जयपुर. एनआईए मामलों की विशेष अदालत ने आईएसआईएस संगठन से जुड़े आरोपी मोहम्मद सिराजुद्दीन को सोमवार को सुनवाई के बाद विधि विरुद्ध क्रियाकलाप निवारण अधिनियम और भारतीय दंड संहिता के तहत 7 साल की सजा सुनाई है. अदालत ने कर्नाटक के रहने वाले आरोपी सिराजुद्दीन पर 26 हजार रुपए का अर्थदंड लगाया है. गौरतलब है कि अभियुक्त दिसंबर 2015 से जेल में ही बंद है. अदालत ने बीते 17 फरवरी को आरोपी को आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत दोषी माना था.
अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक ने कोर्ट को बताया कि एटीएस ने इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन में मार्केटिंग मैनेजर के पद पर कार्यरत सिराजुद्दीन को 10 दिसंबर, 2015 को गिरफ्तार किया था. एनआईए को मामले की जांच देने के बाद इस संबंध में आरोप पत्र पेश किया गया था. इसमें कहा गया था कि सिराजुद्दीन फेसबुक, व्हाट्सएप, टेलीग्राम सहित अन्य तकनीकी माध्यम से युवाओं को ISIS में शामिल करने के लिए उकसाता था.
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एटीएस के आरोपी सिराजुद्दीन को गिरफ्तार करने के बाद जांच-पड़ताल में पता चला कि वह भारत में आईएसआईएस का ठिकाना बनाना चाहता था. यह भी पता चला कि गजवा-ए-तुल नाम के चैनल में उसने कश्मीर के आतंकियों को शहीद बताया था. तलाशी के दौरान उसके पास से ओसामा बिन लादेन, मौलाना अनवर अवलाकी और आसिम उमर आदि के भाषण और किताबें मिली थीं. अभियुक्त कश्मीर को इस्लामिक स्टेट बताता था और भारत को अवैध कब्जा करने वाला. एटीएस की ओर से दिए गाए आरोप पत्र में कहा गया था कि यहां आईएसआईएस का नेटवर्क तैयार होने के बाद वह लीबिया भी जाता. मामले में अदालत ने अभियुक्त को आज सजा सुनाई है.