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ट्राइब्स इंडिया के 4 शोरूम का शुभारंभ, आदिवासियों की आय में होगी वृद्धि - tribes india showrooms inaugurated

आदिवासियों की आय में वृद्धि के मकसद से दिल्ली में ट्राइब्स इंडिया के 4 शोरूम का शुभारंभ हुआ. वहीं दूसरी तरफ, ट्राइब्स इंडिया ऑन व्हील्स योजना के तहत मोबाइल वैन के जरिये आदिवासियों के खेतों एवं वनोपज से तैयार आर्गेनिक उत्पाद हर राज्यों में ग्राहकों के घर तक पहुंचाया जा रहा है.

ट्राइब्स इंडिया के 4 शोरूम
ट्राइब्स इंडिया के 4 शोरूम
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Published : Apr 20, 2021, 10:43 PM IST

Updated : Apr 20, 2021, 10:51 PM IST

नई दिल्ली : आदिवासियों को उनके उत्पाद के बेहतर दाम दिलाने, आय में वृद्धि, सशक्तीकरण एवं उनकी संस्कृति बचाने, वोकल फॉर लोकल को बढ़ावा देने के उद्देश्य से बड़ी पहल की गई है.

केंद्रीय आदिवासी कल्याण मंत्रालय द्वारा संचालित ट्राइफेड के प्रबंधन निदेशक प्रवीण कृष्णा ने दिल्ली में ट्राइब्स इंडिया के चार शोरूम का वर्चुअल माध्यम से शुभारंभ किया.

मोती बाग, पूर्व केदवई नगर, संतोषी कॉम्प्लेक्स वायु सेना स्टेशन रेस कोर्स और ओखला फेज–3 में ट्राइब्स इंडिया के शोरूम खोले गए हैं. इनमें आदिवासियों के हस्तशिल्प, हथकरघा उत्पादों जैसे चंदेरी, बाघ आदि को प्रदर्शित किया गया है.

वन वस्तुओं व रोग प्रतिरोध क्षमता बढ़ाने वाले उत्पादों जैसे मसालों, ऑर्गैनिक अनाजों, हर्बल चाय इत्यादि को भी प्रदर्शित किया जा रहा है. बिक्री के लिए आदिवासी आभूषणों, पेंटिंग, मिट्टी के बरतन इत्यादि भी रखे गए हैं.

इस अवसर पर प्रवीण कृष्णा ने कहा की ट्राइफेड देश भर में अपने खुदरा स्टोरों का विस्तार कर रहा है. हमलोगों का लक्ष्य यही है की जनजातियों का सशक्तिकरण हो, आदिवासियों को उनके उत्पादों की बेहतर कीमत मिले, उनकी पहुंच बड़े बाजारों तक पहुंचे. बता दें ट्राईफेड जनजातीय उत्पादों की खरीद कर उनकी बिक्री अपने ट्राइब्स इंडिया के शोरूम में करता है. देश में 1999 में दिल्ली के महादेव रोड पर पहली बार ट्राइब्स इंडिया का शोरूम का शुभारंभ हुआ था. उसके बाद देश भर में अब तक कुल 134 शोरूम खोले जा चुके है.

पढ़ें- कोविड से युद्ध में शामिल हुई तेजस की तकनीक, ऐसे जीतेगा भारत

जनजातीय उत्पादों के बिक्री के लिए बड़ा मंच उपलब्ध कराने की दिशा में केन्द्रीय आदिवासी कल्याण मंत्रालय और भी अन्य अहम कदम उठा रहा है. ट्राइब्स इंडिया ऑन व्हील्स योजना के तहत मोबाइल वैन के जरिये आदिवासियों के खेतों एवं वनोपज से तैयार आर्गेनिक उत्पाद हर राज्यों में ग्राहकों के घर तक पहुंचाया जा रहा है. इसकी बिक्री से जो भी कमाई होती है वह आदिवासियों के सीधे खाते में डाल दी जाती है.

