न्यूयॉर्क : विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने गुरुवार को कहा कि भारत के अफगानों के साथ ऐतिहासिक संबंध रहे हैं और ये उनके विचारों और दृष्टिकोण को प्रभावित करते रहेंगे. वह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में युद्ध से जर्जर अफगानिस्तान की स्थिति पर बोल रहे थे.
'आतंकवादी गतिविधियों के कारण अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को खतरा' विषय पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता करने के बाद जयशंकर पत्रकारों से बातचीत में कहा कि फिलहाल भारत का सारा ध्यान अफगानिस्तान में मौजूद भारतीयों की सुरक्षित वापसी पर केन्द्रित है.
उन्होंने कहा, हमारे अफगानों के साथ ऐतिहासिक संबंध हैं और मुझे लगता है कि वे संबंध हमारे विचार और दृष्टिकोण को प्रभावित करते रहेंगे.
एक अन्य सवाल के जवाब में विदेश मंत्री ने कहा, हम इस संबंध में अंतरराष्ट्रीय सहयोगियों, विशेष रूप से अमेरिका के साथ मिलकर काम कर रहे हैं क्योंकि हवाईअड्डे (काबुल) पर फिलहाल उसका नियंत्रण है.
तालिबान के नियंत्रण से जुड़े एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, इस समय हमारे लिए तात्कालिक मुद्दा, वास्तव में हमारे नागरिकों की वतन वापसी है. यह भारत के संदर्भ में है तथा अन्य देशों की अपनी चिंताएं हैं.
जयशंकर ने कहा, हम इस संबंध में अंतरराष्ट्रीय साझेदारों के साथ काम कर रहे हैं, मुख्य रूप से अमेरिका के साथ क्योंकि वे हवाई अड्डे को नियंत्रित कर रहे हैं. जयशंकर ने कहा कि उन्होंने फ्रांस के विदेश मंत्री को धन्यवाद दिया था क्योंकि फ्रांस कुछ भारतीयों को अफगानिस्तान से पेरिस वापस ले गया था.
उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि ऐसा करना सही था. हालांकि, व्यापक परिप्रेक्ष्य में देखें तो, अफगान लोगों के साथ हमारे ऐतिहासिक संबंध हैं और मुझे लगता है कि ये संबंध हमारे विचारों का मार्गदर्शन करना जारी रखेंगे.
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अफगानिस्तान की स्थिति और लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठनों द्वारा सीमा पार आतंकवाद को बढ़ाने के लिए स्थिति का लाभ उठाने को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में, जयशंकर ने कहा कि दुर्भाग्य से, भारत के पास सीमा पार आतंकवाद से जुड़ा लंबा अनुभव है.
(पीटीआई-भाषा)