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मद्रास हाई कोर्ट के जस्टिस ने की वॉट्सऐप से सुनवाई, वह भी संडे को, जानिए क्यों ?

मद्रास हाई कोर्ट ने रविवार को इतिहास रच दिया. वहां जस्टिस जी आर स्वामीनाथन ने सिर्फ एक केस की सुनवाई छुट्टी के दिन यानी रविवार को की बल्कि वॉट्सऐप पर दलील सुनकर आदेश भी जारी कर दिया. हाई कोर्ट में वॉट्सऐप पर किसी केस की सुनवाई का यह पहला मामला है.

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Published : May 16, 2022, 8:56 PM IST

वरदराजा स्वामी मंदिर
वरदराजा स्वामी मंदिर

चेन्नई : मद्रास उच्च न्यायालय के इतिहास में पहली बार किसी न्यायाधीश ने अवकाश के दिन 'वॉट्सऐप' किसी मामले की सुनवाई की है. यह ऐतिहासिक सुनवाई आपात स्थिति में हुई. दरअसल, हाई कोर्ट के जस्टिस जी आर स्वामीनाथन रविवार को एक शादी समारोह में शामिल होने नागरकोइल गए थे. तमिलनाडु के धर्मपुरी जिले के श्री अभीष्ट वरदराजा स्वामी मंदिर से जुड़ा एक मामला कोर्ट में आ गया. मंदिर के ट्रस्टी पी आर श्रीनिवासन ने कोर्ट को बताया कि अगर तय तिथि और मुहूर्त के अनुसार, सोमवार को रथयात्रा उत्सव का आयोजन नहीं किया गया तो उनका गांव को देवता के 'दिव्य क्रोध' का सामना करना पड़ेगा.

जब आस्था से जुड़ी आवश्यक शर्त जस्टिस पी आर स्वामीनाथन को मिली तो उन्होंने वॉट्सऐप के माध्यम से ही नागरकोइल में कोर्ट की कार्रवाई शुरू कर दी. इस वॉट्सऐप कॉल में दूसरी तरफ से याचिकाकर्ता के वकील वी राघवचारी और राज्य सरकार के महाधिवक्ता आर. षणमुगसुंदरम अपनी-अपनी लोकेशन से जुड़ गए. इस दौरान सभी पक्षों ने अपनी दलील दी. महाधिवक्ता आर. षणमुगसुंदरम ने कोर्ट को बताया कि सरकार रथयात्रा के आयोजन का विरोध नहीं करती है मगर वह आम जनता की सुरक्षा को लेकर चिंतित जरूर है. उन्होंने हाल ही में तंजावुर जिले में इसी तरह के जुलूस में एक त्रासदी का जिक्र करते हुए कहा कि ऐसी ही एक धार्मिक यात्रा में हाई टेंशन बिजली लाइन के संपर्क में आने से 11 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी और 17 अन्य घायल हो गए थे. अब ऐसी घटना की पुनरावृत्ति नहीं होनी चाहिए.

इसके बाद मंदिर के ट्रस्टी के तरफ से भी दलीलें पेश की गईं. दोनों पक्षों को वॉट्सऐप के जरिये सुनने के बाद हाई कोर्ट के जस्टिस जी आर स्वामीनाथन ने शर्तों के साथ श्री अभीष्ट वरदराजा स्वामी मंदिर के रथयात्रा को मंजूरी दे दी. उन्होंने अपने फैसले में कहा कि हिंदू धार्मिक और धर्मार्थ विभाग के इंस्पेक्टर के पास रथ उत्सव को रोकने का निर्देश जारी करने का अधिकार नहीं है. खामियों को दूर करने करने के बाद यह उत्सव मनाया जा सकता है और राज्य को इस पर कोई आपत्ति नहीं हो सकती है. जस्टिस स्वामीनाथन ने मंदिर के अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे मंदिर उत्सव आयोजित करते समय सरकार की ओर से निर्धारित नियमों का सख्ती से पालन करें. उन्होंने इलाके में बिजली सप्लाई कंपनी डिस्कॉम टैंजेडको को यात्रा उत्सव के दौरान आपूर्ति में कटौती करने का आदेश दिया. उन्होंने आदेश दिया कि जुलूस जब तक वापस अपने स्टैंड पर नहीं पहुंच जाता, तब तक बिजली की सप्लाई रोक दी जाए.

