ETV Bharat / bharat

छठ पर चंदौली में अनूठी पूजा, सूर्यदेव से पहले सात घोड़ों की पूजा कर लिया आशीर्वाद - Horses were worshiped on Chhath Puja

चंदौली में छठ पर्व पर सूर्य देव की सवारी 7 घोड़ों की पूजा की गई. छठ के महापर्व के दौरान 7 घोड़ों को नगर भ्रमण कराने की शुरुआत 2009 में हुई थी.

चंदौली में छठ पर घोड़ों की पूजा.
चंदौली में छठ पर घोड़ों की पूजा.
author img

By

Published : Oct 29, 2022, 5:38 PM IST

चंदौली: छठ का पर्व बड़ी धूमधाम से बिहार के साथ अन्य जगह भी मनाया जा रहा है. इसी कड़ी में बिहार से सटे हुए चंदौली में छठ पर अनोखे तरह की पूजा होती है. यहां पर छठ पर्व पर सूर्य देव की सवारी 7 घोड़ों की पूजा की जाती है. इसी कड़ी में दीनदयालनगर में मानसरोवर तालाब स्थित सूर्य मंदिर के पास सूर्य देव की सवारी घोड़ों की पूजा (Horse worship on Chhath Puja in Chandauli) की गई. इसके साथ ही जिन घोड़ों की पूजा की गई, वह पूरे नगर में भ्रमण करते छठ व्रती महिलाओं के घर पहुंचे. यहां व्रती महिलाएं इन घोड़ों की आरती उतारी और ही चना और गुड़ खिलाकर आशीर्वाद मांगी. मान्यता है कि डाला छठ के दौरान नगर भ्रमण पर निकले इन घोड़ों के पांव जहां भी पड़ते हैं वह स्थान पवित्र हो जाता है.

चंदौली में छठ पर घोड़ों की पूजा.

छठ व्रत कर रही दीनदयाल नगर की गुड़िया ने बताया कि 'दो साल से व्रत रख रहे हैं. हमारे दरवाजे पर भी नगर भ्रमण को निकलने वाले घोड़े आए हैं, इनका हमने गुड़ और चना खिलाकर स्वागत किया. पूजा करने के बाद आरती भी उतारी. ये सूर्य भगवान की सवारी है, इसलिए हम लोग इनको बहुत ही मानते हैं.' व्रती महिला सुनीता देवी ने बताया कि 'इस बार छठ पूजा पर कोरोना जैसी महामारी को दूर भगाने के लिए छठी मैया और भगवान सूर्य देव से कामना की है. मानसरोवर तालाब से जो घोड़े आते हैं उनका चना गुड़ खिलाकर स्वागत करते हैं और आरती उतारते हैं. दरवाजे पर घोड़ा आता है तो बहुत खुशी होती है.'


दीनदयाल नगर में मानसरोवर तालाब छठ पूजा समिति के अध्यक्ष कृष्णा गुप्ता ने बताया कि 2009 से लगातार डाला छठ पूजा में सूर्य देव की सवारी 7 घोड़े संस्था के द्वारा छोड़े जाते हैं. वे नगर भ्रमण करते हैं और गलियों में घूमते हैं. वहीं एसडीएम मुगलसराय अवनीश कुमार ने बताया कि प्रहरी के रूप में यह घोड़े नगर भ्रमण करते हैं. व्रती लोग उत्साहित होते हैं.


उन्होंने बताया कि दिवाली के ठीक छह दिन बाद मनाए जाने वाले छठ पर्व का हिंदू धर्म में विशेष स्थान है. कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की षष्ठी को सूर्य षष्ठी का व्रत करने का विधान है. ऐसी मान्यता है कि सच्चे मन से की गई इस पूजा से भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं. इसे करने लोग धन-धान्य, संतान सुख तथा सुख-समृद्धि से परिपूर्ण रहते हैं. साथ ही लोगों का यह भी मानना है कि भगवान सूर्य की सवारी घोड़े की पूजा करने से उनका व्रत सफल होता है और घर में सुख समृद्धि आती है. इस उद्देश्य से छठ के महापर्व के दौरान 7 घोड़ों को नगर भ्रमण कराने की शुरुआत सन 2009 में हुई थी. उसके बाद से हर साल छठ पूजा के दौरान इन घोड़ों को सजाकर नगर भ्रमण कराया जाता है.


