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मिशन सागर : 215 दिन में भारतीय नौसेना के जहाजाें ने पृथ्वी की परिधि की दोगुनी दूरी तय की - Mission SAGAR

भारतीय नौसेना के जहाजों ने सामरिक उद्देश्यों के साथ मिशन सागर (Mission SAGAR) के तहत लगभग 40,000 नॉटिकल मील की कुल दूरी तय की है, जो पृथ्वी की परिधि की लगभग दोगुनी है. भारतीय नौसेना के जहाजों का यह समुद्र में अब तक का सबसे लंबा सफर है. पढ़िए वरिष्ठ संवाददाता संजीब कुमार बरुआ की रिपोर्ट.

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Published : Dec 26, 2021, 8:42 PM IST

Updated : Dec 27, 2021, 10:49 PM IST

नई दिल्ली : भारतीय नौसेना दुनिया भर में तेजी से अपनी साख मजबूत कर रही है. मिशन सागर (Mission SAGAR) के तहत भारतीय नौसेना ने समुद्र में अब तक का सबसे लंबा सफर तय किया है. शनिवार (25 दिसंबर) को क्रिसमस के दिन भारतीय नौसेना के जहाज 'केसरी' (Indian Naval Ship Kesari) ने मोजाम्बिक के मापुटो बंदरगाह में प्रवेश किया. इसके साथ ही मोजाम्बिक भारतीय नौसेना के जहाज की मेजबानी करने वाला 15वां मित्र राष्ट्र बन गया है.

भारतीय नौसेना के जहाजों ने लगभग 40 हजार नॉटिकल मील की दूरी तय करते हुए समुद्र में 215 दिन बिताए हैं, जो एक मिशन के तहत पृथ्वी की परिधि की लगभग दोगुनी है. यह क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के अनुरूप ऐसी आठवीं तैनाती है और विदेश मंत्रालय तथा भारत सरकार की अन्य एजेंसियों के साथ घनिष्ठ समन्वय में संचालित की जा रही है.

ये तैनातियां भारत के विस्तारित समुद्री पड़ोस के साथ एकजुटता में की गई और ये इन विशेष संबंधों को भारत द्वारा दिए गए महत्व को रेखांकित करती हैं. वर्तमान में जारी सूखे और महामारी की चुनौतियों से निपटने के लिए मोजाम्बिक सरकार के प्रयासों का समर्थन करने के लिए आईएनएस केसरी द्वारा 500 टन खाद्य सहायता भेज दी गई है.

भारत मोजाम्बिक के सशस्त्र बलों के क्षमता निर्माण प्रयासों की सहायता करने के लिए भी प्रतिबद्ध है. इसके लिए आईएनएस केसरी मोजाम्बिक के सशस्त्र बलों को सुपुर्द करने के लिए दो फास्ट इंटरसेप्टर क्राफ्ट और आत्मरक्षा उपकरण ले गया है.

नौसेना के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर ईटीवी भारत को बताया, 'यह बहुत संभव है कि यह एक मिशन के तहत भारतीय नौसेना के जहाजों द्वारा तय की गई सबसे लंबी दूरी है, हालांकि हम अन्य मिशन के साथ इस तरह के विवरण में नहीं गए हैं क्योंकि सटीक डेटा प्रदान करना मुश्किल होगा. लेकिन हां, भारतीय नौसेना के जहाजों और तट संगठनों के कर्मियों ने विदेशों में हमारे मित्रों को सहायता उपलब्ध कराने के लिए लगभग दस लाख मानव-घंटे का निवेश किया है.'

यह भी पढ़ें- भारत ने लगातार दूसरे दिन 'प्रलय' मिसाइल का सफल परीक्षण किया

मई 2020 से, भारतीय नौसेना ने सागर मिशन के तहत 15 मित्र देशों में जहाजों को तैनात किया है. समुद्र में 215 दिनों से अधिक समय में की गई इन तैनातियों ने कुल मिलाकर 3,000 मीट्रिक टन से अधिक खाद्य सहायता, 300 मीट्रिक टन से अधिक एलएमओ, 900 ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर और 20 आईएसओ कंटेनरों की सहायता प्रदान की है.

