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रामलला के फोटोग्राफर हाजिर हों...मिलिए उस शख्स से जिसके एक बयान पर सभी आरोपी नेता बरी हुए

Ramlala Photographer Kedar Jain: अयोध्या में 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है. ETV भारत संवाददाता अनिल गौर की खास रिपोर्ट के जरिए मिलिए रामलला के फोटोग्राफर से...जिन्हें सीबीआई ने मुख्य गवाह बनाया था.

Ramlala photographer  Kedar Jain
रामलला के फोटोग्राफर केदार जैन से मिलिए
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 6, 2024, 7:17 PM IST

Updated : Jan 6, 2024, 7:33 PM IST

सीबीआई ने केदार जैन को बनाया था मुख्य गवाह

ग्वालियर। अयोध्या में 22 जनवरी को श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है.पूरा देश राममय हो चला है.लोगों में उत्साह है, खुशी है, चारों तरफ हर्षोल्लास है. हर किसी को इस तारीख का इंतजार है.लेकिन इसके पीछे संघर्ष की लंबी कहानी है और हजारों लोगों का बलिदान भी जुड़ा है. इसके चलते हमारे प्रभु श्री रामलला भव्य मंदिर में विराजमान हो रहे हैं. इस संघर्ष की कहानी से जुड़े फोटोग्राफर के बारे में बताएंगे जिसे सीबीआई ने मुख्य गवाह बनाया था और अदालत में जब मामला चल रहा था तो उस दौरान पेश होने के लिए वहां आवाज लगाई जाती थी कि "रामलला के फोटोग्राफर हाजिर हों".

कौन हैं रामलला के फोटोग्राफर

एमपी के ग्वालियर के रहने वाले स्वतंत्र फोटोग्राफर केदार जैन ही रामलला के फोटोग्राफर हैं. फोटोग्राफर केदार जैन 6 दिसंबर 1992 में कारसेवकों के साथ अयोध्या में इस पूरे कार्यक्रम को कवर करने के लिए गए थे. उन्होंने ईटीवी भारत को बताया कि रामलला को कैद से मुक्त होते हुए मैंने अपनी आंखों से देखा है और यह मेरे लिए बड़ी सौभाग्य की बात है आज प्रभु श्रीराम का भव्य मंदिर बन रहा है उसमें वह विराजमान होंगे. इस पल को भी मैं अपनी आंखों से साक्षात देख रहा हूं और अपने आपको गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं.

Ramlala photographer  Kedar Jain
6 दिसंबर 1992 की रामलला की तस्वीर

रामलला के दर्शन भी किये और फोटो भी खींचे

ETV भारत से खास बातचीत में स्वतंत्र फोटोग्राफर केदार जैन ने बताया कि 6 दिसंबर 1992 के दिन कारसेवकों का उत्साह और जोश देखकर वह विस्मित थे. उन्होंने बताया कि 1992 की कारसेवा के लिए संघर्ष के बाद परिस्थितियां काफी अनुकूल थी क्योंकि उत्तर प्रदेश में भाजपा की कल्याण सरकार थी इसलिए कारसेवक लाखों की संख्या में 6 दिसंबर से पहले पहुंचना शुरू हो गये थे. और मुझे भी फोटोग्राफर के रूप में 5 दिन पहले ही एंट्री मिल गई थी.ताले में कैद रामलला के दर्शन भी किये और फोटो भी खींचा. वहां उत्तर प्रदेश पुलिस के जवान तैनात थे. उसके बाद कंटीले तार की झाड़ियां लगी हुई थीं ताकि कारसेवकों को वहां तक जाने से रोका जा सके.

अशोक सिंघल ने किया मार्गदर्शन

5 दिसंबर को अशोक सिंघल कारसेवकों का मार्गदर्शन करने के लिए आये. लाखों कारसेवकों को नियंत्रित करने के लिए मंच पर भाजपा के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ मुरली मनोहर जोशी, लालकृष्ण आडवाणी, राजमाता विजया राजे सिंधिया, विनय कटिहार, साध्वी ऋतंभरा, बजरंग दल के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष जयभान सिंह पवैया मौजूद थे. थोड़ी ही देर बाद श्रीराम, जय श्रीराम का घोष सुनाई दिया और उसके बाद अचानक कारसेवकों की भीड़ ने आनन-फानन में चबूतरे का निर्माण कर रामलला को विराजित कर टेंट लगा दिया.

