नई दिल्ली : भारत और ऑस्ट्रेलिया ने द्विपक्षीय मुक्त व्यापार समझौते से जुड़े कुछ बिंदुओं पर एक-दूसरे की चिंताओं से सामंजस्य बिठाते हुए मार्च में अंतरिम समझौते पर हस्ताक्षर की संभावना जताई है. वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल (Commerce and Industry Minister Piyush Goyal) ने शुक्रवार को ऑस्ट्रेलिया के व्यापार मंत्री डैन टेहन (Australian Minister for Trade, Tourism and Investment Dan Tehan) के साथ एफटीए पर चर्चा के बाद आयोजित एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी दी. टेहन व्यापार समझौते से जुड़े बिंदुओं पर चर्चा के लिए इन दिनों भारत की यात्रा पर आए हुए हैं.
गोयल ने कहा कि दोनों ही देशों ने बातचीत के दौरान कुछ क्षेत्रों में एक-दूसरे की चिंताओं के साथ तालमेल बिठाया है. गोयल ने कहा कि टेहन के साथ एफटीए पर चली बातचीत के बाद भारत एवं ऑस्ट्रेलिया द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा देने के लिए अंतरिम समझौता करने पर सहमत हुए हैं. उन्होंने कहा कि दोनों देश मार्च में अंतरिम एफटीए पर हस्ताक्षर कर सकते हैं.उन्होंने कहा, 'मुझे यकीन है कि दोनों देशों का 20 अरब डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार इस समझौते के बाद कई गुना बढ़ने जा रहा है. इससे दोनों ही देशों के लिए कई नए क्षेत्र खुलेंगे.' दोनों ही देश इस अंतरिम समझौते से जुड़े अंतिम प्रारूप को तैयार करने में जुटे हुए हैं. हालांकि भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच अंतिम एफटीए समझौता संपन्न होने में 12-18 महीने तक लग सकते हैं.
गोयल ने एक सवाल के जवाब में कहा, 'अंतरिम व्यापार समझौता और व्यापक आर्थिक सहयोग समझौता बहुत बड़े विषयों को कवर करेगा.' वहीं ऑस्ट्रेलियाई व्यापार और पर्यटन मंत्री डैन टेहन ने कहा कि ऑस्ट्रेलियाई पक्ष डेयरी उत्पादों और गोमांस के संबंध में भारत की चिंताओं के प्रति संवेदनशील है. दोनों पक्ष एक संतुलित व्यापार समझौते की आवश्यकता पर सहमत हुए जो दोनों अर्थव्यवस्थाओं के लाभ के लिए विस्तारित व्यापार और निवेश को प्रोत्साहित करता है, और नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यापार प्रणाली के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है. भारत और ऑस्ट्रेलिया, ऑस्ट्रेलिया में भारतीय सॉफ्टवेयर फर्मों के सामने आने वाले कर विभिन्न मुद्दों को तेजी से हल करने पर भी सहमत हुए.
ये भी पढ़ें - इंडो-पैसिफिक साझेदारी के साथ मिलकर काम करने पर ध्यान केंद्रित: ऑस्ट्रेलिया विदेश मंत्रालय
व्यापार संबंधों को बढ़ावा देने के लिए क्वाड
गोयल की अपने ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष के साथ बैठक ऐसे समय में हुई जब भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर क्वाड विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लेने के लिए ऑस्ट्रेलिया में थे. चार देशों, भारत, ऑस्ट्रेलिया, संयुक्त राज्य अमेरिका और जापान के एक गुट ने भारत-प्रशांत क्षेत्र में नेविगेशन की स्वतंत्रता और नियम आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था की रक्षा के लिए एक गठबंधन बनाया है, जिसे आमतौर पर क्वाड कहा जाता है. गोयल ने कहा कि क्वाड ने चार देशों अमेरिका, भारत, ऑस्ट्रेलिया और जापान को करीब ला दिया है और इससे भारत और ऑस्ट्रेलिया आर्थिक संबंधों में भी एक-दूसरे के करीब आ पाए हैं.
ऑस्ट्रेलियाई व्यापार मंत्री डैन टेहन ने कहा कि क्वाड ऐसे समय में बना है जब दुनिया भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं के दौर से गुजर रही है, क्योंकि कुछ देशों ने दूसरे विश्व युद्ध के बाद विकसित हुए नियमों पर आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था का उल्लंघन करने की कोशिश की थी.चीन के साथ ऑस्ट्रेलिया के व्यापार संबंधों के बारे में एक सवाल के जवाब में, टेहन ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया के लिए नियम महत्वपूर्ण थे और शराब और जौ के मुद्दे पर उनके देश के चीन के साथ कुछ व्यापार विवाद हैं. उन्होंने कहा कि हम उन्हें (चीन) को विश्व व्यापार संगठन में ले जा रहे हैं.
डिग्री की पारस्परिक मान्यता
ऑस्ट्रेलियाई व्यापार मंत्री डैन टेहन ने कहा कि दोनों देश योग्यता की पारस्परिक मान्यता पर विचार कर रहे हैं ताकि छात्र अब दोनों देशों में अध्ययन कर सकें. टेहन ने यह भी घोषणा की कि 21 फरवरी से ऑस्ट्रेलिया सभी अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए अपनी सीमाएं खोलेगा क्योंकि देश कोविड -19 वैश्विक महामारी से बाहर आ रहा है.
ये भी पढ़ें - क्वाड देशों की बैठक ने बढ़ाई चीन की बेचैनी- कहा, क्वाड उसे रोकने का उपकरण