श्रीनगर : भारतीय सेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने जम्मू-कश्मीर आए 24 देशों के राजनयिकों को नियंत्रण रेखा के पार आतंक की फैक्टरी चलाने में पाकिस्तानी सेना की भूमिका के बारे में जानकारी दी. इन राजनयिकों में शामिल यूरोपीय संघ के सदस्य देशों तथा ब्राजील, मलेशिया के राजनयिकों को भारत में आतंकवादियों की घुसपैठ में मदद करने में पाकिस्तानी सेना की भूमिका, घुसपैठ के तरीकों और पाकिस्तान द्वारा आतंकवादियों को ड्रोन के जरिए हथियार गिराने के बारे में भी जानकारी दी गई. विदेशी दूतों के प्रतिनिधिमंडल ने राजभवन में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से भी मुलाकात की.
सेना ने सुरंगों के जरिए खासतौर पर जम्मू-कश्मीर के सांबा सेक्टर में, आतंकवादियों को भारत में भेजने का मुद्दा प्रमुखता से उठाया. इसके साथ ही उन्होंने विभिन्न आतंकवादियों से जब्त किए गए हथियारों पर पाकिस्तानी सेना के चिह्न होने के बारे में भी विस्तार से बताया. अधिकारियों ने कहा कि सेना की आतंकवाद रोधी ग्रिड में भारी चौकसी और बदली हुई रणनीति के कारण नियंत्रण रेखा (एलओसी) से भारत में घुसने वाले आतंकवादियों की संख्या में गिरावट के बाद सुरंगों का इस्तेमाल किया जा रहा है.
कश्मीर घाटी में हालात पर सेना के अधिकारियों ने बुधवार शाम की घटना का जिक्र किया, जहां शहर के एक उच्च सुरक्षा वाले इलाके में एक प्रमुख भोजनालय के मालिक के बेटे को आतंकवादियों ने गोली मार दी, जिसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गया.
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उन्होंने कहा कि यह कश्मीर में उदारवादी आवाजों या उनकी बात नहीं मानने वालों की आवाज बंद करने की आतंकवादियों की योजना का एक हिस्सा है. सेना ने बताया कि कैसे युवाओं को गुमराह करने के लिए पाकिस्तानी प्रतिष्ठान इंटरनेट-युद्ध चला रहे हैं.