रामलला के फोटोग्राफर हाजिर हों

फोटोग्राफर केदार जैन ने बताया कि घटना के बाद सीबीआई ने उन्हें मुख्य गवाह बनाया था और उनसे कहा गया कि जो आपके पास फोटो हैं वह अब सरकारी संपत्ति हैं इन्हें सुरक्षित रखना आपका काम हैं. उसके बाद कोर्ट में मामला चलता रहा और कोर्ट में भी उनके नाम की आवाज 'रामलला के फोटोग्राफर हाजिर हों' के रूप में लगती थी. लंबे समय तक भाजपा के बड़े नेताओं पर मामला कोर्ट में चलता रहा. अंत में एक वकील ने उनसे पूछा कि आप वहां मौजूद थे, मैंने हां में उत्तर दिया. नाम लेकर पूछा की बड़े नेता कहां थे. फिर कोर्ट में जवाब देते हुए केदार जैन ने कहा कि यह लोग इतने बुजुर्ग हैं कि वह वहां कैसे चढ़ सकते थे,वहां तक जाने तक की स्थिति में नहीं थे. बस इसी बात को आधार मानते हुए कोर्ट ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया.

Ramlala photographer  Kedar Jain
कारसेवकों ने चबूतरे का निर्माण कर रामलला को विराजित कर टेंट लगा दिया

ये भी पढ़ें:

सभी फोटो संभालकर रखें हैं केदार जैन

सबसे खास बात यह है कि फोटोग्राफर केदार जैन के पास आज भी उस दौरान के सभी फोटोग्राफ मौजूद हैं और वह अपने पास सैकड़ों की संख्या में पल-पल की घटना की सभी फोटो संभालकर रखे हुए हैं. उनका कहना है कि बस मन में आखिरी इच्छा यही है कि अपने पूरे परिवार के साथ रामलला के दर्शन करने अयोध्या जाऊं. इससे बड़ी खुशी मेरे लिए कुछ नहीं है यह कहते हुए केदार जैन भावुक होते हुए नजर आए.

सीबीआई ने केदार जैन को बनाया था मुख्य गवाह

ग्वालियर। अयोध्या में 22 जनवरी को श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है.पूरा देश राममय हो चला है.लोगों में उत्साह है, खुशी है, चारों तरफ हर्षोल्लास है. हर किसी को इस तारीख का इंतजार है.लेकिन इसके पीछे संघर्ष की लंबी कहानी है और हजारों लोगों का बलिदान भी जुड़ा है. इसके चलते हमारे प्रभु श्री रामलला भव्य मंदिर में विराजमान हो रहे हैं. इस संघर्ष की कहानी से जुड़े फोटोग्राफर के बारे में बताएंगे जिसे सीबीआई ने मुख्य गवाह बनाया था और अदालत में जब मामला चल रहा था तो उस दौरान पेश होने के लिए वहां आवाज लगाई जाती थी कि "रामलला के फोटोग्राफर हाजिर हों".

कौन हैं रामलला के फोटोग्राफर

एमपी के ग्वालियर के रहने वाले स्वतंत्र फोटोग्राफर केदार जैन ही रामलला के फोटोग्राफर हैं. फोटोग्राफर केदार जैन 6 दिसंबर 1992 में कारसेवकों के साथ अयोध्या में इस पूरे कार्यक्रम को कवर करने के लिए गए थे. उन्होंने ईटीवी भारत को बताया कि रामलला को कैद से मुक्त होते हुए मैंने अपनी आंखों से देखा है और यह मेरे लिए बड़ी सौभाग्य की बात है आज प्रभु श्रीराम का भव्य मंदिर बन रहा है उसमें वह विराजमान होंगे. इस पल को भी मैं अपनी आंखों से साक्षात देख रहा हूं और अपने आपको गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं.

