वाराणसी: ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और एआईएमआईएम के अध्यक्ष व सांसद असदुद्दीन ओवैसी सहित अंजुमन इंतजामिया कमेटी के पदाधिकारियों व अन्य लोगों पर हेट स्पीच मामले में 156 (3) के तहत मुकदमा दर्ज करने के लिए निगरानी याचिका को लेकर अब कोर्ट 7 जुलाई को सुनवाई करेगा. इस मामले में सीनियर एडवोकेट हरिशंकर पांडेय की तरफ से दायर की गई याचिका को पिछले दिनों एक न्यायालय की तरफ से रिजेक्ट किए जाने के बाद पुनः निगरानी याचिका दायर की गई थी. इस पर आज सुनवाई हुई. इस मामले में अखिलेश यादव और ओवैसी सहित इंतजामिया कमेटी की तरफ से उनके वकीलों ने प्रकरण में जवाब दाखिल करने के लिए कोर्ट से समय मांगा था. इस पर कोर्ट ने 7 जुलाई तक का वक्त दिया है.
दरअसल, ज्ञानवापी परिसर स्थित वजूखाने में गंदगी करने और शिवलिंग जैसी आकृति पर विवादित बयान देने के मामले में दाखिल निगरानी अर्जी पर अपर जिला जज नवम विनोद कुमार सिंह की अदालत में सुनवाई हुई. निगरानीकर्ता हरिशंकर पांडेय ने लोअर कोर्ट के आदेश के खिलाफ अर्जी दाखिल की है. हरिशंकर पांडेय के अनुसार, ज्ञानवापी परिसर अराध्य देव शिव का है. शिवलिंग को लेकर एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी और सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव सहित कुछ अन्य नेताओं ने गलत बयानबाजी की थी. इससे हिंदुओं की भावनाएं आहत हुई थीं. इसलिए अखिलेश, ओवैसी और अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी के पदाधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए. सुनवाई के बाद निचली अदालत ने मामले को खारिज कर दिया था. इसलिए, जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में निगरानी अर्जी दाखिल की गई. अब अपर जिला जज की अदालत मामले की सुनवाई कर रही है.
सीनियर एडवोकेट हरि शंकर पांडेय ने बताया कि इस मामले में अखिलेश यादव, ओवैसी और इंतजामिया कमेटी की तरफ से अलग-अलग वकील आज कोर्ट में पेश हुए. तीनों वकीलों ने कोर्ट से इस मामले में अपना जवाब दाखिल करने के लिए अतिरिक्त समय की मांग की थी. इसके अलावा अखिलेश और ओवैसी के वकील की तरफ से इस मामले की पूरी कॉपी भी मांगी गई है.
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