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HAL ने ISRO को सबसे भारी अर्ध-क्रायोजेनिक प्रणोदक टैंक की आपूर्ति की

सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसके द्वारा निर्मित अब तक के सबसे भारी सेमी-क्रायोजेनिक प्रणोदक टैंक (एससी120-एलओएक्स) को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) को सौंप दिया गया है.

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Published : Oct 7, 2021, 5:50 PM IST

बेंगलुरू : हिन्दुस्तान ऐरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) का अब तक का सबसे भारी सेमी-क्रायोजेनिक प्रोपेलेंट टैंक (एससी120-एलओएक्स) भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन को दे दिया गया है.

सेमी-क्रायोजेनिक क्रायो-लिक्विड ऑक्सीजन टैंक को मौजूदा एमके-3 प्रक्षेपण यान में एल110 स्टेज की जगह पेलोड विस्तार के लिए लगाया जाएगा.

एचएएल ने पिछले साल अब तक के सबसे बड़े क्रायोजेनिक तरल हाइड्रोजन टैंक (सी32-एलएच2) की आपूर्ति तय समय से काफी पहले कर दी थी जिसका व्यास चार मीटर और लंबाई आठ मीटर है.

पढ़ें :- HAL के विमानन संबंधी उपकरण को आईटीएसओए से प्रमाणपत्र मिला

एचएएल ने बताया कि उसके एयरोस्पेस विभाग ने अब तक इसरो को पीएसएलवी, जीएसएलवी एमके-2 और जीएसएलवी एमके-3 के अंतरिक्ष कार्यक्रमों के लिए 244 प्रणोदक टैंक और 95 पानी के टैंकों की आपूर्ति की है.

बेंगलुरू : हिन्दुस्तान ऐरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) का अब तक का सबसे भारी सेमी-क्रायोजेनिक प्रोपेलेंट टैंक (एससी120-एलओएक्स) भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन को दे दिया गया है.

सेमी-क्रायोजेनिक क्रायो-लिक्विड ऑक्सीजन टैंक को मौजूदा एमके-3 प्रक्षेपण यान में एल110 स्टेज की जगह पेलोड विस्तार के लिए लगाया जाएगा.

एचएएल ने पिछले साल अब तक के सबसे बड़े क्रायोजेनिक तरल हाइड्रोजन टैंक (सी32-एलएच2) की आपूर्ति तय समय से काफी पहले कर दी थी जिसका व्यास चार मीटर और लंबाई आठ मीटर है.

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एचएएल ने बताया कि उसके एयरोस्पेस विभाग ने अब तक इसरो को पीएसएलवी, जीएसएलवी एमके-2 और जीएसएलवी एमके-3 के अंतरिक्ष कार्यक्रमों के लिए 244 प्रणोदक टैंक और 95 पानी के टैंकों की आपूर्ति की है.

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