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कोर्ट ने दिल्ली सरकार से कोविड संक्रमित अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की पुन: जांच पर गौर करने को कहा

दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) ने मंगलवार को कहा कि यदि केंद्र द्वारा कोई दिशा-निर्देश जारी नहीं किया गया है, तो उम्मीद है कि स्थानीय सरकार उन अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की पुन: जांच (Re-screening of international passengers) के मुद्दे पर जल्दी ही विचार करेगी जो यहां आने पर कोविड-19 से संक्रमित पाए गए.

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प्रतीकात्मक फोटो
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Published : Jan 4, 2022, 7:43 PM IST

नई दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) ने दिल्ली सरकार को कोविड संक्रमित अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की पुन: जांच (Re-screening of international passengers) पर गौर करने के कहा है.

न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की एकल पीठ (Single Bench of Justice Rekha Palli) ने दिल्ली सरकार से यह भी सवाल किया कि जीनोम अनुक्रमण रिपोर्ट उस रोगी को क्यों नहीं दी जा सकती जिसे ओमीक्रेान स्वरूप से संक्रमित बताया गया था.

अदालत एक मां की याचिका पर सुनवाई (Court hearing a mother's petition) कर रही थी, जिनके 18 वर्षीय बेटा ब्रिटेन से यहां आने पर वायरस से संक्रमित पाया गया और उसे पृथकवास के लिए यहां एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. अदालत ने कहा कि याचिका के लंबित रहने के दौरान याचिकाकर्ता के पुत्र की रिपोर्ट निगेटिव आई और उसे फोर्टिस अस्पताल से छुट्टी मिल गई.

याचिकाकर्ता ने अदालत को बताया कि हालांकि उनका बेटा अब उनके साथ है लेकिन कई अन्य रोगियों को कई दिनों से विभिन्न अस्पतालों में रखा जा रहा था क्योंकि अस्पताल कोविड-19 जांच बार-बार नहीं कर रहे हैं.

उन्होंने यह भी तर्क दिया कि मां को जानने का अधिकार है (Mother has a right to know) और इस प्रकार उन्हें अपने बेटे की जीनोम अनुक्रमण रिपोर्ट मिलनी चाहिए.

यह भी पढ़ें- Corona Virus New Variant : ओमीक्रोन के बाद कोरोना के नए वेरिएंट IHU ने बढ़ाई चिंता

अदालत ने कहा कि यदि भारत सरकार द्वारा कोई दिशा-निर्देश जारी नहीं किया जाता है, तो यह उम्मीद की जाती है कि दिल्ली सरकार इस मामले पर तेजी से विचार करेगी ताकि याचिकाकर्ता के बेटे की तरह अन्य मरीजों को परेशानी नहीं हो. दिल्ली सरकार यह भी बताएगी कि जीनोम जांच रिपोर्ट क्यों नहीं मुहैया कराई जा सकती है.

नई दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) ने दिल्ली सरकार को कोविड संक्रमित अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की पुन: जांच (Re-screening of international passengers) पर गौर करने के कहा है.

न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की एकल पीठ (Single Bench of Justice Rekha Palli) ने दिल्ली सरकार से यह भी सवाल किया कि जीनोम अनुक्रमण रिपोर्ट उस रोगी को क्यों नहीं दी जा सकती जिसे ओमीक्रेान स्वरूप से संक्रमित बताया गया था.

अदालत एक मां की याचिका पर सुनवाई (Court hearing a mother's petition) कर रही थी, जिनके 18 वर्षीय बेटा ब्रिटेन से यहां आने पर वायरस से संक्रमित पाया गया और उसे पृथकवास के लिए यहां एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. अदालत ने कहा कि याचिका के लंबित रहने के दौरान याचिकाकर्ता के पुत्र की रिपोर्ट निगेटिव आई और उसे फोर्टिस अस्पताल से छुट्टी मिल गई.

याचिकाकर्ता ने अदालत को बताया कि हालांकि उनका बेटा अब उनके साथ है लेकिन कई अन्य रोगियों को कई दिनों से विभिन्न अस्पतालों में रखा जा रहा था क्योंकि अस्पताल कोविड-19 जांच बार-बार नहीं कर रहे हैं.

उन्होंने यह भी तर्क दिया कि मां को जानने का अधिकार है (Mother has a right to know) और इस प्रकार उन्हें अपने बेटे की जीनोम अनुक्रमण रिपोर्ट मिलनी चाहिए.

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अदालत ने कहा कि यदि भारत सरकार द्वारा कोई दिशा-निर्देश जारी नहीं किया जाता है, तो यह उम्मीद की जाती है कि दिल्ली सरकार इस मामले पर तेजी से विचार करेगी ताकि याचिकाकर्ता के बेटे की तरह अन्य मरीजों को परेशानी नहीं हो. दिल्ली सरकार यह भी बताएगी कि जीनोम जांच रिपोर्ट क्यों नहीं मुहैया कराई जा सकती है.

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