ETV Bharat / bharat

पुलिस की सहायता के लिए बनाया गया था होमगार्ड विभाग

नागरिक गड़बड़ी और सांप्रदायिक दंगों को नियंत्रित करने में पुलिस की सहायता के लिए होम गार्ड विभाग की स्थापना की गई थी. आज होमगार्ड विभाग 74वां स्थापना दिवस मना रहा है. पढ़ें पूरी खबर...

home guard foundation day
मनाया जा रहा 74वां स्थापना दिवस
author img

By

Published : Dec 6, 2020, 6:00 AM IST

Updated : Dec 6, 2020, 6:57 AM IST

हैदराबाद: हर साल 6 दिसंबर को होमगार्ड विभाग अपना स्थापना दिवस मनाता है. वहीं, कोरोना महामारी के बीच विभाग इस बार अपना 74वां स्थापना दिवस मना रहा है.

होम गार्ड्स का स्थापना दिवस का इतिहास

नागरिक गड़बड़ी और सांप्रदायिक दंगों को नियंत्रित करने में पुलिस की सहायता के लिए 6 दिसंबर 1946 में होम गार्ड विभाग की स्थापना की गई थी. बता दें, होमगार्ड एक स्वैच्छिक बल है. इसके बाद, स्वैच्छिक नागरिक बल की अवधारणा को कई राज्यों ने भी अपनाया. 1962 में चीनी आक्रामकता के मद्देनजर केंद्र ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को सलाह दी कि वे होम गार्ड के रूप में जानी जाने वाली एक समान स्वैच्छिक बल में अपने मौजूदा स्वैच्छिक संगठन का विलय कर लें.

किस तरह का काम करते हैं होम गार्ड

1. होम गार्ड एक स्वैच्छिक संगठन है, इस विभाग की सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि इसे समाज से कितना समर्थन मिलता है. इस वजह से पर्याप्त प्रचार से होमगार्ड संगठन में सार्वजनिक हित उत्पन्न करना और उसे बनाए रखना जरूरी है. विभाग के प्रचार के लिए होमगार्ड की प्रदर्शनियों का प्रदर्शन, प्रदर्शन, सिनेमा स्लाइड की स्क्रीनिंग, समाचार पत्रों के प्रकाशन का प्रकाशन और विज्ञापन आदि शामिल हो सकते हैं. वहीं, इसके अलावा होमगार्डों द्वारा किए गए सार्वजनिक सेवा के बकाया कार्यों को स्थानीय पत्रों में प्रकाशित किया जाना चाहिए, इनकी प्रशंसाओं से संबंधित गतिविधियों की प्रेस कटिंग हर महीने गृह मंत्रालय को भेजा जाना चाहिए.

2. इस संगठन की गतिविधियों को जनता की नज़र में बनाए रखने के लिए, राज्यों, संघ शासित प्रदेशों के प्रशासन को हर दिन होमगार्ड और नागरिक सुरक्षा के लिए वार्षिक दिवस मनाना चाहिए. ऐसे कार्यक्रम तैयार किया जा सकता है जिसमें औपचारिक परेड, सांस्कृतिक शामिल हों. वहीं, शैक्षिक कार्य भी इस संगठन की भूमिका पर प्रकाश डालते हैं.

3. होमगार्ड विभाग के वार्षिक दिवस पर जो भी खर्च आता है उसको अधिकृत किया जाना चाहिए और इसको केंद्र और राज्य सरकार इसको वहन करें.

etvbharat
ग्राफिक्स पर डाले नजर.

