नई दिल्ली : पेगासस सॉफ्टवेयर बनाने वाली इजराइल की कंपनी एनएसओ ग्रुप (NSO group) ने कहा है कि वह अपनी टेक्नोलॉजी के खिलाफ हर उस सबूत की जांच करेगी जिसमें उसके दुरुपयोग की पुष्टि हो रही होगी.
जासूसी सॉफ्टवेयर पेगासस बनाने वाली इजराइल की कंपनी एनएसओ ने बुधवार को कहा कि वह अब मीडिया के सवालों का कोई जवाब नहीं देगी. कंपनी पर आरोप हैं कि कई देशों ने उसके सॉफ्टवेयर का कथित तौर पर कई नेताओं, पत्रकारों, न्यायिक अधिकारियों और कार्यकर्ताओं की जासूसी करने में इस्तेमाल किया है।.
कंपनी के एक प्रवक्ता ने इस पर कहा, 'एनएसओ अपनी प्रौद्योगिकियों के दुरुपयोग के किसी भी विश्वसनीय सबूत की पूरी तरह से जांच करेगा, जैसा कि हम हमेशा करते हैं और जहां जरूरी होगा वहां हम सिस्टम को बंद कर देंगे.' एनएसओ का कहना है कि उसके सॉफ्टवेयर का उपयोग आतंकवाद व अपराध के खिलाफ होता है.
उल्लेखनीय है कि बीते रविवार को दुनिया के 17 समाचार संस्थानों की ओर से इसे लेकर एक खुलासा किया गया था. एनएसओ ने इसे योजनाबद्ध और अच्छी तरह से तैयार किया गया मीडिया अभियान करार दिया. कंपनी ने कहा कि इसकी अगुवाई फॉरबिडेन स्टोरीज ने की और विशेष हित वाले समूहों ने प्रसारित किया. एनएसओ का दावा है कि यह अपने सॉफ्टवेयर का उपयोग करने की इजाजत केवल सत्यापित सरकारों को आतंकवाद को नियंत्रित करने, अपराधियों से निपटने और जन सुरक्षा को बढ़ाने के उद्देश्य से देती है. कंपनी ने इस बात को लगातार नकारा है कि लीक हुआ डाटा पेगासस के टारगेट या संभावित टारगेट की सूची नहीं है.
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कंपनी के प्रवक्ता ने कहा, 'एनएसओ एक प्रौद्योगिकी कंपनी है. हम व्यवस्था का संचालन नहीं करते और न ही हमारे पास हमारे ग्राहकों का डाटा होता है. लेकिन, जांच के तहत वह हमारे साथ ऐसा डाटा साझा करने के लिए बाध्य हैं. हम ऐसे हर सबूत की जांच करेंगे जो विश्वसनीय होगा, जैसा कि हम हमेशा से करते आए हैं. उल्लेखनीय है कि एनएसओ ग्रुप की ओर से यह बयान इजराइल की सरकार की ओर से इन आरोपों की जांच के लिए एक दल गठित करने के बाद दिया गया है. इजराइल की सरकार ने एनएसओ ग्रुप के स्पाईवेयर पेगासस पर लग रहे दुरुपयोग के आरोपों की जांच के लिए एक वरिष्ठ अंतर-मंत्रालयी जांच दल का गठन कर दिया है.
बता दें कि भारत में, स्पाइवेयर का इस्तेमाल 40 से अधिक पत्रकारों, राहुल गांधी सहित विपक्षी नेताओं और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार में दो मंत्रियों और पूर्व चुनाव आयुक्त अशोक लवासा की जासूसी करने का आरोप लगा है. वहीं संसद के मानसून सत्र के पहले दिन हुए सबसे बड़े खुलासे से केंद्र और विपक्ष के बीच राजनीतिक खींचतान शुरू हो गई. हालांकि, पेगासस मुद्दे सहित विभिन्न मुद्दों पर विपक्ष द्वारा विरोध किए जाने के बीच लोकसभा की कार्यवाही गुरुवार तक के लिए स्थगित कर दी गई है.