यह भी पढे़ं:Chhath Puja 2022: काशी के बाजार में पीतल के सूप की धूम, जानें क्यों करते हैं भगवान भास्कर की आराधना

चंदौली: छठ का पर्व बड़ी धूमधाम से बिहार के साथ अन्य जगह भी मनाया जा रहा है. इसी कड़ी में बिहार से सटे हुए चंदौली में छठ पर अनोखे तरह की पूजा होती है. यहां पर छठ पर्व पर सूर्य देव की सवारी 7 घोड़ों की पूजा की जाती है. इसी कड़ी में दीनदयालनगर में मानसरोवर तालाब स्थित सूर्य मंदिर के पास सूर्य देव की सवारी घोड़ों की पूजा (Horse worship on Chhath Puja in Chandauli) की गई. इसके साथ ही जिन घोड़ों की पूजा की गई, वह पूरे नगर में भ्रमण करते छठ व्रती महिलाओं के घर पहुंचे. यहां व्रती महिलाएं इन घोड़ों की आरती उतारी और ही चना और गुड़ खिलाकर आशीर्वाद मांगी. मान्यता है कि डाला छठ के दौरान नगर भ्रमण पर निकले इन घोड़ों के पांव जहां भी पड़ते हैं वह स्थान पवित्र हो जाता है.

चंदौली में छठ पर घोड़ों की पूजा.

छठ व्रत कर रही दीनदयाल नगर की गुड़िया ने बताया कि 'दो साल से व्रत रख रहे हैं. हमारे दरवाजे पर भी नगर भ्रमण को निकलने वाले घोड़े आए हैं, इनका हमने गुड़ और चना खिलाकर स्वागत किया. पूजा करने के बाद आरती भी उतारी. ये सूर्य भगवान की सवारी है, इसलिए हम लोग इनको बहुत ही मानते हैं.' व्रती महिला सुनीता देवी ने बताया कि 'इस बार छठ पूजा पर कोरोना जैसी महामारी को दूर भगाने के लिए छठी मैया और भगवान सूर्य देव से कामना की है. मानसरोवर तालाब से जो घोड़े आते हैं उनका चना गुड़ खिलाकर स्वागत करते हैं और आरती उतारते हैं. दरवाजे पर घोड़ा आता है तो बहुत खुशी होती है.'


दीनदयाल नगर में मानसरोवर तालाब छठ पूजा समिति के अध्यक्ष कृष्णा गुप्ता ने बताया कि 2009 से लगातार डाला छठ पूजा में सूर्य देव की सवारी 7 घोड़े संस्था के द्वारा छोड़े जाते हैं. वे नगर भ्रमण करते हैं और गलियों में घूमते हैं. वहीं एसडीएम मुगलसराय अवनीश कुमार ने बताया कि प्रहरी के रूप में यह घोड़े नगर भ्रमण करते हैं. व्रती लोग उत्साहित होते हैं.


उन्होंने बताया कि दिवाली के ठीक छह दिन बाद मनाए जाने वाले छठ पर्व का हिंदू धर्म में विशेष स्थान है. कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की षष्ठी को सूर्य षष्ठी का व्रत करने का विधान है. ऐसी मान्यता है कि सच्चे मन से की गई इस पूजा से भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं. इसे करने लोग धन-धान्य, संतान सुख तथा सुख-समृद्धि से परिपूर्ण रहते हैं. साथ ही लोगों का यह भी मानना है कि भगवान सूर्य की सवारी घोड़े की पूजा करने से उनका व्रत सफल होता है और घर में सुख समृद्धि आती है. इस उद्देश्य से छठ के महापर्व के दौरान 7 घोड़ों को नगर भ्रमण कराने की शुरुआत सन 2009 में हुई थी. उसके बाद से हर साल छठ पूजा के दौरान इन घोड़ों को सजाकर नगर भ्रमण कराया जाता है.


यह भी पढे़ं:Chhath Puja 2022: काशी के बाजार में पीतल के सूप की धूम, जानें क्यों करते हैं भगवान भास्कर की आराधना

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.