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सेमीकंडक्टर योजना पर 8-10 महीनों में मूल्यांकन पूरा करने, समझौतों पर हस्ताक्षर की उम्मीद : वैष्णव - semiconductor production in india

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि अगले आठ से 10 महीने तक सेमीकंडक्टर योजना का पूरी तरह से मूल्यांकन कर लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि कई अन्य कंपनियां भी भारत के सेमीकंडक्टर कार्यक्रम का गंभीरता से मूल्यांकन कर रहे हैं. अभी चीन, अमेरिका, जापाना, द. कोरिया और ताइवान जैसे देश मुख्य रूप से सेमीकंडक्टर का उत्पादन करते हैं. सेमीकंडक्टर का इस्तेमाल मुख्य रूप से इलेक्ट्रॉनिक कलपुर्जे बनाने के लिए किया जाता है.

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Published : Feb 24, 2022, 5:01 PM IST

नई दिल्ली : इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने उम्मीद जताई कि सरकार सेमीकंडक्टर योजना के तहत मिले आवेदनों के विस्तृत मूल्यांकन और कंपनियों के साथ समझौतों पर हस्ताक्षर का काम अगले 8-10 महीनों में पूरा कर लेगी. वैष्णव ने कहा कि मंत्रालय ने 76,000 करोड़ रुपये के सेमीकंडक्टर कार्यक्रम के तहत आवेदन आमंत्रित किए थे, जिस पर मिली प्रतिक्रिया से वह खुश हैं.

वैष्णव ने एक साक्षात्कार में कहा कि सरकार को भरोसा है कि अगले दौर में सेमीकंडक्टर उद्योग की एक बड़ी वैश्विक कंपनी शामिल होगी. उन्होंने जोर देकर कहा कि कई अन्य कंपनियां भी भारत के सेमीकंडक्टर कार्यक्रम का गंभीरता से मूल्यांकन कर रहे हैं, और मंत्रालय कई कंपनियों के साथ चर्चा कर रहा है. उन्होंने कहा कि सेमीकंडक्टर योजना के लिए आठ स्थानों को पहले ही चुना जा चुका है और अंतिम फैसला निवेशकों को करना है.

वैष्णव ने कहा कि लगभग आठ स्थानों को पहले ही छांटा जा चुका है, और निश्चित रूप से अंतिम निर्णय निवेशकों को करना है. पूरी आपूर्ति श्रृंखला एक स्थान पर मिल सके, इसलिए हम पूरी तरह निष्पादन पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं. यह पूछे जाने पर कि इंटेल, सैमसंग और अन्य दिग्गज वैश्विक चिप विनिर्माताओं ने पहले दौर में आवेदन क्यों नहीं किया, मंत्री ने कहा कि कई कंपनियों की निवेश योजना पहले से चल रही है, और इसे देखते हुए कि उनका निवेश चक्र इस समय जारी है, उन्हें नई योजना का पूरी तरह मूल्यांकन करने के लिए और अधिक समय की जरूरत हो सकती है.

आईटी मंत्री ने कहा कि इन कंपनियों के पहले से ही बहुत सारे निवेश जारी हैं. इसलिए वे निश्चित रूप से हमारे कार्यक्रम का अधिक विस्तृत मूल्यांकन करना चाहेंगी और अधिक समय लेना पसंद कर सकती हैं. उन्होंने कहा कि सेमीकंडक्टर क्षेत्र के कई जानेमाने नाम भारत की सेमीकंडक्टर योजना का गंभीरता से मूल्यांकन कर रही हैं. वैष्णव ने कहा, 'मुझे उम्मीद है कि हम अगले दौर में उनमें से एक को लाने में सफल होंगे. मुझे पूरा यकीन है.' हालांकि, उन्होंने इस बारे में अधिक जानकारी नहीं दी.

उन्होंने कहा कि ऐसी कंपनियां अब भी संपर्क कर सकती हैं, लेकिन उनके आवेदनों पर अगले दौर में विचार किया जाएगा. उन्होंने आगे कहा कि सेमीकंडक्टर योजना अच्छी है और इसमें किसी अन्य बदलाव की आवश्यकता नहीं है.

