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गाजीपुर बॉर्डर पर अन्नदाताओं के लिए खाने का इस तरह हो रहा इंतजाम - गाजीपुर बॉर्डर

केंद्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानूनों के खिलाफ देशभर के किसान हजारों की संख्या में दिल्ली में प्रवेश के विभिन्न मार्गों पर डटे हुए हैं. इतनी बड़ी संख्या में किसानों के लिए भोजन का प्रबंध करना भी अपने आप में एक बड़ी चुनौती है. इसी बीच दिल्ली गुरुद्वारा सिख प्रबंधन कमेटी द्वारा 15 से 20 हजार लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था की जा रही है.

guru ka langar
गाजीपुर बॉर्डर
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Published : Dec 4, 2020, 8:30 PM IST

नई दिल्ली : दिल्ली उत्तर प्रदेश गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों का प्रदर्शन लगातार जारी है. हजारों की संख्या में किसान अपनी मांगों को लेकर बॉर्डर पर डटे हैं. दिल्ली गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी के एग्जीक्यूटिव मेंबर भूपेंद्र सिंह भुल्लर ने बताया कि यहां चौबीसों घंटे लंगर चल रहा है. सुबह चाय से लेकर रात के खाने तक का इंतजाम लंगर के सेवादारों द्वारा की जा रही है. सुबह चार बजे से लेकर रात के 12 बजे तक लोगों को भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है. इसके लिए 24 घंटे बड़े-बड़े भगोनों में खाना बनाया जा रहा है, ताकि हमारे अन्नदाताओं का पेट भर सके.

दिल्ली गुरुद्वारा सिख प्रबंधन कमेटी ने लगाया लंगर.

जारी रहेगा लंगर
भूपेंद्र सिंह भुल्लर ने बताया कि पिछले सात दिनों से हम अन्नदाताओं का पेट भर रहे हैं. पहले बंगला साहब गुरुद्वारा से बना बनाया खाना आता था, लेकिन किसानों की भीड़ को देखते हुए अब यहीं पर चौबीसों घंटे खाना बनाया जा रहा है. अनुमान के मुताबिक, यहां 15 से 20 हजार लोगों के लिए प्रतिदिन खाना बनाया जा रहा है, ताकि कोई भी किसान भूखा न रह सके. उन्होंने कहा, जितने दिन तक प्रदर्शन जारी रहेगा, उतने दिनों तक यहां लंगर चलता रहेगा. हमारे पास सभी सामानों का भरपूर स्टॉक है और हम अन्नदाताओं का पेट भरने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं.

दिन में ही होने लगती है रात के खाने की तैयारी
गुरु के लंगर में रोजाना हजारों लोगों का खाना तैयार हो रहा है. एक तरफ दिन के खाने की तैयार हो रहा होता है तो वहीं कुछ सेवादारों द्वारा रात के खाने की भी तैयारी की जाती है. बड़े-बड़े बर्तनों में दाल को भिगोया जाता है, ताकि रात का खाना समय से तैयार हो सके. गुरु के लंगर के सेवादारों ने बताया कि सुबह चाय से लेकर रात के खाने तक का इंतजाम किया जा रहा है. इसके लिए सेवादारों की पूरी एक टीम लगाई गई है, जो दिन-रात अन्नदाताओं की सेवा में लगे हैं.

guru ka langar
गाजीपुर बॉर्डर पर लंगर

पढ़ें: कृषि कानूनों के खिलाफ 8 दिसंबर को भारत बंद का आह्वान

इतने सामानों की होती है खपत
गुरु के लंगर के पदाधिकारियों ने बताया कि रोजाना यहां पर दो कुंटल दाल, 10 क्विंटल चावल, पांच क्विंटल सब्जी और 70 से 80 हजार रोटियों की खपत होती है. इसके साथ ही लगभग 100 से 125 लीटर तेल और घी की भी रोजाना खपत है.

नई दिल्ली : दिल्ली उत्तर प्रदेश गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों का प्रदर्शन लगातार जारी है. हजारों की संख्या में किसान अपनी मांगों को लेकर बॉर्डर पर डटे हैं. दिल्ली गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी के एग्जीक्यूटिव मेंबर भूपेंद्र सिंह भुल्लर ने बताया कि यहां चौबीसों घंटे लंगर चल रहा है. सुबह चाय से लेकर रात के खाने तक का इंतजाम लंगर के सेवादारों द्वारा की जा रही है. सुबह चार बजे से लेकर रात के 12 बजे तक लोगों को भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है. इसके लिए 24 घंटे बड़े-बड़े भगोनों में खाना बनाया जा रहा है, ताकि हमारे अन्नदाताओं का पेट भर सके.

दिल्ली गुरुद्वारा सिख प्रबंधन कमेटी ने लगाया लंगर.

जारी रहेगा लंगर
भूपेंद्र सिंह भुल्लर ने बताया कि पिछले सात दिनों से हम अन्नदाताओं का पेट भर रहे हैं. पहले बंगला साहब गुरुद्वारा से बना बनाया खाना आता था, लेकिन किसानों की भीड़ को देखते हुए अब यहीं पर चौबीसों घंटे खाना बनाया जा रहा है. अनुमान के मुताबिक, यहां 15 से 20 हजार लोगों के लिए प्रतिदिन खाना बनाया जा रहा है, ताकि कोई भी किसान भूखा न रह सके. उन्होंने कहा, जितने दिन तक प्रदर्शन जारी रहेगा, उतने दिनों तक यहां लंगर चलता रहेगा. हमारे पास सभी सामानों का भरपूर स्टॉक है और हम अन्नदाताओं का पेट भरने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं.

दिन में ही होने लगती है रात के खाने की तैयारी
गुरु के लंगर में रोजाना हजारों लोगों का खाना तैयार हो रहा है. एक तरफ दिन के खाने की तैयार हो रहा होता है तो वहीं कुछ सेवादारों द्वारा रात के खाने की भी तैयारी की जाती है. बड़े-बड़े बर्तनों में दाल को भिगोया जाता है, ताकि रात का खाना समय से तैयार हो सके. गुरु के लंगर के सेवादारों ने बताया कि सुबह चाय से लेकर रात के खाने तक का इंतजाम किया जा रहा है. इसके लिए सेवादारों की पूरी एक टीम लगाई गई है, जो दिन-रात अन्नदाताओं की सेवा में लगे हैं.

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गाजीपुर बॉर्डर पर लंगर

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इतने सामानों की होती है खपत
गुरु के लंगर के पदाधिकारियों ने बताया कि रोजाना यहां पर दो कुंटल दाल, 10 क्विंटल चावल, पांच क्विंटल सब्जी और 70 से 80 हजार रोटियों की खपत होती है. इसके साथ ही लगभग 100 से 125 लीटर तेल और घी की भी रोजाना खपत है.

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