होम गार्ड विभाग की भूमिका

  1. होम गार्ड आंतरिक सुरक्षा स्थितियों के रखरखाव में पुलिस के लिए एक सहायक बल के रूप में सेवा करने के लिए हैं. किसी भी तरह की आपात स्थिति में मदद करते हैं, जैसे हवाई हमला, आग, चक्रवात, भूकंप, महामारी आदि.
  2. यह आवश्यक सेवाओं के रखरखाव में भी मदद करते हैं, सांप्रदायिक सद्भाव को बढ़ावा देने में भी इनका योगदान रहता है. इसके अलावा कमजोर वर्गों की रक्षा में प्रशासन की सहायता करते हैं, सामाजिक-आर्थिक और कल्याण की तमाम गतिविधियों में भी होमगार्ड के जवान भाग लेते हैं. ये लोग नागरिक सुरक्षा कर्तव्यों का भी पालन करते हैं. कुछ गार्ड दो प्रकार के होते हैं- ग्रामीण और शहरी.
  3. विभाग में तीन साल की सेवा के साथ ही होमगार्ड के जवानों को कानून और व्यवस्था के रखरखाव, अपराध की रोकथाम, डकैती विरोधी उपायों, सीमा पर गश्त, निषेध, बाढ़ राहत, अग्निशमन, चुनाव कर्तव्यों और सामाजिक कल्याण में प्रशिक्षित किया जाता है.

होमगार्ड की शक्तियां

  1. देश में कुल 5,73,793 होमगार्ड्स हैं, जिनमें से 4,33,803 काम कर रहे हैं. वहीं, केरल को छोड़कर सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में होमगार्ड विभाग काम कर रहा है.

भारत में होमगार्ड के आंकड़ों के अनुसार राज्यवार होमगार्ड इस प्रकार हैं:

होम गार्ड एक्ट

  1. होमगार्ड्स को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के होमगार्ड अधिनियम और नियमों के तहत सेवा में लिया जाता है. इनकी भर्ती सभी वर्गों के लोगों और जीवन के क्षेत्रों के लिए की जाती है, जो समुदाय की बेहतरी के लिए संगठन को अपना खाली समय देते हैं.
  2. होमगार्ड्स को दी जाने वाली सुविधाओं में मुफ्त वर्दी, कर्तव्य भत्ते और वीरता, प्रतिष्ठित और मेधावी सेवाओं के लिए पुरस्कार शामिल हैं.

होमगार्डों को कैसे विनियमित करती है सरकार?

1. गृह मंत्रालय होमगार्ड विभाग के लिए भूमिका, प्रशिक्षण, स्थापना और अन्य महत्वपूर्ण मामलों के संबंध में नीति तैयार करती है.

2. होमगार्ड विभाग के खर्च की बात करें तो केंद्र और राज्य सरकार इसको वहन करते हैं. जहां, केंद्र सरकार 25 फीसदी खर्च उठाती है तो वहीं, राज्य सराकर 75 प्रतिशत खर्च करती है.

हैदराबाद: हर साल 6 दिसंबर को होमगार्ड विभाग अपना स्थापना दिवस मनाता है. वहीं, कोरोना महामारी के बीच विभाग इस बार अपना 74वां स्थापना दिवस मना रहा है.

होम गार्ड्स का स्थापना दिवस का इतिहास

नागरिक गड़बड़ी और सांप्रदायिक दंगों को नियंत्रित करने में पुलिस की सहायता के लिए 6 दिसंबर 1946 में होम गार्ड विभाग की स्थापना की गई थी. बता दें, होमगार्ड एक स्वैच्छिक बल है. इसके बाद, स्वैच्छिक नागरिक बल की अवधारणा को कई राज्यों ने भी अपनाया. 1962 में चीनी आक्रामकता के मद्देनजर केंद्र ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को सलाह दी कि वे होम गार्ड के रूप में जानी जाने वाली एक समान स्वैच्छिक बल में अपने मौजूदा स्वैच्छिक संगठन का विलय कर लें.

किस तरह का काम करते हैं होम गार्ड

1. होम गार्ड एक स्वैच्छिक संगठन है, इस विभाग की सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि इसे समाज से कितना समर्थन मिलता है. इस वजह से पर्याप्त प्रचार से होमगार्ड संगठन में सार्वजनिक हित उत्पन्न करना और उसे बनाए रखना जरूरी है. विभाग के प्रचार के लिए होमगार्ड की प्रदर्शनियों का प्रदर्शन, प्रदर्शन, सिनेमा स्लाइड की स्क्रीनिंग, समाचार पत्रों के प्रकाशन का प्रकाशन और विज्ञापन आदि शामिल हो सकते हैं. वहीं, इसके अलावा होमगार्डों द्वारा किए गए सार्वजनिक सेवा के बकाया कार्यों को स्थानीय पत्रों में प्रकाशित किया जाना चाहिए, इनकी प्रशंसाओं से संबंधित गतिविधियों की प्रेस कटिंग हर महीने गृह मंत्रालय को भेजा जाना चाहिए.

