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भारत का दृष्टिकोण विवादों के शांतिपूर्ण हल, अंतरराष्ट्रीय नियमों के पालन पर जोर देता है: जनरल पाण्डे - पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ सीमा विवाद

सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने नई दिल्ली में शुक्रवार को आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ सीमा विवाद को लेकर कहा कि भारत अंतरराष्ट्रीय नियमों के पालन पर जोर देता है. India establishing defence wings

India establishing defence wings in new locations around world: Army Chief Gen Pande
जनरल पाण्डे ने कहा कि भारत का दृष्टिकोण विवादों के शांतिपूर्ण हल, अंतरराष्ट्रीय नियमों के पालन पर जोर देता है
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By PTI

Published : Nov 3, 2023, 2:18 PM IST

नई दिल्ली: सेना प्रमुख जनरल मनोज पाण्डे ने पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ सीमा विवाद की पृष्ठभूमि में शुक्रवार को कहा कि भारत का दृष्टिकोण सभी देशों की संप्रभुत्ता और क्षेत्रीय अखंडता के सम्मान के साथ विवादों के शांतिपूर्ण हल और अंतरराष्ट्रीय नियमों के पालन पर जोर देता है. चाणक्य रक्षा संवाद में जनरल पाण्डे ने अपने संबोधन में यह भी कहा कि भारत दुनियाभर में नए स्थानों पर रक्षा शाखाएं स्थापित कर रहा है और सेना मैत्रीपूर्ण विदेशी साझेदार देशों के साथ संयुक्त प्रशिक्षण और अभ्यासों का दायरा व पैमाना बढ़ाना चाहती है.

मौजूदा भू-राजनीतिक उथल-पुथल के संदर्भ में उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मामलों में राष्ट्रीय सुरक्षा की बढ़ती महत्ता और आर्थिक व सामरिक शक्ति पर ध्यान देने की आवश्यकता पर जोर दिया. सेना प्रमुख ने निराशा और भू-राजनीतिक उतार-चढ़ाव के बीच भारत की स्थिति को 'उज्ज्वल' बताया. जनरल पाण्डे ने कोई विशिष्ट संदर्भ दिए बगैर कहा, 'हमारा दृष्टिकोण सभी देशों की संप्रभुत्ता और क्षेत्रीय अखंडता के सम्मान, सभी के लिए समानता, विवादों के शांतिपूर्ण हल, बलप्रयोग से बचने और अंतरराष्ट्रीय नियमों एवं कानूनों के पालन पर जोर देता है.'

उन्होंने कहा कि सभी पक्षकारों के साथ सकारात्मक रूप से जुड़ने की भारत की प्रतिबद्धता विगत वर्षों में अटूट और स्थायी रही है. सेना प्रमुख ने कहा, 'सैन्य क्षेत्र में हम उभरती बहुपक्षीय संरचना में अपनी भूमिका को समझते हैं. हम मैत्रीपूर्ण विदेशी साझेदार देशों के साथ अपने संयुक्त प्रशिक्षण और अभ्यासों, उप-क्षेत्रीय दृष्टिकोण और उत्कृष्ट प्रक्रियाओं को साझा करने का दायरा व पैमाना बढ़ाना चाहते हैं.'

उन्होंने कहा, 'हमारी रक्षा सहयोग पहुंच को बढ़ावा देने के लिए हम दुनियाभर में नए स्थानों पर रक्षा शाखाएं स्थापित कर रहे हैं.' उन्होंने कहा, 'हमारे सामने आने वाली चुनौतियां महत्वपूर्ण है लेकिन अवसर और सामूहिक चेतना तथा ताकत भी महत्वपूर्ण हैं.' भारत के बढ़ते कद के बारे में जनरल पाण्डे ने कहा कि आज विश्व मंच पर भारत एक विश्वसनीय आवाज है जो ‘ग्लोबल साउथ’ की चिंताओं को स्पष्ट करने में उल्लेखनीय और प्रभावी है.

‘ग्लोबल साउथ’ शब्द का इस्तेमाल आम तौर पर आर्थिक रूप से कम विकसित देशों को संदर्भित करने के लिए किया जाता है. सेना प्रमुख ने कहा, 'भारत अपने साझेदारों तथा समान विचारधारा वाले देशों के साथ लोकतंत्र, मानवाधिकारों और कानून के राज जैसे साझा हितों और मूल्यों को साझा करता है. साझा मूल्यों का यह गठबंधन सहकारी सुरक्षा प्रयासों के लिए ठोस आधार बनाता है.'

