चंडीगढ़ : कोरोना वायरस (coronavirus) की धीमी पड़ती रफ्तार के बाद हरियाणा के स्कूलों में 16 जुलाई से 9वीं से 12वीं कक्षा तक स्कूल खोलने का फैसला किया है. लेकिन सरकार ने कहा ये भी अनिवार्य नहीं है कि सभी बच्चे स्कूल में ही आकर पढ़ाई करें. बच्चे स्कूल में तब ही आ सकेंगे, जब उनके पास माता पिता का सहमति पत्र होगा. बिना सहमति पत्र के कोई भी छात्र स्कूल में दाखिल नहीं होगा.
भिवानी जिले के सरकारी स्कूल के प्रभारी नरेश कुमार ने जानकारी दी कि सरकार के आदेश के बाद स्कूलों को खोले जा रहा है. सरकार की ओर से एक अच्छा फैसला है. क्योंकि बच्चे ऑनलाइन के मुकाबले प्रैक्टिकली ज्यादा बहतर तरीके से पढ़ाई कर सकेंगे.
प्रभारी नरेश कुमार ने कहा कि ऑनलाइन पढ़ाई के दौरान नेटवर्क की समस्या रहती है. प्रभारी नरेश कुमार कहा कि जब बच्चे स्कूल में आएंगे तो उनका तापमान चेक किया जाएगा. हैंड सेनेटाइजर की इस्तेमाल कराया जाएगा और बच्चों को अपने घर से ही पानी की बोतल लानी होगी.
इसे भी पढ़े-कांवड़ यात्रा मामले में पीएम मोदी और सीएम योगी आमने-सामने
वहीं बच्चों को पेन-पेंसिल या किताबें भी एक दूसरे से लेने-देने के लिए मना किया जाएगा. एक बेंच पर एक ही बच्चे को बैठने की अनुमति होगी. बिना मास्क के किसी भी बच्चे को स्कूल में दाखिल होने नहीं दिया जाएगा. आपको बता दें कि कोरोना महामारी का प्रकोप कम होने के चलते सरकार ने 16 जुलाई से सरकारी और गैर सरकारी स्कूलों को खोलने का फैसला किया है. शिक्षा विभाग ने 9वीं कक्षा से 12वीं कक्षा तक शुरू करने का फैसला लिया है. अगर हालात सामान्य बने रहे तो आने वाले दिनों में छोटी कक्षाओं के लिए भी स्कूल खोलें जा सकते हैं.