अहमदाबाद: गुजरात विश्वविद्यालय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिग्री मांगने को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया है. इस मामले में अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट जयेशभाई चौटिया की अदालत ने शनिवार को शिकायत के आधार पर भारतीय दंड संहिता की धारा 500 (मानहानि) के तहत मामले की सुनवाई के लिए आम आदमी पार्टी के अरविंद केजरीवाल और संजय सिंह को 23 मई को तलब किया.
जानकारी के अनुसार पीएम मोदी की डिग्री मांगने को लेकर गुजरात विश्वविद्यालय की ओर से दर्ज कराए गए मानहानि मामले में अहमदाबाद की अदालत ने अरविंद केजरीवाल और आप नेता संजय सिंह के खिलाफ समन जारी किया है. अहमदाबाद की क्रिमिनल कोर्ट ने एक याचिका पर दोनों नेताओं के खिलाफ यह समन जारी किया है. इस मामले की जानकारी विश्वविद्यालय के महासचिव ने दी है. याचिका में कहा गया है कि हाई कोर्ट के फैसले के बाद दोनों नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिससे गुजरात यूनिवर्सिटी की साख को नुकसान पहुंचा है.
याचिकाकर्ता के वकील अमित नायर ने कहा कि 31 मार्च को गुजरात हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिग्री से जुड़े दस्तावेज नहीं देने चाहिए. इसके बाद 1 अप्रैल को अरविंद केजरीवाल ने फिर से ट्विटर और अन्य मीडिया पर पीएम मोदी और गुजरात विश्वविद्यालय के बारे में बात की और उसके अगले दिन भी उन्होंने गुजरात विश्वविद्यालय पर सवाल उठाए. हाई कोर्ट में दिए फैसले के अनुसार, गुजरात यूनिवर्सिटी की वेबसाइट पर पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दस्तावेज अपलोड किए जा चुके हैं.
याचिका में कहा गया कि दोनों नेता पहले से ही इससे वाकिफ थे, लेकिन इसके बावजूद इस तरह से भड़काने की कोशिश करते रहे. आगे कहा कि 12 अप्रैल को कोर्ट में गुजरात यूनिवर्सिटी के डॉ. पीयूष पटेल ने यह शिकायत की थी. उस दिन अदालत द्वारा सत्यापन किया गया और अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि उनके दस्तावेज ऑनलाइन उपलब्ध हैं. पटेल ने कहा कि इसके संबंध में अदालत द्वारा उनके खिलाफ मामला दायर किया जाना चाहिए. अब 23 मई को संजय सिंह और अरविंद केजरीवाल को कोर्ट में पेश होना है.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गुजरात राज्य के राज्य कानूनी सेवा विभाग द्वारा जुर्माना राशि जमा करने का निर्देश दिया गया था. गौरतलब है कि गुजरात हाई कोर्ट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिग्री को लेकर सीआईसी का आदेश रद्द कर दिया था. अरविंद केजरीवाल पर 25,000 का जुर्माना लगाया गया. उच्च न्यायालय ने इस जुर्माने की राशि को गुजरात राज्य के राज्य कानूनी सेवा विभाग में जमा करने का आदेश दिया.