सेमीकंडक्टर का मतलब- कंडक्टर और इंसुलेटर के बीच चालतकता. इसमें सिलिकॉन, गैलियम, आर्सेनाइड, कैडमियम सेलेनाइड के यौगिकों का प्रयोग होता है. सेमीकंडक्टर का इस्तेमाल मुख्य रूप से इलेक्ट्रॉनिक कलपुर्जे बनाने के लिए किया जाता है. सूचना एवं प्रोद्यौगिकी उत्पादों में इसका उपयोग होता है. अभी चीन, अमेरिका, जापाना, द. कोरिया और ताइवान जैसे देश मुख्य रूप से सेमीकंडक्टर का उत्पादन करते हैं.

ये भी पढ़ें : economic survey semiconductor : चिप की किल्लत होने से कंपनियों को घटाना पड़ा उत्पादन

नई दिल्ली : इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने उम्मीद जताई कि सरकार सेमीकंडक्टर योजना के तहत मिले आवेदनों के विस्तृत मूल्यांकन और कंपनियों के साथ समझौतों पर हस्ताक्षर का काम अगले 8-10 महीनों में पूरा कर लेगी. वैष्णव ने कहा कि मंत्रालय ने 76,000 करोड़ रुपये के सेमीकंडक्टर कार्यक्रम के तहत आवेदन आमंत्रित किए थे, जिस पर मिली प्रतिक्रिया से वह खुश हैं.

वैष्णव ने एक साक्षात्कार में कहा कि सरकार को भरोसा है कि अगले दौर में सेमीकंडक्टर उद्योग की एक बड़ी वैश्विक कंपनी शामिल होगी. उन्होंने जोर देकर कहा कि कई अन्य कंपनियां भी भारत के सेमीकंडक्टर कार्यक्रम का गंभीरता से मूल्यांकन कर रहे हैं, और मंत्रालय कई कंपनियों के साथ चर्चा कर रहा है. उन्होंने कहा कि सेमीकंडक्टर योजना के लिए आठ स्थानों को पहले ही चुना जा चुका है और अंतिम फैसला निवेशकों को करना है.

वैष्णव ने कहा कि लगभग आठ स्थानों को पहले ही छांटा जा चुका है, और निश्चित रूप से अंतिम निर्णय निवेशकों को करना है. पूरी आपूर्ति श्रृंखला एक स्थान पर मिल सके, इसलिए हम पूरी तरह निष्पादन पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं. यह पूछे जाने पर कि इंटेल, सैमसंग और अन्य दिग्गज वैश्विक चिप विनिर्माताओं ने पहले दौर में आवेदन क्यों नहीं किया, मंत्री ने कहा कि कई कंपनियों की निवेश योजना पहले से चल रही है, और इसे देखते हुए कि उनका निवेश चक्र इस समय जारी है, उन्हें नई योजना का पूरी तरह मूल्यांकन करने के लिए और अधिक समय की जरूरत हो सकती है.

आईटी मंत्री ने कहा कि इन कंपनियों के पहले से ही बहुत सारे निवेश जारी हैं. इसलिए वे निश्चित रूप से हमारे कार्यक्रम का अधिक विस्तृत मूल्यांकन करना चाहेंगी और अधिक समय लेना पसंद कर सकती हैं. उन्होंने कहा कि सेमीकंडक्टर क्षेत्र के कई जानेमाने नाम भारत की सेमीकंडक्टर योजना का गंभीरता से मूल्यांकन कर रही हैं. वैष्णव ने कहा, 'मुझे उम्मीद है कि हम अगले दौर में उनमें से एक को लाने में सफल होंगे. मुझे पूरा यकीन है.' हालांकि, उन्होंने इस बारे में अधिक जानकारी नहीं दी.

उन्होंने कहा कि ऐसी कंपनियां अब भी संपर्क कर सकती हैं, लेकिन उनके आवेदनों पर अगले दौर में विचार किया जाएगा. उन्होंने आगे कहा कि सेमीकंडक्टर योजना अच्छी है और इसमें किसी अन्य बदलाव की आवश्यकता नहीं है.

सेमीकंडक्टर का मतलब- कंडक्टर और इंसुलेटर के बीच चालतकता. इसमें सिलिकॉन, गैलियम, आर्सेनाइड, कैडमियम सेलेनाइड के यौगिकों का प्रयोग होता है. सेमीकंडक्टर का इस्तेमाल मुख्य रूप से इलेक्ट्रॉनिक कलपुर्जे बनाने के लिए किया जाता है. सूचना एवं प्रोद्यौगिकी उत्पादों में इसका उपयोग होता है. अभी चीन, अमेरिका, जापाना, द. कोरिया और ताइवान जैसे देश मुख्य रूप से सेमीकंडक्टर का उत्पादन करते हैं.

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