तेजपुर: भारतीय सेना अब एलएसी पर चीन की सेना को उसी के भाषा में जवाब देने की तैयारी कर रही है. असम के तेजपुर विश्वविद्यालय में अब भारतीय सेना के जवानों को चीनी भाषा का प्रशिक्षण दिया जाएगा. इसके लिए बुधवार को भारतीय सेना और तेजपुर विश्वविद्यालय के बीच एक अहम समझौता हुआ है. तेजपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर एसएन सिंह और भारतीय सेना की ओर से मुख्यालय 4 कोर ने एक एमओयू साइन किया है.
गुवाहाटी बेस के रक्षा प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल महेंद्र रावत ने जानकारी दी है कि तेजपुर विश्वविद्यालय में भारतीय सैनिकों को 16 सप्ताह (4 महीने) का प्रशिक्षण दिया जाएगा. इस प्रशिक्षण के बाद भारतीय सैनिक एलएसी पर चीनी सैनिकों की बातचीत को समझ सकेंगे. साथ ही फेसऑफ और बॉर्डर पर्सनल मीटिंग में भी कोई परेशानी नहीं होगी. साथ ही इंटेलिजेंस को एकत्रित करने में भी आसानी होगी. चीन में मौजूद गुप्त सूत्रों से जानकारी मिली है कि चीन ने भी हाल ही में भारतीय भाषा हिंदी की ट्रेनिंग के लिए एक चीनी यूनिवर्सिटी ने ट्रांसलेटर्स को नियुक्त किया है.
इससे पहले अरुणाचल प्रदेश में नवंबर, 2022 में 16 पुलिस अधिकारियों के लिए चीनी भाषा प्रशिक्षण अरुणाचल प्रदेश में आयोजित किया गया था. प्रशिक्षण का संचालन राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय पासीघाट शाखा द्वारा किया गया था. अरुणाचल प्रदेश सरकार के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने के बाद पासीघाट में राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय की स्थापना की गई.
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बता दें, बुधवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सेना को एलएसी पर कड़ी निगरानी रखने के लिए कहा है. उन्होंने कहा कि एलएसी पर चीनी सैनिकों तैनाती को देखते हुए स्थिति तनावपूर्ण है. ऐसे में खासकर थल सेना को लगातार सतर्कता बरतनी होगी.