पढ़ें : किस करना या प्यार करना अप्राकृतिक यौन अपराध नहीं: बॉम्बे हाईकोर्ट

चेन्नई : मद्रास उच्च न्यायालय के इतिहास में पहली बार किसी न्यायाधीश ने अवकाश के दिन 'वॉट्सऐप' किसी मामले की सुनवाई की है. यह ऐतिहासिक सुनवाई आपात स्थिति में हुई. दरअसल, हाई कोर्ट के जस्टिस जी आर स्वामीनाथन रविवार को एक शादी समारोह में शामिल होने नागरकोइल गए थे. तमिलनाडु के धर्मपुरी जिले के श्री अभीष्ट वरदराजा स्वामी मंदिर से जुड़ा एक मामला कोर्ट में आ गया. मंदिर के ट्रस्टी पी आर श्रीनिवासन ने कोर्ट को बताया कि अगर तय तिथि और मुहूर्त के अनुसार, सोमवार को रथयात्रा उत्सव का आयोजन नहीं किया गया तो उनका गांव को देवता के 'दिव्य क्रोध' का सामना करना पड़ेगा.

जब आस्था से जुड़ी आवश्यक शर्त जस्टिस पी आर स्वामीनाथन को मिली तो उन्होंने वॉट्सऐप के माध्यम से ही नागरकोइल में कोर्ट की कार्रवाई शुरू कर दी. इस वॉट्सऐप कॉल में दूसरी तरफ से याचिकाकर्ता के वकील वी राघवचारी और राज्य सरकार के महाधिवक्ता आर. षणमुगसुंदरम अपनी-अपनी लोकेशन से जुड़ गए. इस दौरान सभी पक्षों ने अपनी दलील दी. महाधिवक्ता आर. षणमुगसुंदरम ने कोर्ट को बताया कि सरकार रथयात्रा के आयोजन का विरोध नहीं करती है मगर वह आम जनता की सुरक्षा को लेकर चिंतित जरूर है. उन्होंने हाल ही में तंजावुर जिले में इसी तरह के जुलूस में एक त्रासदी का जिक्र करते हुए कहा कि ऐसी ही एक धार्मिक यात्रा में हाई टेंशन बिजली लाइन के संपर्क में आने से 11 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी और 17 अन्य घायल हो गए थे. अब ऐसी घटना की पुनरावृत्ति नहीं होनी चाहिए.

इसके बाद मंदिर के ट्रस्टी के तरफ से भी दलीलें पेश की गईं. दोनों पक्षों को वॉट्सऐप के जरिये सुनने के बाद हाई कोर्ट के जस्टिस जी आर स्वामीनाथन ने शर्तों के साथ श्री अभीष्ट वरदराजा स्वामी मंदिर के रथयात्रा को मंजूरी दे दी. उन्होंने अपने फैसले में कहा कि हिंदू धार्मिक और धर्मार्थ विभाग के इंस्पेक्टर के पास रथ उत्सव को रोकने का निर्देश जारी करने का अधिकार नहीं है. खामियों को दूर करने करने के बाद यह उत्सव मनाया जा सकता है और राज्य को इस पर कोई आपत्ति नहीं हो सकती है. जस्टिस स्वामीनाथन ने मंदिर के अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे मंदिर उत्सव आयोजित करते समय सरकार की ओर से निर्धारित नियमों का सख्ती से पालन करें. उन्होंने इलाके में बिजली सप्लाई कंपनी डिस्कॉम टैंजेडको को यात्रा उत्सव के दौरान आपूर्ति में कटौती करने का आदेश दिया. उन्होंने आदेश दिया कि जुलूस जब तक वापस अपने स्टैंड पर नहीं पहुंच जाता, तब तक बिजली की सप्लाई रोक दी जाए.

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