नई दिल्ली : नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (MNRE) ने मंगलवार को कहा कि उसने अपशिष्ट से ऊर्जा पैदा करने की नवोन्मेषी ‘बायोमिथेनेशन’ परियोजनाओं के लिये संयुक्त राष्ट्र औद्योगिक विकास संगठन (UNIDO) और वैश्विक पर्यावरण सुविधा (JEF) के साथ गठजोड़ कर कर्ज ब्याज सहायता योजना शुरू की है.
'बायोमिथेनेशन' एक जैविक क्रिया है, जिसमें कार्बनिक अपशिष्टों को हवा की अनुपस्थिति में सूक्ष्म जीवों की सहायता से बॉयोगैस में परिवर्तित करते हैं.
औद्योगिक जैविक अपशिष्ट-से-ऊर्जा बनाने की बायोमिथेनेशन परियोजनाएं आम तौर पर पूंजी गहन और अपशिष्ट की उपलब्धता समेत परिचालन लागत तथा राजस्व के हिसाब से वित्तीय रूप से संवेदनशील होती हैं.
आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, 'एमएनआरई ने यूएनआईडीओ और जीईएफ के साथ मिलकर नवोन्मेषी औद्योगिक जैविक अपशिष्ट से ऊर्जा उत्पाद की बॉयोमिथेनेशन परियोजना के प्रदर्शन को लेकर और व्यापार मॉडल के लिये कर्ज ब्याज सहायता योजना शुरू की है.'
इसमें कहा गया है कि ऐसी परियोजनाओं में नवोन्मेष से ऊर्जा उत्पादन में सुधार होगा और ऊर्जा उत्पादन लागत में कमी आएगी, लेकिन स्थापना के स्तर पर शुरू में परियोजना लागत बढ़ सकती है. हालांकि परियोजना के जीवन काल के दौरान परिचालन लागत में कमी आएगी और आय बढ़ेगी.
इस दौरान जैविक अपशिष्ट को लेकर जीआईएस (भौगोलिक सूचना प्रणाली) आधारित अपशिष्टों की उपलब्धता के बारे में जानकारी देने वाला उपकरण भी पेश किया गया। इसे जीईएफ-एमएनआरई-यूएनआईडीओ परियोजना के तहत विकसित किया गया है.
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यह उपकरण जिला स्तर पर शहरी तथा औद्योगिक जैविक अपशिष्टों और उसके ऊर्ज उत्पादन क्षमता अनुमान को बताता है.
(पीटीआई-भाषा)