Ramlala photographer  Kedar Jain
6 दिसंबर 1992 की रामलला की तस्वीर

रामलला के दर्शन भी किये और फोटो भी खींचे

ETV भारत से खास बातचीत में स्वतंत्र फोटोग्राफर केदार जैन ने बताया कि 6 दिसंबर 1992 के दिन कारसेवकों का उत्साह और जोश देखकर वह विस्मित थे. उन्होंने बताया कि 1992 की कारसेवा के लिए संघर्ष के बाद परिस्थितियां काफी अनुकूल थी क्योंकि उत्तर प्रदेश में भाजपा की कल्याण सरकार थी इसलिए कारसेवक लाखों की संख्या में 6 दिसंबर से पहले पहुंचना शुरू हो गये थे. और मुझे भी फोटोग्राफर के रूप में 5 दिन पहले ही एंट्री मिल गई थी.ताले में कैद रामलला के दर्शन भी किये और फोटो भी खींचा. वहां उत्तर प्रदेश पुलिस के जवान तैनात थे. उसके बाद कंटीले तार की झाड़ियां लगी हुई थीं ताकि कारसेवकों को वहां तक जाने से रोका जा सके.

अशोक सिंघल ने किया मार्गदर्शन

5 दिसंबर को अशोक सिंघल कारसेवकों का मार्गदर्शन करने के लिए आये. लाखों कारसेवकों को नियंत्रित करने के लिए मंच पर भाजपा के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ मुरली मनोहर जोशी, लालकृष्ण आडवाणी, राजमाता विजया राजे सिंधिया, विनय कटिहार, साध्वी ऋतंभरा, बजरंग दल के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष जयभान सिंह पवैया मौजूद थे. थोड़ी ही देर बाद श्रीराम, जय श्रीराम का घोष सुनाई दिया और उसके बाद अचानक कारसेवकों की भीड़ ने आनन-फानन में चबूतरे का निर्माण कर रामलला को विराजित कर टेंट लगा दिया.

रामलला के फोटोग्राफर हाजिर हों

फोटोग्राफर केदार जैन ने बताया कि घटना के बाद सीबीआई ने उन्हें मुख्य गवाह बनाया था और उनसे कहा गया कि जो आपके पास फोटो हैं वह अब सरकारी संपत्ति हैं इन्हें सुरक्षित रखना आपका काम हैं. उसके बाद कोर्ट में मामला चलता रहा और कोर्ट में भी उनके नाम की आवाज 'रामलला के फोटोग्राफर हाजिर हों' के रूप में लगती थी. लंबे समय तक भाजपा के बड़े नेताओं पर मामला कोर्ट में चलता रहा. अंत में एक वकील ने उनसे पूछा कि आप वहां मौजूद थे, मैंने हां में उत्तर दिया. नाम लेकर पूछा की बड़े नेता कहां थे. फिर कोर्ट में जवाब देते हुए केदार जैन ने कहा कि यह लोग इतने बुजुर्ग हैं कि वह वहां कैसे चढ़ सकते थे,वहां तक जाने तक की स्थिति में नहीं थे. बस इसी बात को आधार मानते हुए कोर्ट ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया.

Ramlala photographer  Kedar Jain
कारसेवकों ने चबूतरे का निर्माण कर रामलला को विराजित कर टेंट लगा दिया

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सभी फोटो संभालकर रखें हैं केदार जैन

सबसे खास बात यह है कि फोटोग्राफर केदार जैन के पास आज भी उस दौरान के सभी फोटोग्राफ मौजूद हैं और वह अपने पास सैकड़ों की संख्या में पल-पल की घटना की सभी फोटो संभालकर रखे हुए हैं. उनका कहना है कि बस मन में आखिरी इच्छा यही है कि अपने पूरे परिवार के साथ रामलला के दर्शन करने अयोध्या जाऊं. इससे बड़ी खुशी मेरे लिए कुछ नहीं है यह कहते हुए केदार जैन भावुक होते हुए नजर आए.

Last Updated : Jan 6, 2024, 7:33 PM IST
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