नई दिल्ली: भारत ने आगामी शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक के लिए इसके सभी सदस्यों में शामिल पाकिस्तान और चीन के विदेश मंत्रियों को भी औपचारिक रूप से निमंत्रण भेजा है. बैठक का आयोजन 4 मई को गोवा में किया जाएगा. आमंत्रण में चीन के नए विदेश मंत्री किन गैंग और पाकिस्तानी विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो शामिल हैं.
भारत ने पिछले साल सितंबर में 9 सदस्यीय विशाल समूह की अध्यक्षता संभाली थी और इस साल प्रमुख मंत्रिस्तरीय बैठकें और शिखर सम्मेलन आयोजित किया जाएगा. सूत्रों ने कहा, 'अभी तक पाकिस्तानी पक्ष की ओर से इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि विदेश मंत्री बिलावल बैठक में शामिल होंगे या नहीं.'
पाकिस्तान ने इस महीने के आखिर में मुंबई में होने वाले एससीओ फिल्म फेस्टिवल में हिस्सा नहीं लिया है, जबकि सभी देशों ने प्रविष्टियां भेजी हैं, पाकिस्तान एकमात्र ऐसा देश है जिसने समूह के तीसरे ऐसे फिल्म समारोह में स्क्रीनिंग के लिए कोई फिल्म नहीं भेजी. सूचना एवं प्रसारण की अतिरिक्त सचिव नीरजा शेखर ने सोमवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'केवल एक एससीओ सदस्य देश है, जहां से प्रविष्टियां प्राप्त नहीं हुई हैं, कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है.'
पाकिस्तान से सीमा पार आतंकवाद के मुद्दों के संबंध में दोनों देशों के बीच संबंध कई वर्षों से अनिश्चित रहे हैं. इस्लामाबाद किसी भी वार्ता के लिए जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 की बहाली की मांग कर रहा है. इसके अलावा, पीएम मोदी पर पिछले महीने संयुक्त राष्ट्र (यूएन) में बिलावल की टिप्पणी ने दोनों देशों के बीच संबंधों में किसी भी सुधार पर एक छाया डाली है.
क्या है एससीओ- शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन. इस संगठन की शुरुआत 1996 में हुई थी. शुरुआती दौर में चीन, रूस, कजाकिस्तान, किर्गीस्तान और तजाकिस्तान ही इसके सदस्य थे. अब इसके सदस्यों की संख्या बढ़ चुकी है. अब इसके नौ सदस्य हैं. इनमें भारत, पाकिस्तान, उज्बेकिस्तान और ईरान शामिल हो चुका है. शंघाई सहयोग संगठन की पिछली बैठक उज्बेकिस्तान के समरकंद में हुई थी. अफगानिस्तान, बेलारूस, मंगोलिया ऑब्जर्बर के तौर पर हैं. श्रीलंका, तुर्की, कंबोडिया, अजरबैजान, नेपाल और आर्मीनिया को डायलॉग पार्टनर बनाया गया है.
(एएनआई)