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Watch: अब पर्यटक नहीं कर पाएंगे 'रानी' का दीदार, 23 की उम्र में देहरादून में तोड़ा दम

Guldar Rani passed away कुछ जानवर चिड़ियाघर की पहचान बन जाते हैं. देहरादून चिड़ियाघर में ऐसी ही पहचान रानी की थी. अनाथ रानी को जब 23 साल पहले देहरादून चिड़ियाघर लाया गया था, तब से वो पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बनी हुई थी. रानी का अब निधन हो गया है. रानी के निधन से चिड़ियाघर के स्टाफ के साथ ही पर्यटक भी शोक में हैं. Rani of Dehradun Zoo

Guldar Rani passed away
देहरादून चिड़ियाघर समाचार
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 29, 2023, 6:51 AM IST

Updated : Sep 29, 2023, 9:31 AM IST

23 साल की गुलदार रानी का निधन

देहरादून: पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र रहने वाली 'रानी' का दीदार अब नहीं हो पाएगा. जी हां देहरादून चिड़ियाघर में पिछले 23 सालों से पर्यटकों के लिए कौतूहल का विषय बनी 'रानी' अब नहीं रही. चिड़ियाघर में रानी के जाने से दुख का माहौल है. पर्यटकों के साथ जू कर्मी भी चिड़ियाघर परिवार के एक सदस्य के जाने पर एक खालीपन महसूस कर रहे हैं.

Guldar Rani passed away
देहरादून जू में अब रानी नहीं दिखेगी.

चिड़ियाघर में शिकारी जीवों को देखते हैं पर्यटक: देहरादून के चिड़ियाघर में हर दिन सैकड़ों पर्यटक पहुंचते हैं. इस दौरान उनके लिए चिड़ियाघर में मौजूद तमाम वन्य जीव आकर्षण का केंद्र होते हैं. लेकिन इन सब में बड़े शिकारी जानवर के रूप में गुलदार और बाघ पर ही पर्यटकों का सबसे ज्यादा फोकस होता है. पर्यटक यहां मौजूद गुलदार जैसे शिकारी जीवों को न केवल देखना चाहते हैं, बल्कि इसके बारे में भी जानने की कोशिश करते हैं.

Guldar Rani passed away
देहरादून चिड़ियाघर की शान थी रानी

2 साल की उम्र में चिड़ियाघर आई थी रानी: दरअसल देहरादून चिड़ियाघर में राज्य स्थापना के कुछ महीनों बाद ही साल 2001 की शुरुआत में 2 से 3 महीने की उम्र में रानी को लाया गया था. चिड़ियाघर में ही इसे रानी नाम दिया गया. रानी को वन विभाग के कर्मियों ने लैंसडाउन प्रभाग से रेस्क्यू किया था. शायद यहां रानी अपनी मां से बिछड़ गई थी और वन कर्मियों की गश्त के दौरान यह अकेले घूमती हुई दिखाई दी थी. इसके बाद रानी को देहरादून के चिड़ियाघर में भेजने का फैसला लिया गया था. तभी से रानी चिड़ियाघर की शान और पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी हुई थी.

Guldar Rani passed away
रानी पर्यटकों में बहुत लोकप्रिय थी

23 साल तक जीवित रही रानी: वैसे तो गुलदार की उम्र 15 से 16 साल मानी जाती है. लेकिन चिड़ियाघर में बेहतर खान-पान और रखरखाव के कारण रानी 23 साल तक बाड़े में विचरण कर लोगों के लिए उत्सुकता का कारण बनी रही. खास बात यह है कि रानी की एक्टिविटी देखकर यह भी माना जाता रहा कि शायद वह देश में अब तक सबसे ज्यादा समय तक जीने वाले गुलदार अली का भी रिकॉर्ड तोड़ सकती है. अली ने 24 साल की उम्र तक जीकर देश में सबसे ज्यादा जीने वाले गुलदार के रूप में रिकॉर्ड बनाया हुआ है. अली कानपुर चिड़ियाघर में था. 2022 में उसकी मौत हुई थी.
ये भी पढ़ें: Leopard Rani: क्या 'अली' का रिकॉर्ड तोड़ पाएगी देहरादून की 'रानी', पर्यटकों के लिए है आकर्षण का केंद्र

अब देहरादून चिड़ियाघर में नहीं दिखेगी रानी: चिड़ियाघर में रानी का कई सालों तक राजा नाम के गुलदार ने भी साथ दिया. रानी ने जहां चिड़ियाघर में 23 साल गुजरे तो वहीं घायल होने के बाद करीब 7 साल के गुलदार राजा को देहरादून चिड़ियाघर में लाया गया था. इसका नाम यहीं पर राजा दिया गया था. लंबे समय तक राजा और रानी की जोड़ी चिड़ियाघर में काफी मशहूर रही थी. कुछ साल पहले ही राजा भी करीब 22 साल की उम्र में चल बसा था. अब रानी के जीवन का अंत होने के बाद चिड़ियाघर में एक बड़े वक्त तक रही हिंसक शिकारी रानी की सिर्फ यादें रह गई हैं.
ये भी पढ़ें: देहरादून चिड़ियाघर के परिवार में बढ़े दो सदस्य, तेंदुओं के बच्चों को मिला नया आशियाना

