नई दिल्ली : वायु सेना प्रमुख आर के एस भदौरिया (Air Chief Marshal RkS Bhadauria ) ने शुक्रवार को कहा कि जम्मू में वायु सेना के अड्डे पर हुए ड्रोन हमले आतंकी कार्रवाई थी, जिनका मकसद प्रमुख सैन्य संपत्तियों को निशाना बनाना था. उन्होंने कहा कि भारतीय वायु सेना सुरक्षा की ऐसी चुनौतियों से निपटने के लिए अपनी क्षमताओं को मजबूत बना रही है.
आतंकी हमारी संपत्तियों को निशाना बनाना चाहते थे
एयर चीफ मार्शल ने कहा कि भारतीय वायु सेना ने ड्रोनों और अन्य समान क्षमताओं के राज्येतर तत्वों के हाथ में पड़ने के प्रभाव का विस्तृत विश्लेषण किया है और इनसे निपटने के लिए कई कदम उठा रही है. उन्होंने एक थिंक टैंक के साथ बातचीत के सत्र में कहा, 'जम्मू में जो हुआ था वह निश्चित तौर पर आतंकी कार्रवाई थी, जिसकी कोशिश वहां हमारी संपत्तियों को निशाना बनाना था. जाहिर है कि वह प्रयास विफल रहा. संपत्तियों को कोई नुकसान नहीं हुआ. दो विस्फोटकों का इस्तेमाल किया गया था.'
ये भी पढ़ें - जम्मू वायुसेना स्टेशन पर हमला : एनएसजी, सीआईएसएफ प्रमुखों ने किया निरीक्षण
रविवार को जम्मू में वायु सेना के अड्डे पर हमला करने के लिए विस्फोटकों से लैस ड्रोनों का इस्तेमाल किया गया था. भारत में महत्त्वपू्र्ण सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमले के लिए पाकिस्तान के संदिग्ध आतंकवादियों द्वारा मानवरहित हवाई यानों (यूएवी-ड्रोन) का इस्तेमाल करने का यह पहला ऐसा मामला है.
जांच परिणाम के बाद सभी तरह के कदम उठाए जाएंगे
वायु सेना प्रमुख ने कहा कि हमलों की विस्तृत जांच जारी है और जांच के परिणाम के आधार पर सभी तरह के कदम उठाए जाने की तैयारी है. चीफ ऑफ एयर स्टाफ भदौरिया ने कहा, 'हमने इस तरह की क्षमताओं के राज्येतर तत्वों के हाथ में चले जाने और भविष्य के संघर्षों में सशस्त्र ड्रोन क्षमताओं के प्रभाव को समझने के लिए इस विषय पर अध्ययन किया है.'
उन्होंने कहा कि भारतीय वायु सेना ने 'सॉफ्ट किल' यानी बिना किसी विध्वंसक ताकत के दुश्मनों के ठिकानों को निशाना बनाने और ड्रोन रोधी प्रणाली के संबंध में अपनी क्षमताओं को बढ़ाने के वास्ते योजना और जरूरी प्रणाली तथा अवसंरचना को लेकर काफी हद तक विश्लेषण किया है.
हवाई अड्डों पर ड्रोनों का पता लगाने की प्रणालियां नहीं हैं
वायु सेना प्रमुख ने कहा, 'कम समय में प्रतिक्रिया देना संभव होना चाहिए, त्वरित प्रतिक्रिया और इससे निपटने की क्षमता होनी चाहिए तथा यह लक्ष्य निश्चित तौर पर आतंकी हमले जैसी स्थिति से निपटने के लिए ऊर्जा निर्देशित प्रकार का लक्ष्य बनाने जैसा होना चाहिए.'
ये भी पढ़ें - वायु सेना केंद्र पर हमले के पीछे लश्कर का हाथ होने का संदेह : डीजीपी
उन्होंने कहा, 'इन सारे मुद्दों पर विचार किया गया है और कई परियोजनाओं पर पहले से काम शुरू हो गया है और कुछ प्रणालियां काम पर लगा दी गई हैं.' उन्होंने कहा कि जम्मू वायुसेना अड्डे पर अहम संपत्तियां नहीं हैं और ड्रोनों का पता लगाने के लिए वहां प्रणालियां नहीं हैं. हमलों का संदर्भ देते हुए, वायुसेना प्रमुख ने कहा कि जब हमला हुआ उस वक्त दृश्यता नहीं थी. उन्होंने कहा, 'बहुत जल्द हमारे पास पर्याप्त प्रणालियां होंगी और हम लक्ष्य बनाएंगे...हम इस खतरे से निपटने के रास्ते खोज लेंगे.'