एक लैंडिंग शिप टैंक (बड़ा) आईएनएस केसरी ने मई-जून 2020 में मालदीव, मॉरीशस, सेशेल्स, मेडागास्कर और कोमोरोस को मानवीय और चिकित्सा सहायता प्रदान करने के लिए इसी तरह का मिशन शुरू किया था, जिसमें विभिन्न स्थानों पर भारतीय नौसेना की चिकित्सा सहायता टीमों की तैनाती भी शामिल थी.

नई दिल्ली : भारतीय नौसेना दुनिया भर में तेजी से अपनी साख मजबूत कर रही है. मिशन सागर (Mission SAGAR) के तहत भारतीय नौसेना ने समुद्र में अब तक का सबसे लंबा सफर तय किया है. शनिवार (25 दिसंबर) को क्रिसमस के दिन भारतीय नौसेना के जहाज 'केसरी' (Indian Naval Ship Kesari) ने मोजाम्बिक के मापुटो बंदरगाह में प्रवेश किया. इसके साथ ही मोजाम्बिक भारतीय नौसेना के जहाज की मेजबानी करने वाला 15वां मित्र राष्ट्र बन गया है.

भारतीय नौसेना के जहाजों ने लगभग 40 हजार नॉटिकल मील की दूरी तय करते हुए समुद्र में 215 दिन बिताए हैं, जो एक मिशन के तहत पृथ्वी की परिधि की लगभग दोगुनी है. यह क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के अनुरूप ऐसी आठवीं तैनाती है और विदेश मंत्रालय तथा भारत सरकार की अन्य एजेंसियों के साथ घनिष्ठ समन्वय में संचालित की जा रही है.

ये तैनातियां भारत के विस्तारित समुद्री पड़ोस के साथ एकजुटता में की गई और ये इन विशेष संबंधों को भारत द्वारा दिए गए महत्व को रेखांकित करती हैं. वर्तमान में जारी सूखे और महामारी की चुनौतियों से निपटने के लिए मोजाम्बिक सरकार के प्रयासों का समर्थन करने के लिए आईएनएस केसरी द्वारा 500 टन खाद्य सहायता भेज दी गई है.

भारत मोजाम्बिक के सशस्त्र बलों के क्षमता निर्माण प्रयासों की सहायता करने के लिए भी प्रतिबद्ध है. इसके लिए आईएनएस केसरी मोजाम्बिक के सशस्त्र बलों को सुपुर्द करने के लिए दो फास्ट इंटरसेप्टर क्राफ्ट और आत्मरक्षा उपकरण ले गया है.

नौसेना के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर ईटीवी भारत को बताया, 'यह बहुत संभव है कि यह एक मिशन के तहत भारतीय नौसेना के जहाजों द्वारा तय की गई सबसे लंबी दूरी है, हालांकि हम अन्य मिशन के साथ इस तरह के विवरण में नहीं गए हैं क्योंकि सटीक डेटा प्रदान करना मुश्किल होगा. लेकिन हां, भारतीय नौसेना के जहाजों और तट संगठनों के कर्मियों ने विदेशों में हमारे मित्रों को सहायता उपलब्ध कराने के लिए लगभग दस लाख मानव-घंटे का निवेश किया है.'

यह भी पढ़ें- भारत ने लगातार दूसरे दिन 'प्रलय' मिसाइल का सफल परीक्षण किया

मई 2020 से, भारतीय नौसेना ने सागर मिशन के तहत 15 मित्र देशों में जहाजों को तैनात किया है. समुद्र में 215 दिनों से अधिक समय में की गई इन तैनातियों ने कुल मिलाकर 3,000 मीट्रिक टन से अधिक खाद्य सहायता, 300 मीट्रिक टन से अधिक एलएमओ, 900 ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर और 20 आईएसओ कंटेनरों की सहायता प्रदान की है.

एक लैंडिंग शिप टैंक (बड़ा) आईएनएस केसरी ने मई-जून 2020 में मालदीव, मॉरीशस, सेशेल्स, मेडागास्कर और कोमोरोस को मानवीय और चिकित्सा सहायता प्रदान करने के लिए इसी तरह का मिशन शुरू किया था, जिसमें विभिन्न स्थानों पर भारतीय नौसेना की चिकित्सा सहायता टीमों की तैनाती भी शामिल थी.

Last Updated : Dec 27, 2021, 10:49 PM IST
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