बालासोर (ओडिशा) : भारत ने गुरुवार को ओडिशा तट के पास एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से कम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-1 का सफलतापूर्वक प्रशिक्षण प्रक्षेपण किया. एक रक्षा अधिकारी ने यह जानकारी दी. अधिकारी ने कहा, 'अग्नि-1 एक सिद्ध उच्च परिशुद्धता वाली मिसाइल प्रणाली है. सामरिक बल कमान के तत्वावधान में किए गए प्रशिक्षण प्रक्षेपण ने सभी परिचालन और तकनीकी मापदंडों को सफलतापूर्वक पूरा किया.'
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Training launch of Short-Range Ballistic Missile ‘Agni-1’ was carried out successfully from APJ Abdul Kalam Island, Odisha today. 'Agni-1' is a proven very high-precision missile system. The user training launch, carried out under the aegis of the Strategic Forces Command,… pic.twitter.com/JR3PfWn26Z
— ANI (@ANI) December 7, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— ANI (@ANI) December 7, 2023Training launch of Short-Range Ballistic Missile ‘Agni-1’ was carried out successfully from APJ Abdul Kalam Island, Odisha today. 'Agni-1' is a proven very high-precision missile system. The user training launch, carried out under the aegis of the Strategic Forces Command,… pic.twitter.com/JR3PfWn26Z
— ANI (@ANI) December 7, 2023
मिसाइल का पिछली बार 1 जून को उसी बेस से सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया था. अग्नि श्रृंखला की मिसाइलें भारत के परमाणु वितरण विकल्पों का मुख्य आधार हैं.
अग्नि-1 मिसाइल पारंपरिक और परमाणु दोनों प्रकार के 1000 किलोग्राम से अधिक के पेलोड के साथ 700 से 900 किलोमीटर से अधिक की दूरी पर दुश्मन के ठिकानों को नष्ट कर सकती है. पिछले दिसंबर में भारत ने परमाणु-सक्षम बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-V का सफलतापूर्वक परीक्षण किया था, जो 5,000 किमी तक की दूरी तक लक्ष्य पर हमला कर सकती है.
अग्नि 1 से 4 मिसाइलों की मारक क्षमता 700 किमी से 3,500 किमी तक है और इन्हें पहले ही तैनात किया जा चुका है. अप्रैल में भारत ने अपने महत्वाकांक्षी बैलिस्टिक मिसाइल रक्षा कार्यक्रम के हिस्से के रूप में बंगाल की खाड़ी में ओडिशा के तट पर एक जहाज से एंडो-वायुमंडलीय इंटरसेप्टर मिसाइल का पहला उड़ान परीक्षण सफलतापूर्वक किया था.
समुद्र आधारित मिसाइल के परीक्षण का उद्देश्य शत्रुतापूर्ण बैलिस्टिक मिसाइल खतरे को बेअसर करना है. भारत पृथ्वी की वायुमंडलीय सीमा के अंदर और बाहर शत्रुतापूर्ण बैलिस्टिक मिसाइलों को रोकने की क्षमता विकसित कर रहा है.