2. इस संगठन की गतिविधियों को जनता की नज़र में बनाए रखने के लिए, राज्यों, संघ शासित प्रदेशों के प्रशासन को हर दिन होमगार्ड और नागरिक सुरक्षा के लिए वार्षिक दिवस मनाना चाहिए. ऐसे कार्यक्रम तैयार किया जा सकता है जिसमें औपचारिक परेड, सांस्कृतिक शामिल हों. वहीं, शैक्षिक कार्य भी इस संगठन की भूमिका पर प्रकाश डालते हैं.

3. होमगार्ड विभाग के वार्षिक दिवस पर जो भी खर्च आता है उसको अधिकृत किया जाना चाहिए और इसको केंद्र और राज्य सरकार इसको वहन करें.

etvbharat
ग्राफिक्स पर डाले नजर.

होम गार्ड विभाग की भूमिका

  1. होम गार्ड आंतरिक सुरक्षा स्थितियों के रखरखाव में पुलिस के लिए एक सहायक बल के रूप में सेवा करने के लिए हैं. किसी भी तरह की आपात स्थिति में मदद करते हैं, जैसे हवाई हमला, आग, चक्रवात, भूकंप, महामारी आदि.
  2. यह आवश्यक सेवाओं के रखरखाव में भी मदद करते हैं, सांप्रदायिक सद्भाव को बढ़ावा देने में भी इनका योगदान रहता है. इसके अलावा कमजोर वर्गों की रक्षा में प्रशासन की सहायता करते हैं, सामाजिक-आर्थिक और कल्याण की तमाम गतिविधियों में भी होमगार्ड के जवान भाग लेते हैं. ये लोग नागरिक सुरक्षा कर्तव्यों का भी पालन करते हैं. कुछ गार्ड दो प्रकार के होते हैं- ग्रामीण और शहरी.
  3. विभाग में तीन साल की सेवा के साथ ही होमगार्ड के जवानों को कानून और व्यवस्था के रखरखाव, अपराध की रोकथाम, डकैती विरोधी उपायों, सीमा पर गश्त, निषेध, बाढ़ राहत, अग्निशमन, चुनाव कर्तव्यों और सामाजिक कल्याण में प्रशिक्षित किया जाता है.

होमगार्ड की शक्तियां

  1. देश में कुल 5,73,793 होमगार्ड्स हैं, जिनमें से 4,33,803 काम कर रहे हैं. वहीं, केरल को छोड़कर सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में होमगार्ड विभाग काम कर रहा है.

भारत में होमगार्ड के आंकड़ों के अनुसार राज्यवार होमगार्ड इस प्रकार हैं:

होम गार्ड एक्ट

  1. होमगार्ड्स को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के होमगार्ड अधिनियम और नियमों के तहत सेवा में लिया जाता है. इनकी भर्ती सभी वर्गों के लोगों और जीवन के क्षेत्रों के लिए की जाती है, जो समुदाय की बेहतरी के लिए संगठन को अपना खाली समय देते हैं.
  2. होमगार्ड्स को दी जाने वाली सुविधाओं में मुफ्त वर्दी, कर्तव्य भत्ते और वीरता, प्रतिष्ठित और मेधावी सेवाओं के लिए पुरस्कार शामिल हैं.

होमगार्डों को कैसे विनियमित करती है सरकार?

1. गृह मंत्रालय होमगार्ड विभाग के लिए भूमिका, प्रशिक्षण, स्थापना और अन्य महत्वपूर्ण मामलों के संबंध में नीति तैयार करती है.

2. होमगार्ड विभाग के खर्च की बात करें तो केंद्र और राज्य सरकार इसको वहन करते हैं. जहां, केंद्र सरकार 25 फीसदी खर्च उठाती है तो वहीं, राज्य सराकर 75 प्रतिशत खर्च करती है.

Last Updated : Dec 6, 2020, 6:57 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.