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Gujarat Riots 2002: तीस्ता सीतलवाड़ व दो पूर्व आईपीएस अधिकारियों के खिलाफ दर्ज मामला अहमदाबाद सत्र अदालत स्थानांतरित

गुजरात के अहमदाबाद में मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत ने सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ के खिलाफ गुजरात दंगों के खिलाफ सुनवाई को अहमदाबाद के सत्र न्यायालय भेज दिया है. तीस्ता के साथ भारतीय पुलिस सेवा के दो पूर्व अधिकारियों पर भी यह आरोप है.

Teesta Setalvad accused in Gujarat riots 2002
गुजरात दंगे 2002 में आरोपी तीस्ता सीतलवाड़
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Published : Feb 13, 2023, 9:54 PM IST

अहमदाबाद: गुजरात के अहमदाबाद में मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत ने सोमवार को समाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ और भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के दो पूर्व अधिकारियों के खिलाफ वर्ष 2002 के गुजरात दंगों के बाद सबूतों में छेड़छाड़ कर निर्दोष व्यक्तियों को फंसाने और गुजरात को बदनाम करने के मामले में दर्ज मुकदमे को सुनवाई के लिए अहमदाबाद के सत्र न्यायालय भेज दिया.

अतिरिक्त मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट एम वी चौहान ने सीतलवाड़, राज्य के पूर्व पुलिस महानिदेशक आर बी श्रीकुमार और पूर्व आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट से जुड़े मामले को सुनवाई के लिए अहमदाबाद की सत्र अदालत भेज दिया. अहमदाबाद पुलिस ने जून 2022 में तीनों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी और मामले की जांच करने के लिए गठित विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने उनके खिलाफ पिछले साल 21 सितंबर को मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत में आरोपपत्र दाखिल किया था.

उल्लेखनीय है कि सीतलवाड़ और श्रीकुमार को जून 2022 में गिरफ्तार किया गया था और वे इस समय जमानत पर हैं जबकि भट्ट हिरासत में मौत के एक मामले में गुजरात के बनासकांठा जिले की पालनपुर जेल में उम्रकैद की सजा काट रहे हैं. कानूनी प्रावधान के मुताबिक सभी मामले जिनमें उम्र कैद या सात साल से अधिक सजा होती है, उनकी सुनवाई सत्र न्यायालय में होती है.

पढ़ें: Delimitation of assembly seats in JK: जम्मू कश्मीर में गठित परिसीमन आयोग के खिलाफ याचिका SC में खारिज

अपराध शाखा ने तीनों के खिलाफ प्राथमिकी पिछले साल उच्चतम न्यायालय द्वारा गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य को गुजरात दंगे से जुड़े मामलों में मिली एसआईटी की क्लीन चिट के खिलाफ दाखिल याचिका को खारिज किए जाने के बाद दर्ज की थी.

अहमदाबाद: गुजरात के अहमदाबाद में मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत ने सोमवार को समाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ और भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के दो पूर्व अधिकारियों के खिलाफ वर्ष 2002 के गुजरात दंगों के बाद सबूतों में छेड़छाड़ कर निर्दोष व्यक्तियों को फंसाने और गुजरात को बदनाम करने के मामले में दर्ज मुकदमे को सुनवाई के लिए अहमदाबाद के सत्र न्यायालय भेज दिया.

अतिरिक्त मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट एम वी चौहान ने सीतलवाड़, राज्य के पूर्व पुलिस महानिदेशक आर बी श्रीकुमार और पूर्व आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट से जुड़े मामले को सुनवाई के लिए अहमदाबाद की सत्र अदालत भेज दिया. अहमदाबाद पुलिस ने जून 2022 में तीनों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी और मामले की जांच करने के लिए गठित विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने उनके खिलाफ पिछले साल 21 सितंबर को मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत में आरोपपत्र दाखिल किया था.

उल्लेखनीय है कि सीतलवाड़ और श्रीकुमार को जून 2022 में गिरफ्तार किया गया था और वे इस समय जमानत पर हैं जबकि भट्ट हिरासत में मौत के एक मामले में गुजरात के बनासकांठा जिले की पालनपुर जेल में उम्रकैद की सजा काट रहे हैं. कानूनी प्रावधान के मुताबिक सभी मामले जिनमें उम्र कैद या सात साल से अधिक सजा होती है, उनकी सुनवाई सत्र न्यायालय में होती है.

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अपराध शाखा ने तीनों के खिलाफ प्राथमिकी पिछले साल उच्चतम न्यायालय द्वारा गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य को गुजरात दंगे से जुड़े मामलों में मिली एसआईटी की क्लीन चिट के खिलाफ दाखिल याचिका को खारिज किए जाने के बाद दर्ज की थी.

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