गांधीनगर: राज्य सरकार ने बुधवार को गुजरात विधानसभा में बताया कि गुजरात के 560 मछुआरे पाकिस्तान की विभिन्न जेलों में बंद हैं. गुजरात विधानसभा के प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस विधायक शैलेश परमार के सवाल के जवाब में राज्य सरकार ने जवाब दिया कि 31 दिसंबर, 2022 तक पाकिस्तान की जेलों में 560 मछुआरे बंद हैं. 560 में 274 मछुआरे यानी 49 फीसदी मछुआरों को दो साल में पकड़ा गया है, जिसमें साल 2021 में 193 मछुआरे और साल 2022 में 81 मछुआरे पाकिस्तानी तंत्र ने पकड़े हैं.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पाकिस्तानी की जेलों में बंद कई भारतीय मछुआरों ने अपनी सजा पूरी कर ली है लेकिन उनको रिहाई नहीं मिल पा रही है. ऐसे में राज्य सरकार को मछुआरों की रिहाई के लिए केंद्र सरकार को आवेदन देना होता है. राज्य सरकार ने प्रश्नकाल में उठाए गए सवाल का जवाब देते हुए कहा कि साल 2021 में कुल 21 बार और 11 बार मछुआरों और नावों को रिहा करने के लिए पेश किया गया है और 2022 में मछुआरों की राष्ट्रीयता का विवरण भी भारत सरकार के गृह विभाग को उपलब्ध करा दिया गया है, उन्हें छोड़ने का अनुरोध किया गया है.
जब गुजरात के मछुआरे मछली पकड़ने के दौरान पाकिस्तान की सीमा में प्रवेश कर जाते हैं तो उन्हें पाकिस्तानी तंत्र द्वारा गिरफ्तार कर जेल भेज दिया जाता है, तो गुजरात सरकार मछुआरों के परिवारों को प्रति दिन 300 रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान करती है. वर्तमान में राज्य सरकार द्वारा कुल 323 परिवारों को 300 रुपये की वित्तीय सहायता दी जा रही है. फिलहाल, इस वर्ष के आंकड़ों की जानकारी अभी तक नहीं मिली है.