मुंबई : राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रमुख शरद पवार (NCP chief Sharad Pawar) के घर पर हमले को लेकर महाराष्ट्र की सियासत गरमाई हुई है. महाराष्ट्र सरकार ने शरद पवार के आवास सिल्वर ओक पर हुए हमले की जांच के लिए एक जांच कमेटी गठित की है. यह कमेटी मुंबई शहर के संयुक्त आयुक्त (कानून-व्यवस्था) विश्वास नांगरे पाटिल (Vishwas Nangare Patil) की अध्यक्षता में बनाई गई है, जो मामले की जांच कर अपनी रिपोर्ट देगी.
बता दें कि 8 अप्रैल को महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (MSRTC) के कर्मचारियों ने मुंबई स्थित पवार के सिल्वर ओक आवास के बाहर प्रदर्शन किया था. इस दौरान उग्र भीड़ ने पवार के घर पर पथराव करने के साथ ही चप्पलें फेंकी थीं. माना जा रहा है कि शरद पवार के घर के सामने हुआ आंदोलन पूर्व नियोजित था. प्रदर्शन को लेकर पुलिस के खुफिया तंत्र पर भी सवाल उठाए गए थे. इसके बाद मामले को लेकर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने गृह मंत्री, मुंबई पुलिस आयुक्त, पुलिस उपायुक्त (कानून व्यवस्था) और अन्य अधिकारियों की आपात बैठक बुलाई थी. इस बैठक में ही सभी मुद्दों पर चर्चा करने के बाद एक समिति गठित करने का निर्णय लिया गया था.
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उल्लेखनीय है कि मुंबई पुलिस ने इस मामले में एक अधिवक्ता समेत 110 अन्य कर्मचारियों को गिरफ्तार किया है. मामले में अधिवक्ता को दो दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया था. वहीं अन्य कर्मचारियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है. इस घटना के बाद राज्य सरकार ने शरद पवार, सुप्रिया सुले व पवार परिवार की सुरक्षा बढ़ा दी है. वहीं बताया गया कि शरद पवार के आवास पर हुए मामले के दोषी पाए गए आईपीएस अफसर योगेश कुमार को फिलहाल परिमंडल दो के पुलिस उपायुक्त पद से हटा दिया गया है.