ETV Bharat / bharat

High Court News: बॉम्बे हाई कोर्ट ने हड़ताल पर गए कर्मचारियों को जारी किया नोटिस

महाराष्ट्र में 19 लाख सरकारी और अर्धसरकारी कर्मचारी हड़ताल पर हैं. इससे कई बुनियादी सेवाएं ठप हो गई हैं, जिससे आम लोगों को खासी परेशानी हो रही है. अब इसे लेकर बॉम्बे हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है.

Bombay high court
बॉम्बे हाई कोर्ट
author img

By

Published : Mar 17, 2023, 3:38 PM IST

Updated : Mar 17, 2023, 4:26 PM IST

मुंबई: महाराष्ट्र राज्य के 19 लाख सरकारी और अर्धसरकारी कर्मचारियों ने हड़ताल पर हैं. बता दें कि यह हड़ताल 14 मार्च को शुरू हुई थी और हड़ताल शुरू होने के तीन दिन बाद राज्य में सभी सेवाएं ठप हो गईं. इसमें विशेष स्वास्थ्य विभाग की सेवाएं पूरी तरह ठप रहीं. परिणामस्वरूप आम लोगों को इससे काफी परेशानी हो रही है. वकील गुणारत्न सदावर्ते ने इस संबंध में बॉम्बे हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की थी. बॉम्बे हाईकोर्ट ने शुक्रवार को इस याचिका पर संज्ञान लिया.

कोर्ट ने कहा कि वह सभी हड़तालियों को नोटिस जारी करेगी. वकील गुणारत्न सदावते ने अपनी याचिका में इस मुद्दे को उठाया कि सभी को हड़ताल करने का अधिकार है. लेकिन सामान्य जनजीवन किसी भी सूरत में बाधित नहीं होना चाहिए. स्वास्थ्य, शिक्षा और मध्यान्ह भोजन जैसी सरकारी सुविधाएं बंद नहीं होनी चाहिए. ऐसा इसलिए है, क्योंकि यह उन बच्चों का अधिकार है. इसलिए सरकार का यह काम जारी रहना चाहिए.

चूंकि सरकारी कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं, तो ये सेवाएं पूरी तरह से ठप हो गई हैं, इसलिए कोर्ट को इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए. कोर्ट ने इस बारे में सरकारी पक्ष के वकीलों से भी पूछा. कोर्ट ने कहा कि आंगनबाड़ी बच्चों के पोषण योजनाओं से मिड-डे मील को किसी भी सूरत में रोका नहीं जाना चाहिए क्योंकि यह उनका अधिकार है. साथ ही नागरिकों को इस संबंध में कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए. सरकार को यह भी बताना चाहिए कि इस संबंध में क्या उपाय किए गए हैं.

अधिवक्ता गुणारत्न सदावर्ते ने तर्क दिया कि हड़ताल समाप्त किया जाना वैध है. भले ही उनकी मांगें वैध हों, उनकी हड़ताल अवैध है. यह शासन के नियमों का उल्लंघन है. इसलिए, अदालत को उन्हें तुरंत नोटिस जारी करने की जरूरत है, क्योंकि यह हड़ताल कानून के खिलाफ है. अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद सरकार से पूछा कि आपने लोगों के लिए क्या ठोस उपाय किए हैं? उन्हें बताएं.

पढ़ें: कानूनी मामलों में महिलाओं के लिए आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल अनुचित, जल्द आएगी शब्दावली: CJI

कोर्ट ने कहा कि अब हड़ताल का असर दिखने लगा है. बाहर के लोग और जो लोग हड़ताल कर रहे हैं या जो प्रतिवादी हैं, उन सभी को हम एक नोटिस जारी करने जा रहे हैं और इस संबंध में, राज्य सरकार के रूप में सरकार को यह सुनिश्चित करने के लिए ठोस उपाय करना चाहिए कि जनता को नियमित सुविधाएं मिले. बॉम्बे हाई कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई 23 मार्च को करने का फैसला किया है.

मुंबई: महाराष्ट्र राज्य के 19 लाख सरकारी और अर्धसरकारी कर्मचारियों ने हड़ताल पर हैं. बता दें कि यह हड़ताल 14 मार्च को शुरू हुई थी और हड़ताल शुरू होने के तीन दिन बाद राज्य में सभी सेवाएं ठप हो गईं. इसमें विशेष स्वास्थ्य विभाग की सेवाएं पूरी तरह ठप रहीं. परिणामस्वरूप आम लोगों को इससे काफी परेशानी हो रही है. वकील गुणारत्न सदावर्ते ने इस संबंध में बॉम्बे हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की थी. बॉम्बे हाईकोर्ट ने शुक्रवार को इस याचिका पर संज्ञान लिया.

कोर्ट ने कहा कि वह सभी हड़तालियों को नोटिस जारी करेगी. वकील गुणारत्न सदावते ने अपनी याचिका में इस मुद्दे को उठाया कि सभी को हड़ताल करने का अधिकार है. लेकिन सामान्य जनजीवन किसी भी सूरत में बाधित नहीं होना चाहिए. स्वास्थ्य, शिक्षा और मध्यान्ह भोजन जैसी सरकारी सुविधाएं बंद नहीं होनी चाहिए. ऐसा इसलिए है, क्योंकि यह उन बच्चों का अधिकार है. इसलिए सरकार का यह काम जारी रहना चाहिए.

चूंकि सरकारी कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं, तो ये सेवाएं पूरी तरह से ठप हो गई हैं, इसलिए कोर्ट को इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए. कोर्ट ने इस बारे में सरकारी पक्ष के वकीलों से भी पूछा. कोर्ट ने कहा कि आंगनबाड़ी बच्चों के पोषण योजनाओं से मिड-डे मील को किसी भी सूरत में रोका नहीं जाना चाहिए क्योंकि यह उनका अधिकार है. साथ ही नागरिकों को इस संबंध में कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए. सरकार को यह भी बताना चाहिए कि इस संबंध में क्या उपाय किए गए हैं.

अधिवक्ता गुणारत्न सदावर्ते ने तर्क दिया कि हड़ताल समाप्त किया जाना वैध है. भले ही उनकी मांगें वैध हों, उनकी हड़ताल अवैध है. यह शासन के नियमों का उल्लंघन है. इसलिए, अदालत को उन्हें तुरंत नोटिस जारी करने की जरूरत है, क्योंकि यह हड़ताल कानून के खिलाफ है. अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद सरकार से पूछा कि आपने लोगों के लिए क्या ठोस उपाय किए हैं? उन्हें बताएं.

पढ़ें: कानूनी मामलों में महिलाओं के लिए आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल अनुचित, जल्द आएगी शब्दावली: CJI

कोर्ट ने कहा कि अब हड़ताल का असर दिखने लगा है. बाहर के लोग और जो लोग हड़ताल कर रहे हैं या जो प्रतिवादी हैं, उन सभी को हम एक नोटिस जारी करने जा रहे हैं और इस संबंध में, राज्य सरकार के रूप में सरकार को यह सुनिश्चित करने के लिए ठोस उपाय करना चाहिए कि जनता को नियमित सुविधाएं मिले. बॉम्बे हाई कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई 23 मार्च को करने का फैसला किया है.

Last Updated : Mar 17, 2023, 4:26 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.