आदमखोर बाघ और तेंदुओं का शिकार कर इस क्षेत्र के लोगों को भय से मुक्त कराया था.

जेम्स एडवर्ड जिम कॉर्बेट का जन्म 25 जुलाई, 1875 को नैनीताल में हुआ था. नैनीताल में जन्मे होने के कारण जिम कॉर्बेट को नैनीताल और उसके आसपास के क्षेत्रों से बेहद लगाव था. उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा नैनीताल में ही पूरी की. अपनी युवा अवस्था में जिम कॉर्बेट ने पश्चिम बंगाल में रेलवे में नौकरी कर ली, लेकिन नैनीताल का प्रेम उन्हें नैनीताल की हसीन वादियों में फिर खींच लाया.

यह भी पढ़ें- 33 आदमखोर बाघ और तेंदुए को ढेर करने वाले जिम कॉर्बेट की जयंती

बता दें, कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में करीब 250 टाइगर और 1200 हाथी सिर्फ कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में हैं. इसके अलावा भी बड़ी संख्या में और दूसरे वाइल्ड एनिमल कॉर्बेट में पाए जाते हैं. पक्षियों की भी बहुत प्रकार की प्रजातियां पाई जाती हैं, तो इन सब को ध्यान में रखते हुए कॉर्बेट वाइल्डलाइफ टूरिज्म डेस्टिनेशन का एक बहुत महत्वपूर्ण लोकेशन है.

(एजेंसी इनपुट)

देहरादून : केंद्र सरकार उत्तराखंड के रामनगर स्थित विश्व प्रसिद्ध जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क (Jim Corbett National Park) का नाम बदलने की तैयारी कर रही है. केंद्रीय पर्यावरण एवं राज्य मंत्री अश्वनी चौबे ने रामनगर दौरे पर जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क का नाम बदलकर रामगंगा नेशनल पार्क करने की इच्छा की जाहिर की थी.

बता दें कि केंद्रीय पर्यावरण मंत्री अश्वनी चौबे तीन अक्टूबर को रामनगर पहुंचे थे और यहां अमृत महोत्सव कार्यक्रम के तहत बाघों के संरक्षण को लेकर निकाली गई रैली में शामिल हुए थे. इस दौरान अश्वनी चौबे ने धनगढ़ी स्थित म्यूजियम कन्वेंशन सेंटर पहुंचे कॉर्बेट पार्क की जानकारी ली थी.

जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क का नाम रामगंगा राष्ट्रीय उद्यान करने की तैयारी

बताया जा रहा है कि केंद्रीय मंत्री ने जब वहां किताबों से जाना कि कॉर्बेट पार्क का नाम पहले रामगंगा नेशनल पार्क था तो उन्होंने पार्क क नाम रामगंगा नेशनल पार्क रखने की इच्छा जाहिर की.

इस बारे में कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के निदेशक राहुल कुमार ने बताया कि केंद्रीय वन मंत्री तीन अक्टूबर को कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के भ्रमण पर थे. भ्रमण के दौरान उन्होंने कहा था कि कॉर्बेट टाइगर रिजर्व का नामकरण पुराने 'रामगंगा नेशनल पार्क' के नाम पर किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि इस संबंध में जो भी उच्च स्तर से दिशा निर्देश प्राप्त होंगे उसके अनुसार ही कार्रवाई की जाएगी.

जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क का नाम रामगंगा राष्ट्रीय उद्यान करने की तैयारी
जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क का नाम रामगंगा राष्ट्रीय उद्यान करने की तैयारी

राहुल कुमार ने बताया कि 1954 में हेली नेशनल पार्क नाम बदलकर रामगंगा नेशनल पार्क किया गया था. इसके बाद 1956 में इसका नाम कॉर्बेट नेशनल पार्क किया गया था.

बता दें कि जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क बाघों और वन्यजीवों के दीदार के लिए देश-विदेश में प्रसिद्ध है. वर्ष 1936 में इस पार्क की स्थापना की गई थी. उस समय इस पार्क का नाम तत्कालीन गवर्नर मैल्कम हेली के नाम पर हेली नेशनल पार्क रखा गया था. आजादी के बाद इस पार्क का नाम रामगंगा नेशनल पार्क रख दिया गया. बाद में प्रसिद्ध शिकारी जिम कॉर्बेट की मौत के दो साल बाद 1956 में इसका नाम जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क कर दिया गया.

रामगंगा नदी पार्क की लाइफ लाइन मानी जाती है. कॉर्बेट टाइगर रिजर्व का क्षेत्रफल 1318.54 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है. यहां कई प्रकार के पेड़ों की प्रजातियां, जीव जंतु व कई प्रकार के वन्यजीव भी रहते हैं. कॉर्बेट टाइगर रिजर्व बाघों के घनत्व के लिए देश-विदेश में जाना जाता है.

उत्तराखंड के नैनीताल जिले के रामनगर में स्थित जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क का नाम जेम्स एडवर्ड जिम कॉर्बेट के नाम पर रखा गया था. जिम कॉर्बेट ने कई आदमखोर बाघ और तेंदुओं का शिकार कर इस क्षेत्र के लोगों को भय से मुक्त कराया था.

जेम्स एडवर्ड जिम कॉर्बेट का जन्म 25 जुलाई, 1875 को नैनीताल में हुआ था. नैनीताल में जन्मे होने के कारण जिम कॉर्बेट को नैनीताल और उसके आसपास के क्षेत्रों से बेहद लगाव था. उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा नैनीताल में ही पूरी की. अपनी युवा अवस्था में जिम कॉर्बेट ने पश्चिम बंगाल में रेलवे में नौकरी कर ली, लेकिन नैनीताल का प्रेम उन्हें नैनीताल की हसीन वादियों में फिर खींच लाया.

यह भी पढ़ें- 33 आदमखोर बाघ और तेंदुए को ढेर करने वाले जिम कॉर्बेट की जयंती

बता दें, कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में करीब 250 टाइगर और 1200 हाथी सिर्फ कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में हैं. इसके अलावा भी बड़ी संख्या में और दूसरे वाइल्ड एनिमल कॉर्बेट में पाए जाते हैं. पक्षियों की भी बहुत प्रकार की प्रजातियां पाई जाती हैं, तो इन सब को ध्यान में रखते हुए कॉर्बेट वाइल्डलाइफ टूरिज्म डेस्टिनेशन का एक बहुत महत्वपूर्ण लोकेशन है.

(एजेंसी इनपुट)

Last Updated : Oct 6, 2021, 6:40 PM IST
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