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दाह संस्कार की चल रही थी तैयारी, मृतक का चेहरा देखते ही उड़ गए सभी के होश

पीएमसीएच की घोर लापरवाही सामने आई है. यहां जिंदा मरीज के परिजनों को किसी दूसरे की लाश सौंप दी गई. हैरानी की बात ये है कि मरीज अभी भी जिंदा है और उसकी तबीयत में सुधार हो रहा है. जिला प्रशासन की टीम बांस घाट से डेड बॉडी को वापस पीएमसीएच लाई.

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Published : Apr 11, 2021, 9:40 PM IST

पटना : पीएमसीएच की घोर लापरवाही देखने को मिली है. यहां जिंदा मरीज के परिजनों को किसी दूसरे की लाश सौंप दी. हैरानी की बात ये है कि मरीज अभी भी जिंदा है और उसकी तबियत में सुधार हो रहा है. जिला प्रशासन की टीम बांस घाट से डेड बॉडी को वापस पीएमसीएच लाई है.

पीएमसीएच की बड़ी लापरवाही
दरअसल, यहां दाह संस्कार क्रम के दौरान परिजनों ने जब मुखाग्नि देने के लिए चेहरे का कवर हटाया, तो पता चला कि शव उनके परिजन का है ही नहीं. इस पर परिजनों ने अस्पताल परिसर में जमकर हंगामा किया.

पटना पीएमसीएच में बड़ी लापरवाही.

पीएमसीएच में मरीज अभी जिंदा
ऐसे में डॉक्टरों ने एक परिजन को पीपीई किट पहनाकर कोरोना वार्ड के अंदर भेजा, ताकि वो अपने मरीज को पहचान सके. ऐसे में परिजन ने पाया कि उनका मरीज जिंदा है और सुधार की हालत में है. बाहर निकल कर परिजनों ने बताया कि जिंदा मरीज का डेथ सर्टिफिकेट तैयार कर दिया गया और उन्हें बॉडी सुपुर्द करने वक्त भी अस्पताल प्रबंधन की तरफ से मरीज का चेहरा नहीं दिखाया गया. परिजनों ने कहा कि ये अस्पताल प्रबंधन की बड़ी लापरवाही है कि जिंदा मरीज को मृत घोषित कर दिया जा रहा है.

पढ़ेंः इंदौर में कोरोना स्थिति हुई बदतर, अस्पताल के दरवाजे पर दम तोड़ रहीं जिंदगियां

पटना : पीएमसीएच की घोर लापरवाही देखने को मिली है. यहां जिंदा मरीज के परिजनों को किसी दूसरे की लाश सौंप दी. हैरानी की बात ये है कि मरीज अभी भी जिंदा है और उसकी तबियत में सुधार हो रहा है. जिला प्रशासन की टीम बांस घाट से डेड बॉडी को वापस पीएमसीएच लाई है.

पीएमसीएच की बड़ी लापरवाही
दरअसल, यहां दाह संस्कार क्रम के दौरान परिजनों ने जब मुखाग्नि देने के लिए चेहरे का कवर हटाया, तो पता चला कि शव उनके परिजन का है ही नहीं. इस पर परिजनों ने अस्पताल परिसर में जमकर हंगामा किया.

पटना पीएमसीएच में बड़ी लापरवाही.

पीएमसीएच में मरीज अभी जिंदा
ऐसे में डॉक्टरों ने एक परिजन को पीपीई किट पहनाकर कोरोना वार्ड के अंदर भेजा, ताकि वो अपने मरीज को पहचान सके. ऐसे में परिजन ने पाया कि उनका मरीज जिंदा है और सुधार की हालत में है. बाहर निकल कर परिजनों ने बताया कि जिंदा मरीज का डेथ सर्टिफिकेट तैयार कर दिया गया और उन्हें बॉडी सुपुर्द करने वक्त भी अस्पताल प्रबंधन की तरफ से मरीज का चेहरा नहीं दिखाया गया. परिजनों ने कहा कि ये अस्पताल प्रबंधन की बड़ी लापरवाही है कि जिंदा मरीज को मृत घोषित कर दिया जा रहा है.

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