23 साल की गुलदार रानी का निधन

देहरादून: पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र रहने वाली 'रानी' का दीदार अब नहीं हो पाएगा. जी हां देहरादून चिड़ियाघर में पिछले 23 सालों से पर्यटकों के लिए कौतूहल का विषय बनी 'रानी' अब नहीं रही. चिड़ियाघर में रानी के जाने से दुख का माहौल है. पर्यटकों के साथ जू कर्मी भी चिड़ियाघर परिवार के एक सदस्य के जाने पर एक खालीपन महसूस कर रहे हैं.

Guldar Rani passed away
देहरादून जू में अब रानी नहीं दिखेगी.

चिड़ियाघर में शिकारी जीवों को देखते हैं पर्यटक: देहरादून के चिड़ियाघर में हर दिन सैकड़ों पर्यटक पहुंचते हैं. इस दौरान उनके लिए चिड़ियाघर में मौजूद तमाम वन्य जीव आकर्षण का केंद्र होते हैं. लेकिन इन सब में बड़े शिकारी जानवर के रूप में गुलदार और बाघ पर ही पर्यटकों का सबसे ज्यादा फोकस होता है. पर्यटक यहां मौजूद गुलदार जैसे शिकारी जीवों को न केवल देखना चाहते हैं, बल्कि इसके बारे में भी जानने की कोशिश करते हैं.

Guldar Rani passed away
देहरादून चिड़ियाघर की शान थी रानी

2 साल की उम्र में चिड़ियाघर आई थी रानी: दरअसल देहरादून चिड़ियाघर में राज्य स्थापना के कुछ महीनों बाद ही साल 2001 की शुरुआत में 2 से 3 महीने की उम्र में रानी को लाया गया था. चिड़ियाघर में ही इसे रानी नाम दिया गया. रानी को वन विभाग के कर्मियों ने लैंसडाउन प्रभाग से रेस्क्यू किया था. शायद यहां रानी अपनी मां से बिछड़ गई थी और वन कर्मियों की गश्त के दौरान यह अकेले घूमती हुई दिखाई दी थी. इसके बाद रानी को देहरादून के चिड़ियाघर में भेजने का फैसला लिया गया था. तभी से रानी चिड़ियाघर की शान और पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी हुई थी.

Guldar Rani passed away
रानी पर्यटकों में बहुत लोकप्रिय थी

23 साल तक जीवित रही रानी: वैसे तो गुलदार की उम्र 15 से 16 साल मानी जाती है. लेकिन चिड़ियाघर में बेहतर खान-पान और रखरखाव के कारण रानी 23 साल तक बाड़े में विचरण कर लोगों के लिए उत्सुकता का कारण बनी रही. खास बात यह है कि रानी की एक्टिविटी देखकर यह भी माना जाता रहा कि शायद वह देश में अब तक सबसे ज्यादा समय तक जीने वाले गुलदार अली का भी रिकॉर्ड तोड़ सकती है. अली ने 24 साल की उम्र तक जीकर देश में सबसे ज्यादा जीने वाले गुलदार के रूप में रिकॉर्ड बनाया हुआ है. अली कानपुर चिड़ियाघर में था. 2022 में उसकी मौत हुई थी.
ये भी पढ़ें: Leopard Rani: क्या 'अली' का रिकॉर्ड तोड़ पाएगी देहरादून की 'रानी', पर्यटकों के लिए है आकर्षण का केंद्र

अब देहरादून चिड़ियाघर में नहीं दिखेगी रानी: चिड़ियाघर में रानी का कई सालों तक राजा नाम के गुलदार ने भी साथ दिया. रानी ने जहां चिड़ियाघर में 23 साल गुजरे तो वहीं घायल होने के बाद करीब 7 साल के गुलदार राजा को देहरादून चिड़ियाघर में लाया गया था. इसका नाम यहीं पर राजा दिया गया था. लंबे समय तक राजा और रानी की जोड़ी चिड़ियाघर में काफी मशहूर रही थी. कुछ साल पहले ही राजा भी करीब 22 साल की उम्र में चल बसा था. अब रानी के जीवन का अंत होने के बाद चिड़ियाघर में एक बड़े वक्त तक रही हिंसक शिकारी रानी की सिर्फ यादें रह गई हैं.
ये भी पढ़ें: देहरादून चिड़ियाघर के परिवार में बढ़े दो सदस्य, तेंदुओं के बच्चों को मिला नया आशियाना

Last Updated : Sep 29, 2023, 9:31 AM IST
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