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JDU नेता राकेश मुखिया की जुबानी सुनिए- 'RCP सिंह ने 12 साल में खरीदे इतने प्लॉट'

एक छोटे से नेता ने बिहार की राजनीति में बड़ा भूचाल ला दिया है. उन्होंने कहा है कि आरसीपी सिंह ने अपने और परिवार के नाम कई संपत्ति को बनाया (RCP Singh Property Dispute) है, जो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जीरो टोलरेंस के विपरीत है. आगे पढ़ें और जाने आखिर क्या कहा है उस नेता ने...

Rakesh Kumar On RCP Singh Etv Bharat
Rakesh Kumar On RCP Singh
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Published : Aug 6, 2022, 4:03 PM IST

नालंदा : जेडीयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सह पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. जब से वह राज्यसभा की टिकट से वंचित हुए हैं, तब से जेडीयू में उनके लिए मुश्किले थम नहीं रही हैं. इसी बीच पार्टी की तरफ से उन पर गंभीर आरोप लगे हैं. पार्टी के दो कार्यकर्ताओं ने प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा (JDU state president Umesh Kushwaha) को आवेदन देकर आरसीपी सिंह द्वारा बड़े पैमाने पर संपत्ति बनाने का आरोप लगाया गया है. कार्यकर्ताओं के आवेदन के आधार पर प्रदेश अध्यक्ष ने जवाब मांगा (Notice to RCP Singh) है.

ये भी पढ़ें - '9 साल में 58 प्लॉट कैसे खरीदे?'.. JDU ने RCP सिंह को भेजा नोटिस, लगाए गंभीर आरोप

कई बार शिकायक करने की कोशिश की : जिन दो पार्टी के कार्यकर्ताओं ने यह गंभीर आरोप लगाये है उनमें से एक हैं नालंदा के रहुई प्रखंड अध्यक्ष राकेश कुमार (Rakesh Kumar On RCP Singh). उन्होंने कहा कि आरसीपी सिंह नालंदा के अस्थावां ब्लॉक में 40 बीघा, इस्लामपुर ब्लॉक में 30 बीघा, तथा राजगीर और बिहार ब्लॉक में भी इनके नाम या इनके परिवार के नाम पर वर्ष 2010 से 2022 के बीच जमीन खरीद की गई है. जो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जीरो टोलरेंस के विपरीत है. इन्होंने इन सभी संपत्तियों का जिक्र 2016 के राज्यसभा चुनाव के वक्त भी अपने हलफनामे में दायर नहीं किया था. राकेश कुमार ने कहा कि इसकी जानकारी हम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को कई बार देना चाहे, लेकिन आरसीपी सिंह के आगे-पीछे रहने वाले लोग मिलने नहीं देते थे. इनके डर से हम लोग हिम्मत भी नहीं जुटा पाते थे.

''हमने घोटाला का आरोप नहीं लगाया है. हमें जो जमीन का साक्ष्य मिला है, अस्थावां और इस्लामपुर प्रखंड में जमीन खरीद किए हैं. इसके अलावा बिहार शरीफ में भी उनकी जमीन है, इसकी हमें जानकारी है. हालांकि वह तीसरे के हाथों में चला गया है, उसका साक्ष्य नहीं मिल पाया है. इनके कारण पार्टी की छवि धूमिल हो रही थी. 'आरसीपी टैक्स' का नाम करके जो पुकारा जा रहा था. इससे पार्टी के वोट पर्सेंट में कमी हो रही थी. पब्लिक में भी चर्चा थी कि आरसीपी सिंह घोटालेबाज हैं. डॉक्यूमेंट है, इनकी पत्नी के नाम पर है. 2007-08 से घोटाला की जानकारी हमारे पास है. हमने तो छवि बचाने के लिए पार्टी नेतृत्व को लिखा है. अब जांच में जो आए, हम तो जांच कर नहीं रहे हैं. पार्टी नेतृत्व का फैसला मान्य होगा.''- राकेश कुमार मुखिया, रहुई प्रखंड अध्यक्ष, जेडीयू

क्या है आरसीपी सिंह संपत्ति विवाद : बिहार प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने आरसीपी सिंह को एक पत्र लिखा है. पत्र में कहा गया है कि नालंदा जिले के दो जेडीयू नेताओं ने सबूतों के साथ उनके खिलाफ शिकायत की है. शिकायत में कहा गया कि आरसीपी सिंह ने उनके और उनके परिवार के नाम पर साल 2013 से 2022 के बीच अकूत अचल संपत्ति अर्जित की. इसमें कई तरह की गड़बड़ियां हैं. इस मामले में जेडीयू ने आरसीपी सिंह को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है. प्रदेशाध्यक्ष उमेश सिंह ने कहा कि वे जल्द से जल्द उनके और उनके परिवार से जुड़ी संपत्ति के मामले में अपनी राय स्पष्ट करें और पार्टी आलाकमान को इस बारे अवगत कराएं.

