नई दिल्ली : भारत इस सप्ताह राष्ट्रीय राजधानी में आठवें ब्रिक्स अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता सम्मेलन (Brics International Competition Conference 2023) की मेजबानी करेगा और इस कार्यक्रम में 600 से अधिक प्रतिनिधियों के भाग लेने की उम्मीद है. भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) की अध्यक्ष रवनीत कौर ने मंगलवार को यहां संवाददाताओं को बताया कि सम्मेलन में तीन पूर्ण और चार ब्रेकआउट सत्र होंगे.
बता दें, आठवें ब्रिक्स अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता सम्मेलन का प्राथमिक उद्देश्य सहयोग को बढ़ावा देना और सीखों को साझा करना है. भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग की अध्यक्ष रवनीत कौर का कहना है कि इस सम्मेलन में 600 से अधिक प्रतिनिधियों के भाग लेने की उम्मीद जतायी जा रही है.साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि ब्रिक्स अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता सम्मेलन से डिजिटल अर्थव्यवस्था और बड़ी तकनीकी कंपनियों के साथ प्रतिस्पर्धा परिदृश्य विकसित हुआ है.
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At Curtain Raiser #BRICSICC2023 today, Ms. Ravneet Kaur, Chairperson, CCI shared that conference will host delegates from competition authorities of BRICS & non-BRICS nations, competition law experts, non-government advisors & domestic invitees.https://t.co/LjkHrd112Q
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रवनीत कौर ने आगे कहा कि सम्मेलन ब्रिक्स भागीदार देशों को अपनी मन की बात साझा करने, एक-दूसरे से सीखने और इसे सुविधाजनक बनाने वाले नियामक उपकरण तैयार करने के लिए मिलकर काम करने की अनुमति देगा. ब्रिक्स देशों की सहयोगात्मक भावना एक शक्तिशाली शक्ति है जो वैश्विक आर्थिक रुझानों को आकार देने और नवाचार को बढ़ावा देने में मदद कर सकती है.
ब्रिक्स क्या है
ब्रिक्स, ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका का संक्षिप्त रूप है, यह एक अनौपचारिक साझेदारी है. जो सदस्य देशों के बीच सहयोग और संचार को बढ़ावा देती है. बता दें ब्रिक्स देशों के बीच कोई औपचारिक या कानूनी रूप से कोई बाध्यकारी समझौता नहीं है. ब्रिक्स शब्द को जिम ओ'नील ने बनाया गया था. ओ'नील उस समय वैश्विक अर्थव्यवस्था के भीतर इन देशों की क्षमता पर जोर देने के लिए इस शब्द का प्रयोग किया था. जब ओ'नील ने 'बिल्डिंग बेटर ग्लोबल इकोनॉमिक ब्रिक्स' शीर्षक से अपना पेपर प्रकाशित किया था. तब उनका मानना था कि ये देश, अपने आर्थिक विकास, संसाधनों और बढ़ती आबादी के कारण, 21वीं सदी के भीतर आर्थिक महाशक्ति बन जाएंगे.