ये भी पढ़ें-IMA Passing Out Parade 2023: सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे का शानदार अंदाज देखिए

उन्होंने कहा, 'इन सामूहिक प्रयासों का लाभ केवल सुरक्षा तक सीमित नहीं है बल्कि आर्थिक प्रभाव, नवोन्मेष, प्रौद्योगिकी, क्षमता निर्माण, बहुपक्षीय समस्या के समाधान और कूटनीति तक भी है.' जनरल पाण्डे ने यह भी कहा कि प्रौद्योगिकी, भू-राजनीति को अभूतपूर्व रूप से आगे बढ़ा रही है, यह न केवल सामरिक प्रतिस्पर्धा को, बल्कि युद्ध लड़ने के तरीकों को भी बदल रही है.

नई दिल्ली: सेना प्रमुख जनरल मनोज पाण्डे ने पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ सीमा विवाद की पृष्ठभूमि में शुक्रवार को कहा कि भारत का दृष्टिकोण सभी देशों की संप्रभुत्ता और क्षेत्रीय अखंडता के सम्मान के साथ विवादों के शांतिपूर्ण हल और अंतरराष्ट्रीय नियमों के पालन पर जोर देता है. चाणक्य रक्षा संवाद में जनरल पाण्डे ने अपने संबोधन में यह भी कहा कि भारत दुनियाभर में नए स्थानों पर रक्षा शाखाएं स्थापित कर रहा है और सेना मैत्रीपूर्ण विदेशी साझेदार देशों के साथ संयुक्त प्रशिक्षण और अभ्यासों का दायरा व पैमाना बढ़ाना चाहती है.

मौजूदा भू-राजनीतिक उथल-पुथल के संदर्भ में उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मामलों में राष्ट्रीय सुरक्षा की बढ़ती महत्ता और आर्थिक व सामरिक शक्ति पर ध्यान देने की आवश्यकता पर जोर दिया. सेना प्रमुख ने निराशा और भू-राजनीतिक उतार-चढ़ाव के बीच भारत की स्थिति को 'उज्ज्वल' बताया. जनरल पाण्डे ने कोई विशिष्ट संदर्भ दिए बगैर कहा, 'हमारा दृष्टिकोण सभी देशों की संप्रभुत्ता और क्षेत्रीय अखंडता के सम्मान, सभी के लिए समानता, विवादों के शांतिपूर्ण हल, बलप्रयोग से बचने और अंतरराष्ट्रीय नियमों एवं कानूनों के पालन पर जोर देता है.'

उन्होंने कहा कि सभी पक्षकारों के साथ सकारात्मक रूप से जुड़ने की भारत की प्रतिबद्धता विगत वर्षों में अटूट और स्थायी रही है. सेना प्रमुख ने कहा, 'सैन्य क्षेत्र में हम उभरती बहुपक्षीय संरचना में अपनी भूमिका को समझते हैं. हम मैत्रीपूर्ण विदेशी साझेदार देशों के साथ अपने संयुक्त प्रशिक्षण और अभ्यासों, उप-क्षेत्रीय दृष्टिकोण और उत्कृष्ट प्रक्रियाओं को साझा करने का दायरा व पैमाना बढ़ाना चाहते हैं.'

उन्होंने कहा, 'हमारी रक्षा सहयोग पहुंच को बढ़ावा देने के लिए हम दुनियाभर में नए स्थानों पर रक्षा शाखाएं स्थापित कर रहे हैं.' उन्होंने कहा, 'हमारे सामने आने वाली चुनौतियां महत्वपूर्ण है लेकिन अवसर और सामूहिक चेतना तथा ताकत भी महत्वपूर्ण हैं.' भारत के बढ़ते कद के बारे में जनरल पाण्डे ने कहा कि आज विश्व मंच पर भारत एक विश्वसनीय आवाज है जो ‘ग्लोबल साउथ’ की चिंताओं को स्पष्ट करने में उल्लेखनीय और प्रभावी है.

‘ग्लोबल साउथ’ शब्द का इस्तेमाल आम तौर पर आर्थिक रूप से कम विकसित देशों को संदर्भित करने के लिए किया जाता है. सेना प्रमुख ने कहा, 'भारत अपने साझेदारों तथा समान विचारधारा वाले देशों के साथ लोकतंत्र, मानवाधिकारों और कानून के राज जैसे साझा हितों और मूल्यों को साझा करता है. साझा मूल्यों का यह गठबंधन सहकारी सुरक्षा प्रयासों के लिए ठोस आधार बनाता है.'

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उन्होंने कहा, 'इन सामूहिक प्रयासों का लाभ केवल सुरक्षा तक सीमित नहीं है बल्कि आर्थिक प्रभाव, नवोन्मेष, प्रौद्योगिकी, क्षमता निर्माण, बहुपक्षीय समस्या के समाधान और कूटनीति तक भी है.' जनरल पाण्डे ने यह भी कहा कि प्रौद्योगिकी, भू-राजनीति को अभूतपूर्व रूप से आगे बढ़ा रही है, यह न केवल सामरिक प्रतिस्पर्धा को, बल्कि युद्ध लड़ने के तरीकों को भी बदल रही है.

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