फिलहाल, नीतीश और आरसीपी सिंह के बीच पिछले कुछ महीनों से खटास की खबरें आ रही थी. लेकिन इस चिट्ठी के सार्वजनिक होने के बाद ये साफ हो गया है कि आरसीपी सिंह को पार्टी से बाहर किए जाने की पार्टी ने पूरी तैयारी कर ली है. बिहार की राजनीति में कभी नीतीश और आरसीपी सिंह के बीच गहरी दोस्ती मानी जाती थी लेकिन समय के साथ रिश्ते बदलते चले गए.

नालंदा : जेडीयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सह पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. जब से वह राज्यसभा की टिकट से वंचित हुए हैं, तब से जेडीयू में उनके लिए मुश्किले थम नहीं रही हैं. इसी बीच पार्टी की तरफ से उन पर गंभीर आरोप लगे हैं. पार्टी के दो कार्यकर्ताओं ने प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा (JDU state president Umesh Kushwaha) को आवेदन देकर आरसीपी सिंह द्वारा बड़े पैमाने पर संपत्ति बनाने का आरोप लगाया गया है. कार्यकर्ताओं के आवेदन के आधार पर प्रदेश अध्यक्ष ने जवाब मांगा (Notice to RCP Singh) है.

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कई बार शिकायक करने की कोशिश की : जिन दो पार्टी के कार्यकर्ताओं ने यह गंभीर आरोप लगाये है उनमें से एक हैं नालंदा के रहुई प्रखंड अध्यक्ष राकेश कुमार (Rakesh Kumar On RCP Singh). उन्होंने कहा कि आरसीपी सिंह नालंदा के अस्थावां ब्लॉक में 40 बीघा, इस्लामपुर ब्लॉक में 30 बीघा, तथा राजगीर और बिहार ब्लॉक में भी इनके नाम या इनके परिवार के नाम पर वर्ष 2010 से 2022 के बीच जमीन खरीद की गई है. जो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जीरो टोलरेंस के विपरीत है. इन्होंने इन सभी संपत्तियों का जिक्र 2016 के राज्यसभा चुनाव के वक्त भी अपने हलफनामे में दायर नहीं किया था. राकेश कुमार ने कहा कि इसकी जानकारी हम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को कई बार देना चाहे, लेकिन आरसीपी सिंह के आगे-पीछे रहने वाले लोग मिलने नहीं देते थे. इनके डर से हम लोग हिम्मत भी नहीं जुटा पाते थे.

''हमने घोटाला का आरोप नहीं लगाया है. हमें जो जमीन का साक्ष्य मिला है, अस्थावां और इस्लामपुर प्रखंड में जमीन खरीद किए हैं. इसके अलावा बिहार शरीफ में भी उनकी जमीन है, इसकी हमें जानकारी है. हालांकि वह तीसरे के हाथों में चला गया है, उसका साक्ष्य नहीं मिल पाया है. इनके कारण पार्टी की छवि धूमिल हो रही थी. 'आरसीपी टैक्स' का नाम करके जो पुकारा जा रहा था. इससे पार्टी के वोट पर्सेंट में कमी हो रही थी. पब्लिक में भी चर्चा थी कि आरसीपी सिंह घोटालेबाज हैं. डॉक्यूमेंट है, इनकी पत्नी के नाम पर है. 2007-08 से घोटाला की जानकारी हमारे पास है. हमने तो छवि बचाने के लिए पार्टी नेतृत्व को लिखा है. अब जांच में जो आए, हम तो जांच कर नहीं रहे हैं. पार्टी नेतृत्व का फैसला मान्य होगा.''- राकेश कुमार मुखिया, रहुई प्रखंड अध्यक्ष, जेडीयू

क्या है आरसीपी सिंह संपत्ति विवाद : बिहार प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने आरसीपी सिंह को एक पत्र लिखा है. पत्र में कहा गया है कि नालंदा जिले के दो जेडीयू नेताओं ने सबूतों के साथ उनके खिलाफ शिकायत की है. शिकायत में कहा गया कि आरसीपी सिंह ने उनके और उनके परिवार के नाम पर साल 2013 से 2022 के बीच अकूत अचल संपत्ति अर्जित की. इसमें कई तरह की गड़बड़ियां हैं. इस मामले में जेडीयू ने आरसीपी सिंह को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है. प्रदेशाध्यक्ष उमेश सिंह ने कहा कि वे जल्द से जल्द उनके और उनके परिवार से जुड़ी संपत्ति के मामले में अपनी राय स्पष्ट करें और पार्टी आलाकमान को इस बारे अवगत कराएं.

फिलहाल, नीतीश और आरसीपी सिंह के बीच पिछले कुछ महीनों से खटास की खबरें आ रही थी. लेकिन इस चिट्ठी के सार्वजनिक होने के बाद ये साफ हो गया है कि आरसीपी सिंह को पार्टी से बाहर किए जाने की पार्टी ने पूरी तैयारी कर ली है. बिहार की राजनीति में कभी नीतीश और आरसीपी सिंह के बीच गहरी दोस्ती मानी जाती थी लेकिन समय के साथ रिश्ते बदलते चले गए.

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