नई दिल्ली: विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि लाल सागर में जहाजों पर हाल के हमलों से भारत काफी चिंतित है क्योंकि यह भारत सहित दुनिया के लिए एक महत्वपूर्ण शिपिंग लेन के रूप में कार्य करता है. विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि जहाजों को किसी भी तरह की क्षति से बचाने के लिए भारतीय नौसेना शिपिंग लाइनों को सुरक्षित करने में सहायता कर रही है क्योंकि भारत इस क्षेत्र में वाणिज्य की स्वतंत्रता को महत्व देता है.
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#WATCH | MEA Spokesperson Randhir Jaiswal says, "On the question of the Red Sea and discussion in Iran when the external affairs minister had visited. You would have seen he made a detailed joint press statement while he was there. This issue of the Red Sea and the Gulf of Aden,… pic.twitter.com/lg2jgng2NR
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— ANI (@ANI) January 18, 2024#WATCH | MEA Spokesperson Randhir Jaiswal says, "On the question of the Red Sea and discussion in Iran when the external affairs minister had visited. You would have seen he made a detailed joint press statement while he was there. This issue of the Red Sea and the Gulf of Aden,… pic.twitter.com/lg2jgng2NR
— ANI (@ANI) January 18, 2024
विदेश मंत्रालय की मीडिया ब्रीफिंग को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पिछले हफ्ते ईरान का दौरा किया और ईरानी पक्ष के साथ बातचीत में उन्होंने क्षेत्र में उभरती स्थिति सहित विभिन्न क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की. उन्होंने कहा कि जब विदेश मंत्री ने ईरान का दौरा किया था, तब उन्होंने वहां रहते हुए एक संयुक्त प्रेस बयान दिया था. लाल सागर, अदन की खाड़ी, वहां की हिंसा, वहां की चीजों की अस्थिर प्रकृति के मुद्दे पर चर्चा हुई. हम पूरी स्थिति को लेकर बेहद चिंतित हैं.
उन्होेंने कहा कि यह न केवल हम पर प्रभाव डालता है बल्कि यह दुनिया के लिए एक महत्वपूर्ण शिपिंग लेन है. इसलिए हमारे हित प्रभावित हुए हैं लेकिन साथ ही हमारे पास भारतीय नौसेना भी है जो क्षेत्र में गश्त कर रही है. वे क्षेत्र को सुरक्षित करने की कोशिश कर रहे हैं और अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास कर रहे हैं ताकि हमारे आर्थिक हित प्रभावित न हों.
इस बीच, भारतीय नौसेना प्रमुख हरि कुमार ने गुरुवार को कहा कि समुद्री डकैती के हमलों के फिर से बढ़ने के बीच सुरक्षित समुद्री मार्ग सुनिश्चित करने के लिए भारतीय नौसेना साझेदार देशों की नौसेनाओं के साथ समन्वय कर रही है. नौसेना प्रमुख ने मानेकशॉ सेंटर में एक कार्यक्रम से इतर मीडियाकर्मियों से बातचीत के दौरान यह बात कही. उन्होंने जोर देकर कहा कि भारतीय नौसेना किसी भी समुद्री डकैती की अनुमति नहीं देगी. हौथी विद्रोहियों, जो एक ईरान-गठबंधन समूह हैं, ने दावा किया कि उन्होंने इज़राइल के गाजा संघर्ष के प्रतिशोध में हमले शुरू किए हैं.
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