वहीं ट्राइब्स इंडिया ई मार्केट प्लेस (www.market.tribesindia.com) पर जनजातीय उत्पाद ऑनलाइन बिक्री के लिए भी उपलब्ध हैं. जनजातीय उद्यमियों की उपज एवं हस्तशिल्प कलाकृतियों का प्रदर्शन करने वाली एवं उन्हें अपने उत्पादों को सीधे बाजार में लाने में मदद करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है.

नई दिल्ली : आदिवासियों को उनके उत्पाद के बेहतर दाम दिलाने, आय में वृद्धि, सशक्तीकरण एवं उनकी संस्कृति बचाने, वोकल फॉर लोकल को बढ़ावा देने के उद्देश्य से बड़ी पहल की गई है.

केंद्रीय आदिवासी कल्याण मंत्रालय द्वारा संचालित ट्राइफेड के प्रबंधन निदेशक प्रवीण कृष्णा ने दिल्ली में ट्राइब्स इंडिया के चार शोरूम का वर्चुअल माध्यम से शुभारंभ किया.

मोती बाग, पूर्व केदवई नगर, संतोषी कॉम्प्लेक्स वायु सेना स्टेशन रेस कोर्स और ओखला फेज–3 में ट्राइब्स इंडिया के शोरूम खोले गए हैं. इनमें आदिवासियों के हस्तशिल्प, हथकरघा उत्पादों जैसे चंदेरी, बाघ आदि को प्रदर्शित किया गया है.

वन वस्तुओं व रोग प्रतिरोध क्षमता बढ़ाने वाले उत्पादों जैसे मसालों, ऑर्गैनिक अनाजों, हर्बल चाय इत्यादि को भी प्रदर्शित किया जा रहा है. बिक्री के लिए आदिवासी आभूषणों, पेंटिंग, मिट्टी के बरतन इत्यादि भी रखे गए हैं.

इस अवसर पर प्रवीण कृष्णा ने कहा की ट्राइफेड देश भर में अपने खुदरा स्टोरों का विस्तार कर रहा है. हमलोगों का लक्ष्य यही है की जनजातियों का सशक्तिकरण हो, आदिवासियों को उनके उत्पादों की बेहतर कीमत मिले, उनकी पहुंच बड़े बाजारों तक पहुंचे. बता दें ट्राईफेड जनजातीय उत्पादों की खरीद कर उनकी बिक्री अपने ट्राइब्स इंडिया के शोरूम में करता है. देश में 1999 में दिल्ली के महादेव रोड पर पहली बार ट्राइब्स इंडिया का शोरूम का शुभारंभ हुआ था. उसके बाद देश भर में अब तक कुल 134 शोरूम खोले जा चुके है.

पढ़ें- कोविड से युद्ध में शामिल हुई तेजस की तकनीक, ऐसे जीतेगा भारत

जनजातीय उत्पादों के बिक्री के लिए बड़ा मंच उपलब्ध कराने की दिशा में केन्द्रीय आदिवासी कल्याण मंत्रालय और भी अन्य अहम कदम उठा रहा है. ट्राइब्स इंडिया ऑन व्हील्स योजना के तहत मोबाइल वैन के जरिये आदिवासियों के खेतों एवं वनोपज से तैयार आर्गेनिक उत्पाद हर राज्यों में ग्राहकों के घर तक पहुंचाया जा रहा है. इसकी बिक्री से जो भी कमाई होती है वह आदिवासियों के सीधे खाते में डाल दी जाती है.

वहीं ट्राइब्स इंडिया ई मार्केट प्लेस (www.market.tribesindia.com) पर जनजातीय उत्पाद ऑनलाइन बिक्री के लिए भी उपलब्ध हैं. जनजातीय उद्यमियों की उपज एवं हस्तशिल्प कलाकृतियों का प्रदर्शन करने वाली एवं उन्हें अपने उत्पादों को सीधे बाजार में लाने में मदद करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है.

Last Updated : Apr 20, 2021, 10:51 PM IST
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